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जानें क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस, इतिहास व थीम

National Voters Day 2024 : भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. देश के भीतर शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान कराना सबसे बड़ी चुनौती होती है. भारतीय संविधान में यह दायित्व भारत निर्वाचन आयोग को दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

National Voters Day 2024
National Voters Day 2024
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 24, 2024, 6:33 PM IST

हैदराबाद : ज्यादा से ज्यादा युवाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा के लेने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. पहली बार 2011 में इसका आयोजन किया गया था. 25 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के अनुसार चुनाव आयुक्त की स्थापना की गई थी. इसी कारण राष्ट्रीय मतदाता दिवस इस तारीख को मनाया जाता है. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन देश भर में फैले मतदान केंद्रों पर विशेष आयोजन किया जाता है. इस दौरान नये मतदातओं का पंजीकरण, मृत या विस्थापित मतदाताओं का नाम हटाना, फोटो युक्त चुनाव पहचान पत्र (Electoral Photo Identity Card) निर्माण के लिए आवेदन लिया जाता है. इस दिन आयोग की ओर से मैराथन दौड़, रैली सहित, सेमिनार आदि का आयोजन किया जाता है.

ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को चुनाव में हिस्सा लेने के लिए चुनाव आयोग नियमित रूप से खासकर चुनाव पूर्व कई प्रकार के अभियानों को चलाता है. इसी कड़ी में आयोग की ओर से व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी चलाया जाता है. इसे SVEEP कहा जाता है. इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा योग्य युवाओं का मतदाता सूची में पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करना व पंजीकृत मतदाताओं को चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करना.

कौन कर सकता है मतदान
भारतीय नागरिक जिसने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, वह भारत की चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकता है. हालांकि, वोट डालने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की नागरिक मतदाता सूची में पंजीकरण कराना आवश्यक है. उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. सत्यापन के बाद चुनाव आयोग की ओर से संबंधित को मतदाता पहचान पत्र जारी किया जाता है. वोटर आईडी कार्ड प्राप्त करना एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम

  1. 2024 वोटिंग जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम
  2. 2023- नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर
  3. 2022- चुनावों को समावेशी, सुलभ और सहभागी बनाना
  4. 2001-हमारे मतदाताओं को सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और सूचित बनाना
  5. 2020-मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता
  6. 2019-कोई भी मतदाता पीछे न छूटे

चुनाव आयोग एक नजर में

  1. चुनाव आयोग भारत की संवैधानिक संस्था है.
  2. इसकी स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई है.
  3. 2001 में चुनाव आयोग ने गोल्डन जुबली पूरा किया.
  4. भारत एक समाजवादी, सेक्यूलर और लोकतांत्रिक देश है.
  5. आज के समय में भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है.
  6. पहली बार 1989 में 2 सहायक चुनाव आयुक्तों का प्रावधान किया गया.
  7. भारतीय संविधान में चुनाव आयोग को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए अधिकार प्राप्त है.
  8. चुनाव आयोग के पास राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्य सभा, लोकसभा, विधान परिषद और विधान सभा कराने की जिम्मेदार

लोक सभा चुनाव वर्ष

  1. 1st 1951
  2. 2nd 1957
  3. 3rd 1962
  4. 4th 1967
  5. 5th 1971
  6. 6th 1977
  7. 7th 1980
  8. 8th 1984
  9. 9th 1989
  10. 10th 1991
  11. 11th 1996
  12. 12th 1998
  13. 13th 1999
  14. 14th 2004
  15. 15th 2009
  16. 16th 2014
  17. 17th 2019

मतदान जागरूकता पर आधारित नारे

मैं एक आजाद देश का नागरिक हूं. वोट करना मेरा अधिकार ही नहीं जिम्मेदारी भी है.

मतदान आपका अधिकार ही नहीं जिम्मेदारी भी है; अपना वोट डालें और अपनी आवाज सुनें.

मतदान लोकतंत्र का स्तंभ है; आपका वोट आपके दिवंगत देशवासियों की आस्था को कायम रखने में मदद करता है.

यदि आपने कभी यह सोचकर वोट नहीं डाला है कि कुछ नहीं बदलेगा, तो अब समय है, इस अवसर का उपयोग इसे बदलने के लिए करें.

मैं एक औरत हूं. मुझे आजमाया गया है. मैं हारा हुआ महसूस करता हूं. मैं थक गया हूं. मैं दबा हुआ महसूस करता हूं. मुझे चुप रहने के लिए कहा गया है, लेकिन आप मेरे वोट से मेरी दहाड़ सुनेंगे.

मतदान एक ऐसी शक्ति है जिसका उपयोग करके मैं एक योग्य व्यक्ति को चुन सकता हूं और अपने देश के विकास में भाग ले सकता हूं. इसी भाव के साथ अपनी जिम्मेदारियां निभाएं और अपने मताधिकार का प्रयोग करें.

यदि आपको कोई चीज पसंद नहीं है, तो आप उसके बारे में चुप रहना क्यों पसंद कर रहे हैं जबकि आपके पास बदलाव करने का अधिकार है? आप जिस पर विश्वास करते हैं उसके लिए खड़े हों और अपना वोट डालें.

हैदराबाद : ज्यादा से ज्यादा युवाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा के लेने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. पहली बार 2011 में इसका आयोजन किया गया था. 25 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के अनुसार चुनाव आयुक्त की स्थापना की गई थी. इसी कारण राष्ट्रीय मतदाता दिवस इस तारीख को मनाया जाता है. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन देश भर में फैले मतदान केंद्रों पर विशेष आयोजन किया जाता है. इस दौरान नये मतदातओं का पंजीकरण, मृत या विस्थापित मतदाताओं का नाम हटाना, फोटो युक्त चुनाव पहचान पत्र (Electoral Photo Identity Card) निर्माण के लिए आवेदन लिया जाता है. इस दिन आयोग की ओर से मैराथन दौड़, रैली सहित, सेमिनार आदि का आयोजन किया जाता है.

ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को चुनाव में हिस्सा लेने के लिए चुनाव आयोग नियमित रूप से खासकर चुनाव पूर्व कई प्रकार के अभियानों को चलाता है. इसी कड़ी में आयोग की ओर से व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी चलाया जाता है. इसे SVEEP कहा जाता है. इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा योग्य युवाओं का मतदाता सूची में पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करना व पंजीकृत मतदाताओं को चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करना.

कौन कर सकता है मतदान
भारतीय नागरिक जिसने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, वह भारत की चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकता है. हालांकि, वोट डालने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की नागरिक मतदाता सूची में पंजीकरण कराना आवश्यक है. उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. सत्यापन के बाद चुनाव आयोग की ओर से संबंधित को मतदाता पहचान पत्र जारी किया जाता है. वोटर आईडी कार्ड प्राप्त करना एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम

  1. 2024 वोटिंग जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम
  2. 2023- नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर
  3. 2022- चुनावों को समावेशी, सुलभ और सहभागी बनाना
  4. 2001-हमारे मतदाताओं को सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और सूचित बनाना
  5. 2020-मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता
  6. 2019-कोई भी मतदाता पीछे न छूटे

चुनाव आयोग एक नजर में

  1. चुनाव आयोग भारत की संवैधानिक संस्था है.
  2. इसकी स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई है.
  3. 2001 में चुनाव आयोग ने गोल्डन जुबली पूरा किया.
  4. भारत एक समाजवादी, सेक्यूलर और लोकतांत्रिक देश है.
  5. आज के समय में भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है.
  6. पहली बार 1989 में 2 सहायक चुनाव आयुक्तों का प्रावधान किया गया.
  7. भारतीय संविधान में चुनाव आयोग को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए अधिकार प्राप्त है.
  8. चुनाव आयोग के पास राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्य सभा, लोकसभा, विधान परिषद और विधान सभा कराने की जिम्मेदार

लोक सभा चुनाव वर्ष

  1. 1st 1951
  2. 2nd 1957
  3. 3rd 1962
  4. 4th 1967
  5. 5th 1971
  6. 6th 1977
  7. 7th 1980
  8. 8th 1984
  9. 9th 1989
  10. 10th 1991
  11. 11th 1996
  12. 12th 1998
  13. 13th 1999
  14. 14th 2004
  15. 15th 2009
  16. 16th 2014
  17. 17th 2019

मतदान जागरूकता पर आधारित नारे

मैं एक आजाद देश का नागरिक हूं. वोट करना मेरा अधिकार ही नहीं जिम्मेदारी भी है.

मतदान आपका अधिकार ही नहीं जिम्मेदारी भी है; अपना वोट डालें और अपनी आवाज सुनें.

मतदान लोकतंत्र का स्तंभ है; आपका वोट आपके दिवंगत देशवासियों की आस्था को कायम रखने में मदद करता है.

यदि आपने कभी यह सोचकर वोट नहीं डाला है कि कुछ नहीं बदलेगा, तो अब समय है, इस अवसर का उपयोग इसे बदलने के लिए करें.

मैं एक औरत हूं. मुझे आजमाया गया है. मैं हारा हुआ महसूस करता हूं. मैं थक गया हूं. मैं दबा हुआ महसूस करता हूं. मुझे चुप रहने के लिए कहा गया है, लेकिन आप मेरे वोट से मेरी दहाड़ सुनेंगे.

मतदान एक ऐसी शक्ति है जिसका उपयोग करके मैं एक योग्य व्यक्ति को चुन सकता हूं और अपने देश के विकास में भाग ले सकता हूं. इसी भाव के साथ अपनी जिम्मेदारियां निभाएं और अपने मताधिकार का प्रयोग करें.

यदि आपको कोई चीज पसंद नहीं है, तो आप उसके बारे में चुप रहना क्यों पसंद कर रहे हैं जबकि आपके पास बदलाव करने का अधिकार है? आप जिस पर विश्वास करते हैं उसके लिए खड़े हों और अपना वोट डालें.

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