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11 साल बाद नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में अदालत का बड़ा फैसला, दो आरोपियों को आजीवन कारावास - Narendra Dabholkar Murder Case

Narendra Dabholkar Murder Case, महाराष्ट्र में बहुचर्चित नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड मामले में शुक्रवार को पुणे की एक विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, वहीं तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है.

Narendra Dabholkar murder case
नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड (ETV Bharat Maharashtra Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 10, 2024, 12:20 PM IST

Updated : May 10, 2024, 6:39 PM IST

पुणे: महाराष्ट्र में पुणे की विशेष अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में फैसला सुनाया है. अदालत ने आरोपी वीरेंद्र सिंह तावड़े, संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को बरी कर दिया है. वहीं आरोपी सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

नरेंद्र दाभोलकर के बेटे डॉ. हामिद दाभोलकर ने कहा कि 'विचारकों के लिए ख़तरा अभी ख़त्म नहीं हुआ है. लोगों को खत्म करके विचारों को खत्म नहीं किया जा सकता. जिन लोगों पर विचारधारा का संदेह था, उन पर कोर्ट ने मुहर लगा दी. मुख्य सूत्रधार को गिरफ्तार कर लिया गया.' हामिद दाभोलकर ने कहा कि वह इसके लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

नरेंद्र दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर ने कहा कि 'गौरी लंकेश की हत्या के बाद, सचिन अंदुरे, शरद कलसरकर को गिरफ्तार किया गया था. जांच एक स्तर पर रोक दी गई. गोली चलाने वाले को कोर्ट ने सजा सुना दी है. 11 साल से चल रही है अंधविश्वास की लड़ाई निर्मलून समिति और मीडिया ने इस मुद्दे को उठाया है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'किसने इन 24 से 25 साल के आरोपियों का ब्रेनवॉश किया. जांच एजेंसियों को वारदात के मास्टरमाइंड का पता लगाना चाहिए. सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में यह भी कहा था कि यह एक व्यापक आतंकी साजिश का हिस्सा था.'

पुणे: महाराष्ट्र में पुणे की विशेष अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में फैसला सुनाया है. अदालत ने आरोपी वीरेंद्र सिंह तावड़े, संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को बरी कर दिया है. वहीं आरोपी सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

नरेंद्र दाभोलकर के बेटे डॉ. हामिद दाभोलकर ने कहा कि 'विचारकों के लिए ख़तरा अभी ख़त्म नहीं हुआ है. लोगों को खत्म करके विचारों को खत्म नहीं किया जा सकता. जिन लोगों पर विचारधारा का संदेह था, उन पर कोर्ट ने मुहर लगा दी. मुख्य सूत्रधार को गिरफ्तार कर लिया गया.' हामिद दाभोलकर ने कहा कि वह इसके लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

नरेंद्र दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर ने कहा कि 'गौरी लंकेश की हत्या के बाद, सचिन अंदुरे, शरद कलसरकर को गिरफ्तार किया गया था. जांच एक स्तर पर रोक दी गई. गोली चलाने वाले को कोर्ट ने सजा सुना दी है. 11 साल से चल रही है अंधविश्वास की लड़ाई निर्मलून समिति और मीडिया ने इस मुद्दे को उठाया है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'किसने इन 24 से 25 साल के आरोपियों का ब्रेनवॉश किया. जांच एजेंसियों को वारदात के मास्टरमाइंड का पता लगाना चाहिए. सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में यह भी कहा था कि यह एक व्यापक आतंकी साजिश का हिस्सा था.'

Last Updated : May 10, 2024, 6:39 PM IST
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