नारायणपुर: नारायणपुर की पुलिस गश्त पार्टी पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों ने पुलिस की गश्त पार्टी पर हत्या, लूटपाट और मारपीट के संगीन आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों ने मामले की शिकायत करने के लिए जिला मुख्यालय की ओर कूच किया था, लेकिन उन्हें पुलिस बल ने आधे रास्ते में आकाबेड़ा कैंप के पास रोक दिया. जिसके बाद ग्रामीणों ने आंकाबेडा कैंप के सामने ही जुटकर विरोध प्रदर्शन किया.
क्या है पूरा मामला: नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि, पुलिस ने गश्त सर्चिंग के दौरान अबूझमाड़ के डुमनार, कोडनार, पयेवेर और उसेली में ग्रामीणों के साथ मारपीट की है. साथ ही घर में लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया है. ग्रामीणों ने अबूझमाड़ के गोमागाल में घटित एनकाउंटर और सुकमा एनकाउंटर की घटना का जिक्र करते हुए पुलिस पर ग्रामीणों को फर्जी मुठभेड़ में मारने का आरोप भी लगाया है. ग्रामीणों ने आंकाबेड़ा कैंप के सामने सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर नारे बाजी की है. ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं.
आकाबेड़ा कैंप के पास ग्रामीणों को रोका: बुधवार को दर्जनों ग्रामों के आदिवासी ग्रामीण ट्रैक्टर में सवार होकर जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपने निकले थे. जिसे आधे रास्ते में ग्राम आकाबेड़ा कैंप के पास पुलिस द्वारा रोक लिया गया. ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक के नाम आकाबेडा पुलिस कैंप प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर दोषी पुलिस कर्मियों पर एफआईआर कर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं सात दिन में एक्नशन नहीं लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. ग्रामीण पुलिस द्वारा किए कार्रवाई से डरे और घबराए हुए हैं. वहीं जिला मुख्यालय तक अपनी बात नही पहुंचा पाने से वे सभी काफी चिंतित भी हैं.
ग्रामीणों के आरोपों को बताया बेबुनियाद: इस पूरे मामले पर नारायणपुर एएसपी हेमसागर सिदार ने ग्रामीणों के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई होने पर नक्सली ग्रामीणों को मोहरा बनाकर उन्हें भेज कर पुलिस पर आरोप लगवाते हैं.