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नागोताल के मणिधारी नाग, अद्भुत रहस्य डरावने सांपों की सैरगाह उमरिया ताल में लोटते हैं नाग - Nagotal Nagmani Snakes Umaria

मणि वाले सांपों की कहानी आपने सुनी होगी, फिल्मों में देखा भी होगा. लेकिन क्या आपको पता है मध्य प्रदेश के शहडोल संभाग के उमरिया जिले में एक ऐसी जगह है, जहां कभी मणी वाले सांप पाए जाते थे. आज भी यहां कई ऐसे अद्भुत रहस्यमई सर्पों का बसेरा है, जो इस जगह को चमत्कारी बनाता है. इस जगह का नाम ही नागोताल है.

Nagotal Nagmani Snakes Umaria
सांपों का घर नागोताल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 9:43 AM IST

Updated : Jul 13, 2024, 4:25 PM IST

उमरिया [Umaria Nagotal Snakeland]. मध्य प्रदेश का शहडोल संभाग प्राकृतिक खूबसूरती, प्राकृतिक संसाधन, प्राकृतिक धरोहर, पुरातन नदी, तालाब और जंगलों से हरा भरा हुआ है. शहडोल संभाग में कहीं भी आप जाएंगे आपको कई ऐसी अद्भुत जगह के दर्शन होंगे, जिनके बारे में ना आपने कभी सुना होगा, ना कभी जाना होगा. एक ऐसी ही जगह है शहडोल संभाग के उमरिया जिले के नौरोजाबाद से लगभग 5 किलोमीटर दूर पटपरा ग्राम पंचायत. इसी गांव में मौजूद है यह अद्भुत जगह जिसका नाम है नागोताल. जैसा नाम है, वैसी जगह भी है, अद्भुत और रहस्यमयी. यहां के बारे में कहा जाता है कि यहां आज भी कई अद्भुत सांपों के दर्शन हो जाते हैं. ऐसे सर्प दिख जाते हैं जो रहस्यमई होते हैं, जिनको कभी आपने देखा भी ना होगा. इस जगह पर कब कहां कौन सा सर्प आपको दिख जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता है यह आम बात है.

Nagmani Snakes Umaria
कुंड से निकल रही अविरल धारा (Etv Bharat)

जैसा नाम वैसी जगह?
नागोताल जैसा नाम है वैसी जगह भी है. यहां एक कुंड से अविरल धारा बहती है. एक तालाब भी है और सांपों का बसेरा भी है. इसीलिए इस जगह का नाम नागोताल रखा गया है. इस जगह पर जाते ही आपको एक अलग ही अनुभव का एहसास होगा. अब तो यह धार्मिक स्थल के तौर पर भी प्रचलित हो गया है. मंदिर के अंदर नागराज विराजे हैं, शंकर जी की भी स्थापना कर दी गई है. इस प्राकृतिक खूबसूरती से भरे जगह पर जाकर आपको एक अलग ही रहस्यमयी दुनिया का आभास होगा. जिस तरह से इस जगह का नाम नागोताल है ठीक उसी तरह से उसका एहसास भी होगा.

Snake Nagotal Temple Madhya Pradesh
नागोताल मंदिर का प्रदेश द्वार (Etv Bharat)

यहां सबकुछ चमत्कारी
नागोताल में जाएंगे तो आपको सब कुछ अद्भुत और रहस्यमई लगेगा. नागोताल मैकल पर्वत की तराई पर स्थित है. यहां के बारे में जब हमने वहां के पुजारी ललित गिरी महाराज से जानकारी ली तो वो बताते हैं कि ''आज तक यहां कोई पुजारी रात में नहीं रुका है, लेकिन पिछले कई सालों से वो यहां रुक रहे हैं. इस दौरान यहां एक से एक रहस्यमई नाग देवता के दर्शन किए हैं. कई बार उनसे उनका सामना भी हुआ है, जहां पर सोते हैं उसके आसपास भी सांप भटकते दिखे हैं. लेकिन उनकी एक खासियत है कि आज तक नाग देवता ने उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाए है.''

कुंड से निकल रही अविरल धारा
मंदिर के पास एक प्राकृतिक कुंड भी मौजूद है. उस धार्मिक स्थल पर घूमने आए कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि ''ये जो प्राकृतिक कुंड है और जहां से एक छोटी सी धारा पानी की निकलती है, वो सदियों से निकल रही है. पानी क्यों निकल रहा है कब से निकल रहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है. उस कुंड से पानी बहके थोड़ी दूर जाकर एक तालाब में रुकता है, और उस तालाब में वो पानी जमा रहता है.'' वहां के लोग बताते हैं कि इस कुंड का पानी कभी नहीं सूखता है, कितनी भी प्रचंड गर्मी पड़े, कितना भी अकाल पड़े आज तक इस कुंड का पानी नहीं सूखा है. कुंड की जो अविरल धारा वहां से बह रही है, उसकी वजह से उस तालाब का पानी भी कभी नहीं सूखा है और यह एक रहस्य है.

Umaria Mysterious Snake Habitat
मंदिर में विराजे हैं शिवजी (Etv Bharat)

सावन और नागपंचमी को होती है विशेष पूजा
सावन का महीना शुरू होने को है. यहां नाग देवता भी पाए जाते हैं और शिवजी भी मंदिर में विराजमान हैं, इसलिए सावन में यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी रहती है. वहीं नाग पंचमी के दिन यहां विशेष पूजा भी होती है. दर्शन करने आए आसपास के ग्रामीण बताते हैं कि इस मंदिर में लोगों की बड़ी आस्था है, ऐसा माना जाता है कि यहां पूजा पाठ करने से हर मन्नत पूरी होती है. नाग पंचमी के दिन तो यहां विशेष पूजा होती है और यहां श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है. अब ये आस्था का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है.

नागोताल में क्या-क्या है?
अगर आप नागोताल जाते हैं तो वहां पर आज भी अद्भुत रहस्यमयी सांपों के दर्शन तो आपको होंगे ही होंगे साथ ही प्रकृति का खूबसूरत नजारा भी आपको देखने को मिलेगा. एक अलग ही दुनिया वहां नजर आएगी, इसके अलावा अब वो धार्मिक स्थल भी बन चुका है. वहां पर शेषनाग हैं, जिनके बारे में कहा जाता है, कि यह जमीन के अंदर से खुदाई करके निकाले गए हैं और उन्हीं के बीच में भगवान भोलेनाथ भी विराजे हुए हैं. इसके अलावा बजरंगबली भी हैं, सन्यासी बाबा हैं और माता जी का भी स्थान बनाया गया है. सिद्ध बाबा हैं, और रहस्यमई पावन कुंड भी है, जो चमत्कारी हैं. अब यह जगह पूरी तरह से धार्मिक स्थल बन चुका है लोग यहां मन्नते मांगते हैं भगवान के दर्शन को आते हैं.

मणि वाले सांपों की जगह?
नागोताल नौरोजाबाद से लगे मैकल पर्वत की तराई वाले क्षेत्र में है. इस क्षेत्र में चलते फिरते कहीं पर भी सर्प मिल जाते हैं. इस क्षेत्र के बारे में कुछ वहां के पुराने ग्रामीण बताते हैं कि उनके पूर्वजों ने उन्हें बताया है कि यहां पर कभी मणि वाले सांप भी पाए जाते थे और यह जगह तरह से पर्वत से लगा हुआ है, पहाड़ भी है, पानी भी है, जंगल भी है जमीन भी है, तपस्वियों की एक बड़ी स्थल हुआ करती थी. ग्रामीण कहते हैं कि आप खुद भी यहां देखते हैं कि इस क्षेत्र में पहुंचते ही एक अलग एहसास होता है. इसीलिए इस जगह का नाम भी नागोताल रखा गया है.

Nagotal Mysterious snake habitat
सांपों का बसेरा है यह मंदिर (Etv Bharat)

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नागोताल रहस्यमई सांपों का अड्डा
नागोताल रहस्यमयी सांपों की अद्भुत जगह मानी जाती है. आखिर यहां आज भी इस तरह के रहस्यमयी सर्प क्यों मिलते हैं. ये जगह सर्प के लिए ही विशेष क्यों जानी जाती है. इसे लेकर पर्यावरणविद संजय पयासी बताते हैं कि ''नागोताल अपने आप में अद्भुत जगह है. जो नागवंशी शासक थे, वो रतनपुर के रहने वाले थे. नागवंशी शासकों के अंडर में ही ये पूरा इलाका आता था. नागवंशियों ने जब अपनी बेटी की शादी रीवा में की थी, तब दहेज में उन्हें बांधवगढ़ का किला दिया गया था. ये बांधवगढ़ के आसपास ही लगा हुआ क्षेत्र है. यहां नागवंशी रहे हैं, और ये क्षेत्र भी नागवंशी शासकों के अंडर में रहा है. नागवंशी नागों के उपासक रहे हैं, पुजारी रहे हैं, वो जहां भी गए हैं नागों की पूजा करते थे, मंदिर बनाते थे. जो शेषनाग खुदाई से निकले हैं वो इसका प्रमाण भी हैं.''

सांपों के लिए बेस्ट नागोताल का इको सिस्टम
संजय पयासी बताते हैं कि ''नागोताल का जो इको सिस्टम है सांपों के लिए बहुत अच्छा है, उनके लिए वहां पर्याप्त मात्रा में आहार है. जिस जगह जंगल के साथ मिट्टी के साथ छेड़छाड़ कम हुई होगी, जहां जमीन में केमिकल का इस्तेमाल कम होगा, जहां परिवहन कम होगा, वहां ये जीव पाया जाएगा. क्योंकि सांप जमीन पर रहने वाला जीव है. धरती जहां जितनी कम डिस्टर्ब होगी, वहां सांप के लिए उतना अच्छा हैबिटेट होगा. जिस जगह पर जैव विविधता अलग होगी, जंगल अच्छा होगा, उनके लिए आहार श्रृंखला वहां पर अच्छे होते हैं. जहां पानी साल भर रहता है वहां पर सांपों के लिए आहार श्रृंखला अच्छी होती है और इसलिए वहां सांप पाए जाते हैं.

उमरिया [Umaria Nagotal Snakeland]. मध्य प्रदेश का शहडोल संभाग प्राकृतिक खूबसूरती, प्राकृतिक संसाधन, प्राकृतिक धरोहर, पुरातन नदी, तालाब और जंगलों से हरा भरा हुआ है. शहडोल संभाग में कहीं भी आप जाएंगे आपको कई ऐसी अद्भुत जगह के दर्शन होंगे, जिनके बारे में ना आपने कभी सुना होगा, ना कभी जाना होगा. एक ऐसी ही जगह है शहडोल संभाग के उमरिया जिले के नौरोजाबाद से लगभग 5 किलोमीटर दूर पटपरा ग्राम पंचायत. इसी गांव में मौजूद है यह अद्भुत जगह जिसका नाम है नागोताल. जैसा नाम है, वैसी जगह भी है, अद्भुत और रहस्यमयी. यहां के बारे में कहा जाता है कि यहां आज भी कई अद्भुत सांपों के दर्शन हो जाते हैं. ऐसे सर्प दिख जाते हैं जो रहस्यमई होते हैं, जिनको कभी आपने देखा भी ना होगा. इस जगह पर कब कहां कौन सा सर्प आपको दिख जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता है यह आम बात है.

Nagmani Snakes Umaria
कुंड से निकल रही अविरल धारा (Etv Bharat)

जैसा नाम वैसी जगह?
नागोताल जैसा नाम है वैसी जगह भी है. यहां एक कुंड से अविरल धारा बहती है. एक तालाब भी है और सांपों का बसेरा भी है. इसीलिए इस जगह का नाम नागोताल रखा गया है. इस जगह पर जाते ही आपको एक अलग ही अनुभव का एहसास होगा. अब तो यह धार्मिक स्थल के तौर पर भी प्रचलित हो गया है. मंदिर के अंदर नागराज विराजे हैं, शंकर जी की भी स्थापना कर दी गई है. इस प्राकृतिक खूबसूरती से भरे जगह पर जाकर आपको एक अलग ही रहस्यमयी दुनिया का आभास होगा. जिस तरह से इस जगह का नाम नागोताल है ठीक उसी तरह से उसका एहसास भी होगा.

Snake Nagotal Temple Madhya Pradesh
नागोताल मंदिर का प्रदेश द्वार (Etv Bharat)

यहां सबकुछ चमत्कारी
नागोताल में जाएंगे तो आपको सब कुछ अद्भुत और रहस्यमई लगेगा. नागोताल मैकल पर्वत की तराई पर स्थित है. यहां के बारे में जब हमने वहां के पुजारी ललित गिरी महाराज से जानकारी ली तो वो बताते हैं कि ''आज तक यहां कोई पुजारी रात में नहीं रुका है, लेकिन पिछले कई सालों से वो यहां रुक रहे हैं. इस दौरान यहां एक से एक रहस्यमई नाग देवता के दर्शन किए हैं. कई बार उनसे उनका सामना भी हुआ है, जहां पर सोते हैं उसके आसपास भी सांप भटकते दिखे हैं. लेकिन उनकी एक खासियत है कि आज तक नाग देवता ने उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाए है.''

कुंड से निकल रही अविरल धारा
मंदिर के पास एक प्राकृतिक कुंड भी मौजूद है. उस धार्मिक स्थल पर घूमने आए कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि ''ये जो प्राकृतिक कुंड है और जहां से एक छोटी सी धारा पानी की निकलती है, वो सदियों से निकल रही है. पानी क्यों निकल रहा है कब से निकल रहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है. उस कुंड से पानी बहके थोड़ी दूर जाकर एक तालाब में रुकता है, और उस तालाब में वो पानी जमा रहता है.'' वहां के लोग बताते हैं कि इस कुंड का पानी कभी नहीं सूखता है, कितनी भी प्रचंड गर्मी पड़े, कितना भी अकाल पड़े आज तक इस कुंड का पानी नहीं सूखा है. कुंड की जो अविरल धारा वहां से बह रही है, उसकी वजह से उस तालाब का पानी भी कभी नहीं सूखा है और यह एक रहस्य है.

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मंदिर में विराजे हैं शिवजी (Etv Bharat)

सावन और नागपंचमी को होती है विशेष पूजा
सावन का महीना शुरू होने को है. यहां नाग देवता भी पाए जाते हैं और शिवजी भी मंदिर में विराजमान हैं, इसलिए सावन में यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी रहती है. वहीं नाग पंचमी के दिन यहां विशेष पूजा भी होती है. दर्शन करने आए आसपास के ग्रामीण बताते हैं कि इस मंदिर में लोगों की बड़ी आस्था है, ऐसा माना जाता है कि यहां पूजा पाठ करने से हर मन्नत पूरी होती है. नाग पंचमी के दिन तो यहां विशेष पूजा होती है और यहां श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है. अब ये आस्था का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है.

नागोताल में क्या-क्या है?
अगर आप नागोताल जाते हैं तो वहां पर आज भी अद्भुत रहस्यमयी सांपों के दर्शन तो आपको होंगे ही होंगे साथ ही प्रकृति का खूबसूरत नजारा भी आपको देखने को मिलेगा. एक अलग ही दुनिया वहां नजर आएगी, इसके अलावा अब वो धार्मिक स्थल भी बन चुका है. वहां पर शेषनाग हैं, जिनके बारे में कहा जाता है, कि यह जमीन के अंदर से खुदाई करके निकाले गए हैं और उन्हीं के बीच में भगवान भोलेनाथ भी विराजे हुए हैं. इसके अलावा बजरंगबली भी हैं, सन्यासी बाबा हैं और माता जी का भी स्थान बनाया गया है. सिद्ध बाबा हैं, और रहस्यमई पावन कुंड भी है, जो चमत्कारी हैं. अब यह जगह पूरी तरह से धार्मिक स्थल बन चुका है लोग यहां मन्नते मांगते हैं भगवान के दर्शन को आते हैं.

मणि वाले सांपों की जगह?
नागोताल नौरोजाबाद से लगे मैकल पर्वत की तराई वाले क्षेत्र में है. इस क्षेत्र में चलते फिरते कहीं पर भी सर्प मिल जाते हैं. इस क्षेत्र के बारे में कुछ वहां के पुराने ग्रामीण बताते हैं कि उनके पूर्वजों ने उन्हें बताया है कि यहां पर कभी मणि वाले सांप भी पाए जाते थे और यह जगह तरह से पर्वत से लगा हुआ है, पहाड़ भी है, पानी भी है, जंगल भी है जमीन भी है, तपस्वियों की एक बड़ी स्थल हुआ करती थी. ग्रामीण कहते हैं कि आप खुद भी यहां देखते हैं कि इस क्षेत्र में पहुंचते ही एक अलग एहसास होता है. इसीलिए इस जगह का नाम भी नागोताल रखा गया है.

Nagotal Mysterious snake habitat
सांपों का बसेरा है यह मंदिर (Etv Bharat)

Also Read:

बृहस्पति कुंड के हजारों साल पुराने शैल चित्रों का खुलेगा राज, ASI ने शुरू किया सर्वे - ASI surveyed brahspati kund

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नागोताल रहस्यमई सांपों का अड्डा
नागोताल रहस्यमयी सांपों की अद्भुत जगह मानी जाती है. आखिर यहां आज भी इस तरह के रहस्यमयी सर्प क्यों मिलते हैं. ये जगह सर्प के लिए ही विशेष क्यों जानी जाती है. इसे लेकर पर्यावरणविद संजय पयासी बताते हैं कि ''नागोताल अपने आप में अद्भुत जगह है. जो नागवंशी शासक थे, वो रतनपुर के रहने वाले थे. नागवंशी शासकों के अंडर में ही ये पूरा इलाका आता था. नागवंशियों ने जब अपनी बेटी की शादी रीवा में की थी, तब दहेज में उन्हें बांधवगढ़ का किला दिया गया था. ये बांधवगढ़ के आसपास ही लगा हुआ क्षेत्र है. यहां नागवंशी रहे हैं, और ये क्षेत्र भी नागवंशी शासकों के अंडर में रहा है. नागवंशी नागों के उपासक रहे हैं, पुजारी रहे हैं, वो जहां भी गए हैं नागों की पूजा करते थे, मंदिर बनाते थे. जो शेषनाग खुदाई से निकले हैं वो इसका प्रमाण भी हैं.''

सांपों के लिए बेस्ट नागोताल का इको सिस्टम
संजय पयासी बताते हैं कि ''नागोताल का जो इको सिस्टम है सांपों के लिए बहुत अच्छा है, उनके लिए वहां पर्याप्त मात्रा में आहार है. जिस जगह जंगल के साथ मिट्टी के साथ छेड़छाड़ कम हुई होगी, जहां जमीन में केमिकल का इस्तेमाल कम होगा, जहां परिवहन कम होगा, वहां ये जीव पाया जाएगा. क्योंकि सांप जमीन पर रहने वाला जीव है. धरती जहां जितनी कम डिस्टर्ब होगी, वहां सांप के लिए उतना अच्छा हैबिटेट होगा. जिस जगह पर जैव विविधता अलग होगी, जंगल अच्छा होगा, उनके लिए आहार श्रृंखला वहां पर अच्छे होते हैं. जहां पानी साल भर रहता है वहां पर सांपों के लिए आहार श्रृंखला अच्छी होती है और इसलिए वहां सांप पाए जाते हैं.

Last Updated : Jul 13, 2024, 4:25 PM IST
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