तिरुवनंतपुरम: विदेश से घर लौटे 75 वर्षीय एक व्यक्ति में पिस्सू जनित बीमारी म्यूरिन टाइफस का पता चला है. पीड़ित व्यक्ति तिरुवनंतपुरम का रहने वाला है. पीड़ित मरीज ने शरीर में तेज दर्द, थकान और भूख नहीं लगने की वजह से राज्य की राजधानी के एक निजी अस्पताल में इलाज कराया था.
जांच के बाद पता चला कि उसका लीवर और किडनी ठीक से काम नहीं कर रहे थे. वहीं पिस्सू बुखार के लिए किए गए परीक्षण निगेटिव आए. हालांकि बाद में, तमिलनाडु के वेल्लोर में सीएमसी अस्पताल में परीक्षण के बाद उन्हें म्यूरिन टाइफस संक्रमण का पता चला. इस बारे में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मरीज की हालत में सुधार हो रहा है और निजी अस्पताल की आपातकालीन देखभाल टीम उसका इलाज कर रही है. चूंकि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती, इसलिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
म्यूरिन टाइफस क्या है?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, रिकेट्सिया टाइफी मनुष्यों में म्यूरिन टाइफस का एक कारक है. इस वायरस के संवाहक चूहे और पिस्सू होते हैं. इतना ही नहीं इसका संक्रमण भीड़भाड़, प्रदूषण और खराब स्वच्छता से जुड़ा हुआ है. आमतौर पर म्यूरिन टाइफस बुखार, सिरदर्द और धड़ और हाथ-पैरों पर दाने के साथ होता है. कुछ मामलों में, विशिष्ट जटिलताएं लिवर, गुर्दे, फेफड़े या मस्तिष्क को प्रभावित कर सकती हैं. शुरुआत में, यह बीमारी अन्य सामान्य बीमारियों से बहुत मिलती-जुलती है और म्यूरिन टाइफस को डेंगू बुखार के साथ भ्रमित करना बहुत आसान है.
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