मैसूर: कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) (जेडीएस) विधायक जीटी देवेगौड़ा ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाला मामले पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने MUDA मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य सरकार का समर्थन किया.
बता दें कि, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) को 14 भूखंड सरेंडर करने की पेशकश की है. जीटी देवेगौड़ा ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, जांच से पता चलेगा कि अवैध साइट किसने ली है. उन्होंने आगे कहा है कि,एफआईआर दर्ज होते ही किसी भी राजनेता को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है. देवेगौड़ा ने कहा कि, अगर वे ऐसा करते हैं, तो सभी को इस्तीफा दे देना चाहिए...नहीं तो, अदालत के फैसले का इंतजार करना होगा.
उन्होंने मांग की, " मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) को जांच करनी चाहिए कि किसने वैकल्पिक भूखंडों के लिए आवेदन किया है, जो वैध हैं उसे बचाएं और अवैध लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें." उन्होंने कहा, "50:50 अनुपात वाली साइट अवैध नहीं है. जेडीएस नेता ने कहा कि, कुछ भ्रष्ट लोगों को आगे करके किसानों को धोखा देना संभव नहीं है. किसानों को चार गुना राशि देने के लिए प्राधिकरण में पैसा नहीं है, इसीलिए 50:50 अनुपात वाली साइट लागू की गई है. उन्होंने कहा गलतियों की जांच होनी चाहिए.
इस सवाल पर कि क्या वह सिद्धारमैया को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, जीटीडी ने कहा, "मैंने अपने जीवन में कभी भी मुख्यमंत्री को एक भी पत्र नहीं दिया और उनके पास भी नहीं गए." उन्होंने कहा, "यह भाजपा और जेडीएस का मामला नहीं है, सभी ने साइट ले ली है. उन्होंने कहा, "कोई बात नहीं, अगर मैं हूं, तो मेरी भी जांच होनी चाहिए." वहीं, जेडीएस नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सीएम सिद्धारमैया के पक्ष में जी.टी. देवेगौड़ा के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
बता दें कि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती सिद्धारमैया को MUDA द्वारा 14 भूखंडों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है.
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