उत्तरकाशी: करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित स्वर्गारोहिणी चोटी का पहली बार आठ सदस्यीय दल ने सफल परिक्रमा की है. पर्वतारोहण के इतिहास में यह कारनामा पहली बार हुआ है. जब पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के आठ पर्वतारोहियों ने स्वर्गारोहिणी चोटी की परिक्रमा कर डाली. इस चोटी की परिक्रमा के लिए दल को दो खतरनाक ग्लेशियरों के दर्रे धुमधारकांडी और जुनधार को पार करना पड़ा. यह दर्रे करीब साढ़े 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
गो क्लाइंब अप ट्रैकिंग एजेंसी के गाइड प्रशांत रावत ने बताया कि 16 जून को मोरी के सांकरी से हिमालय मेपल एडवेंचर और उनकी कंपनी ने स्वर्गारोहिणी चोटी की परिक्रमा के लिए अभियान शुरू किया था. यह देश और दुनिया का पहला दल था, जो कि इस अभियान के लिए रवाना हुआ. इसमें सबसे बड़ी चुनौती करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित जुनधार और धुमधारकांडी ग्लेशियर के साथ चोटी को पार करना था.
यह चोटी बंदरपूंछ रेंज के सरस्वती ग्लेशियर से ऊपर है. पर्वतारोही दल ने खराब मौसम और विषम परिस्थितियों को पार करते हुए अपने करीब 16 दिन के अभियान में पहली बार स्वर्गारोहिणी चोटी का आरोहण कर विश्व रिकॉर्ड बनाया. यह स्वर्गारोहिणी की परिक्रमा का पर्वतारोहण के इतिहास में सफल अभियान करने वाला दल है. यह अभियान पश्चिम बंगाल के टीम लीडर देवाशीष आचार्य के नेतृत्व में रवाना हुआ था.
पर्वतारोही दल में पश्चिम बंगाल के शेरपा तेंदुप शेरपा, ज्यार्तिमय मायते, सूदेब रॉय समेत तकनीकी पर्वतारोही के तौर पर हिमाचल प्रदेश के नरेश कुमार नेगी, उत्तराखंड से गाइड के तौर पर प्रशांत रावत, विनोद रावत, सुमित रावत शामिल रहे. स्वर्गारोहिणी चोटी का सफल परिक्रमा अभियान को पूरा करने के बाद बीते हफ्ते यह पर्वतारोही दल सांकरी सकुशल लौट आया है. दल के सदस्यों ने बताया कि उनके लिए पर्वतारोहण के पूरे करियर में यह अलग अनुभव था. क्योंकि, उन्होंने विषम परिस्थिति की चुनौतियों के बीच स्वर्गारोहिणी की परिक्रमा कर एक इतिहास बनाया है.
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