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हरिद्वार में कांवड़ मेला मार्ग पर ढकी मस्जिद और मजार, धर्मस्व मंत्री ने दिया ये बयान - Curtain on mosque and Mazar

Mosque covered on Kanwar Mela route in Haridwar कांवड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट विवाद के बीच एक और विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल हरिद्वार जिला प्रशासन ने कुछ स्थानों पर कांवड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाली मस्जिद और मजरा ढक दी हैं. इससे हरिद्वार में चर्चा का माहौल है. मुस्लिम समाज के लोग इस कार्रवाई से हैरान हैं तो कांवड़ियों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है. उत्तराखंड के धर्मस्व और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

Mosque covered
मस्जिद और मजार पर पर्दा (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 26, 2024, 1:20 PM IST

Updated : Jul 26, 2024, 3:29 PM IST

हरिद्वार में मस्जिद और मजार के आगे लगे पर्दा (Video- ETV Bharat)

हरिद्वार: इस बार सावन के कांवड़ मेले में नेम प्लेट को लेकर शुरू हुआ बवाल अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि हरिद्वार में प्रशासन का एक कदम चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल पहली बार हरिद्वार प्रशासन ने कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली मस्जिद और मजारों को ढकने का काम किया है. कांवड़ के दौरान आर्यनगर के पास इस्लामनगर की मस्जिद और ऊंचे पुल पर बनी मजार और मस्जिद को पर्दे से ढका गया है. हालांकि ये स्थानीय लोगों को नागवार गुजर रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है.

Mosque covered
हरिद्वार में ढकी गई मजार (Photo- ETV Bharat)

कांवड़ मेले के दौरान ढकी मस्जिद और मजार: जब ईटीवी भारत ने मस्जिदों के मौलाना और आसपास के स्थानीय लोगों से वार्तालाप की तो उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार ही देखने को मिला है कि मस्जिदों को ढका गया हो. आज से पहले कभी भी कांवड़ मेले के दौरान कभी मस्जिदों को नहीं ढका गया था. जब उनसे पूछा गया कि इसके पीछे क्या कारण है जो ऐसा पहली बार किया गया है. तो स्थानीय लोगों का कहना है हमें नहीं पता. स्थानीय लोगों और मस्जिद के मौलाना का साफ कहना है कि इस तरह से आपसी भाईचारे और हिंदू मुस्लिम में एक तरह से भेदभाव करने का यह कदम हो सकता है. इससे पहले जब भी कांवड़ मेला होता था, हमारे द्वारा शिव भक्त कांवड़ियों की सेवा की जाती थी. शिव भक्त कांवड़ियों को भी इससे कोई लेना-देना नहीं होता था. लेकिन ऐसा पहली बार ही देखने को मिला है कि मस्जिदों को पर्दों से ढका गया है.

मस्जिद और मजार ढकने की चर्चा: वहीं जब शिव भक्त कांवड़ियों से इस विषय पर चर्चा की गई तो उनकी मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. कई शिव भक्त कांवड़ियों ने प्रशासन की इस सोच को सही बताया. कुछ ने कहा कि हमें इन सब से कोई लेना-देना नहीं है. हमें तो सिर्फ भोले की भक्ति में रहना है. हम उसी में मग्न रहते हैं. इस तरह की गतिविधियों से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. ना ही हमें इससे कोई फर्क पड़ता है.

Mosque covered
मस्जिद के आगे भी लगा पर्दा (Photo- ETV Bharat)

कुछ लोग इस कदम को प्रशासन की मेला सुरक्षा का हिस्सा बता रहे हैं. इन लोगों ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए जाने जाने वाले इस मेले में हिंदुओं को मुस्लिमों से किसी भी तरह का बैर नहीं है. वहीं जब ईटीवी भारत ने इस पर आधिकारियों से जानकारी लेनी चाहिए तो हर कोई इस विषय पर बात करने से बचना चाह रहा था. अधिकारियों द्वारा एक दूसरे पर इस विषय पर बात डाली जा रही है.

SSP और डीएम ने क्या कहा? हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया है कि पुलिस का कार्य मेले के दौरान व्यवस्था बनाना और कांवड़ियों की सुरक्षा करना है. उनके द्वारा कोई भी इस तरह की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं जब इस विषय पर हरिद्वार के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल से बात हुई तो उन्होंने कहा कि पिछले साल भी इस तरह की व्यवस्थाएं की गई थीं. इसमें कोई भी नई बात नहीं है. सुरक्षा की दृष्टि से यह कार्य किए जाते हैं.

सतपाल महाराज ने क्या कहा: उत्तराखंड के धर्मस्व और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इससे कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब कोई चीज होती है तो उस दौरान ओट लगा दी जाती है. कोई भड़के नहीं इसलिए ये कार्रवाई की गई है. हमारी कांवड़ यात्रा सुचारू रूप से चले ये प्रयास है. जब कहीं कोई निर्माण होता है तो उसे ढक कर रखा जाता है. इसी तरह मस्जिद और मजार भी ढकी गई हैं. हम इसके फीड बैक का अध्ययन करेंगे.
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हरिद्वार में मस्जिद और मजार के आगे लगे पर्दा (Video- ETV Bharat)

हरिद्वार: इस बार सावन के कांवड़ मेले में नेम प्लेट को लेकर शुरू हुआ बवाल अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि हरिद्वार में प्रशासन का एक कदम चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल पहली बार हरिद्वार प्रशासन ने कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली मस्जिद और मजारों को ढकने का काम किया है. कांवड़ के दौरान आर्यनगर के पास इस्लामनगर की मस्जिद और ऊंचे पुल पर बनी मजार और मस्जिद को पर्दे से ढका गया है. हालांकि ये स्थानीय लोगों को नागवार गुजर रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है.

Mosque covered
हरिद्वार में ढकी गई मजार (Photo- ETV Bharat)

कांवड़ मेले के दौरान ढकी मस्जिद और मजार: जब ईटीवी भारत ने मस्जिदों के मौलाना और आसपास के स्थानीय लोगों से वार्तालाप की तो उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार ही देखने को मिला है कि मस्जिदों को ढका गया हो. आज से पहले कभी भी कांवड़ मेले के दौरान कभी मस्जिदों को नहीं ढका गया था. जब उनसे पूछा गया कि इसके पीछे क्या कारण है जो ऐसा पहली बार किया गया है. तो स्थानीय लोगों का कहना है हमें नहीं पता. स्थानीय लोगों और मस्जिद के मौलाना का साफ कहना है कि इस तरह से आपसी भाईचारे और हिंदू मुस्लिम में एक तरह से भेदभाव करने का यह कदम हो सकता है. इससे पहले जब भी कांवड़ मेला होता था, हमारे द्वारा शिव भक्त कांवड़ियों की सेवा की जाती थी. शिव भक्त कांवड़ियों को भी इससे कोई लेना-देना नहीं होता था. लेकिन ऐसा पहली बार ही देखने को मिला है कि मस्जिदों को पर्दों से ढका गया है.

मस्जिद और मजार ढकने की चर्चा: वहीं जब शिव भक्त कांवड़ियों से इस विषय पर चर्चा की गई तो उनकी मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. कई शिव भक्त कांवड़ियों ने प्रशासन की इस सोच को सही बताया. कुछ ने कहा कि हमें इन सब से कोई लेना-देना नहीं है. हमें तो सिर्फ भोले की भक्ति में रहना है. हम उसी में मग्न रहते हैं. इस तरह की गतिविधियों से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. ना ही हमें इससे कोई फर्क पड़ता है.

Mosque covered
मस्जिद के आगे भी लगा पर्दा (Photo- ETV Bharat)

कुछ लोग इस कदम को प्रशासन की मेला सुरक्षा का हिस्सा बता रहे हैं. इन लोगों ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए जाने जाने वाले इस मेले में हिंदुओं को मुस्लिमों से किसी भी तरह का बैर नहीं है. वहीं जब ईटीवी भारत ने इस पर आधिकारियों से जानकारी लेनी चाहिए तो हर कोई इस विषय पर बात करने से बचना चाह रहा था. अधिकारियों द्वारा एक दूसरे पर इस विषय पर बात डाली जा रही है.

SSP और डीएम ने क्या कहा? हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया है कि पुलिस का कार्य मेले के दौरान व्यवस्था बनाना और कांवड़ियों की सुरक्षा करना है. उनके द्वारा कोई भी इस तरह की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं जब इस विषय पर हरिद्वार के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल से बात हुई तो उन्होंने कहा कि पिछले साल भी इस तरह की व्यवस्थाएं की गई थीं. इसमें कोई भी नई बात नहीं है. सुरक्षा की दृष्टि से यह कार्य किए जाते हैं.

सतपाल महाराज ने क्या कहा: उत्तराखंड के धर्मस्व और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इससे कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब कोई चीज होती है तो उस दौरान ओट लगा दी जाती है. कोई भड़के नहीं इसलिए ये कार्रवाई की गई है. हमारी कांवड़ यात्रा सुचारू रूप से चले ये प्रयास है. जब कहीं कोई निर्माण होता है तो उसे ढक कर रखा जाता है. इसी तरह मस्जिद और मजार भी ढकी गई हैं. हम इसके फीड बैक का अध्ययन करेंगे.
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Last Updated : Jul 26, 2024, 3:29 PM IST
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