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मां भारती की रक्षा में देवभूमि के 2 हजार से ज्यादा सैनिकों ने दिया बलिदान, परिजन बोले- 'खून का बदला खून से' - kathua Terrorist Attack

kathua terrorist attack जम्मू कश्मीर के कठुआ में सोमवार 8 जुलाई को हुए आतंकी हमले में प्रदेश के 5 जवान शहीद हो गए हैं. जवानों की शहादत की खबर आते ही लोगों में शोक की लहर है. आंकड़ों के अनुसार देश की रक्षा करते हुए देवभूमि के 2,000 से ज्यादा सैनिक शहीद हो चुके हैं.

kathua terrorist attack
कठुआ आतंकी हमले में शहीद जवान (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 9, 2024, 8:08 PM IST

Updated : Jul 9, 2024, 10:40 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड हसीन वादियों के साथ-साथ सैन्य बाहुल्य राज्य के नाम से जाना जाता है. यही कारण है कि राज्य के हर घर से युवा देश सेवा में जुटा हुआ है और देश की आन-बान और शान के लिए प्राणों की आहुति देता है. इसी क्रम में आज कठुआ आतंकी हमले में देवभूमि के पांच लाल शहीद हो गए हैं. जिससे पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है. आजादी के बाद से अब तक देश में जब भी युद्ध या आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, तब उत्तराखंड के जवानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. आंकड़े बताते हैं कि अब तक उत्तराखंड के लगभग 2,295 से अधिक जवान शहीद हुए हैं. इन सैनिकों ने कुमाऊ और गढ़वाल रेजिमेंट सहित दूसरी सभी बटालियन में रहते हुए शहादत दी है.

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कठुआ आतंकी हमले में देवभूमि के पांच लाल शहीद (photo- ETV Bharat)

1971 के युद्ध में उत्तराखंड के 255 वीर सपूतो हुए थे शहीद: बता दें कि आजादी के बाद से अब तक देश में जब भी युद्ध या आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, तब उत्तराखंड के जवानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. बात अगर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध की करें, तो उसमें उत्तराखंड के जांबाज सैनिकों ने अपना दम दिखाया था और हसंते-हसंते उत्तराखंड के 255 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी.

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शहीदों को श्रद्धांजलि देते सीएम धामी (photo- ETV Bharat)

सैनिकों के परिवार बोले 'खून के बदले खून': शहादत देने वाले सैनिकों के परिवारों ने कहा कि उनके बेटों ने इस देश के लिए अपनी जान दे दी, लेकिन अब सरकार सैनिकों की बंदूकों के मुंह खोले, ताकि खून का बदला खून से लिया जाए और दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब दिया जाए. पौड़ी के रहने वाले शहीद आदर्श नेगी के पिता दलबीर नेगी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हर बार इस तरह की घटना ना हो, लिहाजा सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाते हुए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे, ताकि फिर से किसी घर का लाल शहीद ना हो.

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मां भारती की सेवा के लिए आगे उत्तराखंड के लाल (ETV Bharat (GRAPHICS))

उत्तराखंड वीरों की भूमि: पूर्व सीएम और सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिस तरह से आतंकियों ने हमारे जवानों पर हमला किया है, उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और उम्मीद यही है कि सेना इस काम में लगी हुई है. हमें जल्द ही यह मालूम पड़ेगा कि जिन आतंकियों ने उत्तराखंड के पांच जवानों पर हमला किया है, उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है और यहां हर गांव, मोहल्ले और कस्बे में एक शहीद होने के बाद दूसरा सैनिक पैदा हो जाता है. इसके अलावा त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देश सेवा में जिन बेटों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, उनके परिवारों के लिए राज्य में सैनिक कल्याण बोर्ड बना हुआ है, जो सैनिकों के परिवारों का पूरा ध्यान रखता है.

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स्वतंत्रता से पूर्व उत्तराखंड के लाल की उपलब्धियां (ETV Bharat (GRAPHICS))
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स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड के लाल की उपलब्धियां (ETV Bharat (GRAPHICS))

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देहरादून: उत्तराखंड हसीन वादियों के साथ-साथ सैन्य बाहुल्य राज्य के नाम से जाना जाता है. यही कारण है कि राज्य के हर घर से युवा देश सेवा में जुटा हुआ है और देश की आन-बान और शान के लिए प्राणों की आहुति देता है. इसी क्रम में आज कठुआ आतंकी हमले में देवभूमि के पांच लाल शहीद हो गए हैं. जिससे पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है. आजादी के बाद से अब तक देश में जब भी युद्ध या आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, तब उत्तराखंड के जवानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. आंकड़े बताते हैं कि अब तक उत्तराखंड के लगभग 2,295 से अधिक जवान शहीद हुए हैं. इन सैनिकों ने कुमाऊ और गढ़वाल रेजिमेंट सहित दूसरी सभी बटालियन में रहते हुए शहादत दी है.

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कठुआ आतंकी हमले में देवभूमि के पांच लाल शहीद (photo- ETV Bharat)

1971 के युद्ध में उत्तराखंड के 255 वीर सपूतो हुए थे शहीद: बता दें कि आजादी के बाद से अब तक देश में जब भी युद्ध या आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, तब उत्तराखंड के जवानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. बात अगर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध की करें, तो उसमें उत्तराखंड के जांबाज सैनिकों ने अपना दम दिखाया था और हसंते-हसंते उत्तराखंड के 255 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी.

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शहीदों को श्रद्धांजलि देते सीएम धामी (photo- ETV Bharat)

सैनिकों के परिवार बोले 'खून के बदले खून': शहादत देने वाले सैनिकों के परिवारों ने कहा कि उनके बेटों ने इस देश के लिए अपनी जान दे दी, लेकिन अब सरकार सैनिकों की बंदूकों के मुंह खोले, ताकि खून का बदला खून से लिया जाए और दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब दिया जाए. पौड़ी के रहने वाले शहीद आदर्श नेगी के पिता दलबीर नेगी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हर बार इस तरह की घटना ना हो, लिहाजा सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाते हुए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे, ताकि फिर से किसी घर का लाल शहीद ना हो.

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मां भारती की सेवा के लिए आगे उत्तराखंड के लाल (ETV Bharat (GRAPHICS))

उत्तराखंड वीरों की भूमि: पूर्व सीएम और सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिस तरह से आतंकियों ने हमारे जवानों पर हमला किया है, उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और उम्मीद यही है कि सेना इस काम में लगी हुई है. हमें जल्द ही यह मालूम पड़ेगा कि जिन आतंकियों ने उत्तराखंड के पांच जवानों पर हमला किया है, उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है और यहां हर गांव, मोहल्ले और कस्बे में एक शहीद होने के बाद दूसरा सैनिक पैदा हो जाता है. इसके अलावा त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देश सेवा में जिन बेटों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, उनके परिवारों के लिए राज्य में सैनिक कल्याण बोर्ड बना हुआ है, जो सैनिकों के परिवारों का पूरा ध्यान रखता है.

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स्वतंत्रता से पूर्व उत्तराखंड के लाल की उपलब्धियां (ETV Bharat (GRAPHICS))
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स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड के लाल की उपलब्धियां (ETV Bharat (GRAPHICS))

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Last Updated : Jul 9, 2024, 10:40 PM IST
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