फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में इंटरनेशनल सूरजकुंड मेला हर साल आकर्षण का केंद्र बनता है. जिसमें कलाकार अपनी प्रतिभा और संस्कृति तथा हस्तशिल्प से लोगों को आकर्षित करते हैं. इस बार मेले में बुजुर्ग महिला की पेंटिंग चर्चा का विषय बनी हुई है. बिहार की शांति देवी मिथिला शैली की मधुबनी पेंटिंग बनाने के लिए मशहूर है. इनके पेंटिंग के चर्चे देश में ही नहीं विदेश में भी कायम है.
'3 लाख से ज्यादा है पेंटिंग की कीमत': शांति देवी ने बताया कि उनकी उम्र करीब 65 साल है. उन्होंने बताया कि वह खुद अपने हाथों से कलाकारी का रंग बिखेरती हैं. जिससे विदेश में भी इनकी पेंटिंग की काफी डिमांड है. खास बात यह है कि शांति देवी की बनाई पेंटिंग 3 लाख से भी ज्यादा की कीमत में खरीदी जाती है. सूरजकुंड मेले में शांति देवी ने अपनी पेंटिंग के साथ अपनी कला की प्रदर्शनी भी लगाई है. शांति देवी बताती हैं कि लोग यहां देखने के लिए बहुत आते हैं लेकिन पेंटिंग दाम सुनकर ही चले जाते हैं और उनकी पेंटिंग को खरीदते नहीं है.
'कलाकारी जीवन का आधार': इतना ही नहीं, शांति देवी ने बताया कि परिवार के सभी 20-25 लोग इस आर्ट में लगे हुए हैं और वह बच्चों को चित्रकारी करना भी सिखाती हैं. ताकि बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो सके. उन्होंने बताया कि यही कलाकारी उनके जीवन का आधार है. उन्होंने बताया कि वह पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन बचपन से ही वह चित्रकारी कर रही हैं. इस अनुभव के आधार पर वह आज भी इस उम्र में काम कर रही हैं.
'खुद बनाती हैं कलर': शांति देवी की कलाकारी अद्भुत है. उन्होंने बताया कि वह चित्रकारी के लिए रंग खुद अपने हाथों से ही बनाती हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने राम और रामायण के प्रसंग पर कई चित्र बनाए हैं. जिनमें शबरी द्वारा राम को बेर खिलाने का चित्र भी शामिल है. जिसकी कीमत 3 लाख 5 हजार रुपये है. इसके अलावा, अलग-अलग रेट पर उनके पास चित्रकारी है. उन्होंने बताया कि जितना महीन काम होगा उतना ही ज्यादा समय लग जाता है.
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