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MHA जल्द ही राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक नीति और रणनीति लाएगा: अमित शाह

Anti-Terror Conference, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहा कि सरकार आतंकवाद, आतंकवादियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र से लड़ने के लिए एक राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी नीति लाएगी. ईटीवी संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि सरकार आतंकवाद, आतंकवादियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र से लड़ने के लिए शीघ्र ही एक राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी नीति लाएगी. गृह मंत्री ने यहां एक आतंकवाद-निरोधक सम्मेलन में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके विरुद्ध ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है, लेकिन आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती. इसी वजह से सभी सुरक्षा एजेंसियों - केंद्रीय और राज्य को निकट समन्वय के साथ काम करना चाहिए. साथ ही संयुक्त रणनीति बनाने के अलावा खुफिया जानकारी साझा करनी चाहिए.

अमित शाह ने कहा कि सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) और विशेष कार्य बल (STF) के रूप में एक मॉडल दृष्टिकोण पेश किया है. उन्होंने कहा कि इसे यदि अपनाया जाता है तो यह आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए एक साझा ढांचे के अलावा मंच के रूप में काम करेगा.

गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद, आतंकवादियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र से लड़ने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा. इसको लेकर जल्द ही एक नई राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी नीति और रणनीति लाएंगे जिसमें आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

अमित शाह ने कहा कि नई नीति से राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों को आतंकवाद से निपटने के साथ ही समन्वय से काम करने में सहायता होगी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के सपने के अनुसार 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए हर किसी को सभी सुरक्षा चुनौतियों से निपटना होगा. इसको देखते हुए आतंकवाद से लड़ने के लिए एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना होगा. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को युवा अफसरों को प्रशिक्षित करना पड़ेगा और आतंकवाद से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना होगा.

शाह ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति के साथ अग्रसर रहा है. उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि अब पूरी दुनिया ने आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने की पीएम मोदी की नीति को स्वीकार कर लिया है. वर्ष 2014 से आतंकवाद के खिलाफ पीएम मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अमित शाह ने पिछले दशकों की तुलना में आतंकी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी होने का हवाला दिया.

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर के अलावा नक्सली प्रभावित इलाकों और पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा पर काफी हद तक कंट्रोल किया गया है. शाह ने सम्मेलन में राज्य पुलिस बलों के प्रतिनिधियों, जिनमें से अधिकतर डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं, से कहा कि जहां भी आवश्यक हो, वहां वे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लागू करें. गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की आतंकवाद-निरोधी जांच एजेंसी एनआईए सभी आतंकी मामलों में यूएपीए का प्रयोग करती है. इस वजह से अब तक इसके द्वारा दर्ज 632 मामलों में से 498 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया गया है, इसके अलावा करीब 95 फीसदी मामलों में सजा हुई है.

गुरुवार को यहां शुरू हुए दो दिवसीय आतंकवाद-निरोधक सम्मेलन से भारत के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए एजेंसियों के बीच समन्वय को और बढ़ाने की आशा है. यह वार्षिक सम्मेलन पिछले कुछ वर्षों में परिचालन बलों, तकनीकी, कानूनी और फोरेंसिक विशेषज्ञों और आतंकवाद से निपटने में लगी एजेंसियों के लिए एक बैठक स्थल के रूप में सामने आया है, जहां पर राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मुद्दों और आतंकवाद से पैदा हुए खतरों पर विचार-विमर्श किया जाता है.

ये भी पढ़ें- भारत ने अमित शाह को कथित साजिशों से जोड़ने के लिए कनाडा की आलोचना की

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि सरकार आतंकवाद, आतंकवादियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र से लड़ने के लिए शीघ्र ही एक राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी नीति लाएगी. गृह मंत्री ने यहां एक आतंकवाद-निरोधक सम्मेलन में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके विरुद्ध ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है, लेकिन आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती. इसी वजह से सभी सुरक्षा एजेंसियों - केंद्रीय और राज्य को निकट समन्वय के साथ काम करना चाहिए. साथ ही संयुक्त रणनीति बनाने के अलावा खुफिया जानकारी साझा करनी चाहिए.

अमित शाह ने कहा कि सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) और विशेष कार्य बल (STF) के रूप में एक मॉडल दृष्टिकोण पेश किया है. उन्होंने कहा कि इसे यदि अपनाया जाता है तो यह आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए एक साझा ढांचे के अलावा मंच के रूप में काम करेगा.

गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद, आतंकवादियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र से लड़ने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा. इसको लेकर जल्द ही एक नई राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी नीति और रणनीति लाएंगे जिसमें आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

अमित शाह ने कहा कि नई नीति से राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों को आतंकवाद से निपटने के साथ ही समन्वय से काम करने में सहायता होगी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के सपने के अनुसार 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए हर किसी को सभी सुरक्षा चुनौतियों से निपटना होगा. इसको देखते हुए आतंकवाद से लड़ने के लिए एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना होगा. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को युवा अफसरों को प्रशिक्षित करना पड़ेगा और आतंकवाद से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना होगा.

शाह ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति के साथ अग्रसर रहा है. उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि अब पूरी दुनिया ने आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने की पीएम मोदी की नीति को स्वीकार कर लिया है. वर्ष 2014 से आतंकवाद के खिलाफ पीएम मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अमित शाह ने पिछले दशकों की तुलना में आतंकी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी होने का हवाला दिया.

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर के अलावा नक्सली प्रभावित इलाकों और पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा पर काफी हद तक कंट्रोल किया गया है. शाह ने सम्मेलन में राज्य पुलिस बलों के प्रतिनिधियों, जिनमें से अधिकतर डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं, से कहा कि जहां भी आवश्यक हो, वहां वे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लागू करें. गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की आतंकवाद-निरोधी जांच एजेंसी एनआईए सभी आतंकी मामलों में यूएपीए का प्रयोग करती है. इस वजह से अब तक इसके द्वारा दर्ज 632 मामलों में से 498 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया गया है, इसके अलावा करीब 95 फीसदी मामलों में सजा हुई है.

गुरुवार को यहां शुरू हुए दो दिवसीय आतंकवाद-निरोधक सम्मेलन से भारत के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए एजेंसियों के बीच समन्वय को और बढ़ाने की आशा है. यह वार्षिक सम्मेलन पिछले कुछ वर्षों में परिचालन बलों, तकनीकी, कानूनी और फोरेंसिक विशेषज्ञों और आतंकवाद से निपटने में लगी एजेंसियों के लिए एक बैठक स्थल के रूप में सामने आया है, जहां पर राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मुद्दों और आतंकवाद से पैदा हुए खतरों पर विचार-विमर्श किया जाता है.

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