मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में आज मनोज जारांगे पाटिल के आंदोलन को लेकर चर्चा हुई. जिसमें यह बात निकलकर सामने आई है कि मनोज जारांगे पाटिल के आंदोलन की एसआईटी जांच करवाई जाएगी. उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने विधानसभा में यह बात कही कि इस विरोध प्रदर्शन की जांच एसआईटी करेगी.
बता दें, 17 दिनों के बाद मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने सोमवार को अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ओबीसी कोटे से आरक्षण देने के लिए आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक महाराष्ट्र सरकार उनकी मांगों पर सहमत नहीं हो जाती. यह कदम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा राज्य की धैर्य सीमा के बारे में पाटिल को चेतावनी देने और यह कहने के ठीक एक दिन बाद आया है कि वह कानून और व्यवस्था का कोई भी उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेंगे.
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सोमवार को मनोज जारांगे पाटिल ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस पर गंभीर आरोप लगाये थे. जारांगे ने फड़नवीस पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे मराठा जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. जारांगे ने फड़णवीस पर अपना गुस्सा जाहिर किया और सरकार के रुख के लिए सीधे तौर पर उन्हें जिम्मेदार ठहराया. जरांगे ने फड़णवीस के बारे में अभद्र भाषा में बात करते हुए यहां तक आरोप लगाया कि उन्होंने मुझें मारने की साजिश रची है.
जारंगे के इस आपत्तिजनक टिप्पणियां और अनर्गल आरोपों के बाद सीएम शिंदे, फड़नवीस और अजीत पवार ने रविवार शाम को एक आपात बैठक की और मनोज जारांगे पाटिल के आंदोलन की एसआईटी जांच करवाने का फैसला किया. यह जानकारी उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने विधानसभा में दी है.
मराठा आरक्षण और मनोज जारांगे को लेकर आज राज्य विधानसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखा गया. इस बीच विपक्ष ने मांग कि है कि जारांगे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए. वहीं, सत्ता पक्ष ने कहा कि जारांगे के आरोपों की जांच एसआईटी से कराई जाएगी.
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