श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को अपने खिलाफ एफआईआर को 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' बताया. एक्स पर महबूबा ने कहा, 'आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन करने के आरोप में मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज होना आश्चर्यजनक है.'
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'यह वह कीमत है जो पीडीपी ने सत्ता के सामने सच बोलने के लिए चुकाई है. हमारा विरोध स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ था. मतदान से पहले के घंटों में पीडीपी के सैकड़ों पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के लिए.' उन्होंने आगे कहा, 'अभी भी संतुष्ट नहीं होने पर उसी प्रशासन ने हमारे मतदाताओं को आतंकित करने और उन्हें वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने से रोकने के लिए पारंपरिक पीडीपी के गढ़ क्षेत्रों में घेरा और तलाशी अभियान शुरू किया. उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'.
महबूबा ने अपने पोस्ट के साथ एफआईआर की एक प्रति भी संलग्न किया. इसमें कहा है गया कि 'पीडीपी कार्यकर्ताओं ने मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया और एक घंटे से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया जो सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन है. श्रीगुफवारा बिजबेहरा में सहायक रिटर्निंग अधिकारी के नाम से दी गई शिकायत में कहा, 'आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए महबूबा मुफ्ती के खिलाफ शिकायत के संदर्भ में है.
यह आपके ध्यान में लाना है कि 25 मई, 2024 को महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पीडीपी कार्यकर्ता बिजबेहरा शहर में इकट्ठे हुए और पीडीपी कार्यकर्ताओं को रिहा करने के लिए नारे लगाए, जो आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन था. पीडीपी कार्यकर्ताओं के बड़े समूह ने मुख्य सड़क को भी अवरुद्ध कर दिया और बिजबेहरा में मुख्य स्थान पर एक घंटे से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया, जो सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन है.' इसलिए उपरोक्त आदेश के उल्लंघन में यह अनुरोध किया जाता है कि संबंधित पुलिस प्राधिकरण द्वारा महबूबा मुफ्ती के साथ-साथ उनके पहचाने गए कार्यकर्ताओं के खिलाफ नियमों के तहत आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाए.'
बता दें कि 25 मई को अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पोलिंग एजेंटों को 'बिना किसी कारण के' पुलिस स्टेशनों में हिरासत में लिया गया. महबूबा जिनकी पार्टी 2015 और 2018 के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में थी. महबूबा ने दावा किया कि 'इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ छेड़छाड़' के प्रयासों के बारे में शिकायतें मिली.
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके मोबाइल नंबर पर आउटगोइंग कॉल बिना किसी स्पष्टीकरण के निलंबित कर दी गई थी. हालांकि, अनंतनाग पुलिस ने कहा कि गिरफ्तारी केवल उन लोगों तक ही सीमित है जिनके खिलाफ मतदान के दिन कानून और व्यवस्था और सुरक्षा के लिए संभावित खतरों के विश्वसनीय इनपुट हैं.