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खूंखार नक्सली हिड़मा के गांव में लगा मेडिकल कैंप, माओवादी कमांडर की मां ने कराया हेल्थ चेकअप

Naxalite Hidma village कुख्यात नक्सली हिड़मा और बारसे देवा के गांव में पहली बार पहली बार हेल्थ कैंप लगाया गया. मेडिकल कैंप में हिड़मा की मां और बारसे देवा के परिवार वाले स्वास्थ्य जांच कराने के लिए पहुंचे.checkup of Moawadi commander mother

Health checkup of Moawadi commander mother done
खूंखार नक्सली डिड़मा के गांव में लगा मेडिकल कैंप
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 19, 2024, 6:28 PM IST

Updated : Feb 20, 2024, 9:32 AM IST

बस्तर: सुकमा और बीजापुर के बार्डर इलाके पर कुख्यात नक्सली हिड़मा का गांव पूवर्ती है. फोर्स की मदद से पूवर्ती गांव में स्वास्थ्य विभाग ने अपने हेल्थ कैंप लगाया. कैंप में नक्सली कमांडर डिड़मा की मां ने भी अपना स्वास्थ्य जांच कराया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव वालों का चेकअप करने के बाद उनको जरुरी दवाइयां भी बांटी. पूवर्ती गांव में जैसे ही डॉक्टरों के आने की खबर फैली लोग बड़ी संख्या में अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए कैंप में अपना नंबर लगाने पहुंच गए. कैंप में स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए खूंखार पीएलजीए बटालियन के कमांडर बारसे देवा के परिवार वाले भी पहुंचे थे.

नक्सल प्रभावित जिलों में लगातार स्वास्थ्य कैंप लगाया जा रहा है. जंगल का इलाका होने के चलते लोगों को मेडिकल की सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. हमारी कोशिश है कि सुदूर गांव तक लोगों को जरुरी दवाएं मिल पाएं. बीमार लोगों जो अस्पताल नहीं जा सकते उनको गांव में भी इलाज दिया जाए. सरकार की कोशिश है कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत गांव में मेडिकल कैंप, सड़क, पानी और पुल की व्यवस्था ठीक से हो. गांव गांव तक बिजली को पहुंचाया जाए. आंगनबाड़ी केंद्र के जरिए जरुरतमंदों तक मदद पहुंचाई जाए. लोगों की सुरक्षा और उनकी सुविधा को ध्यान में रखकर नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा रहे हैं. - सुंदरराज पी, बस्तर आईजी

पूवर्ती गांव में बना है नवीन सुरक्षा कैंप: बीजापुर और सुकमा के बार्डर एरिया में पूवर्ती गांव है. कुख्यात नक्सली हिड़मा और बारसे देवा दोनों इसी गांव के रहने वाले हैं. सरकार की कोशिश है कि नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित कर इलाके में विकास का काम तेजी से आगे बढ़ाया जा सके. इलाके में स्वास्थ्य कैंप लगाए जाने से लोग काफी खुश हैं. बीते साल नवंबर 2023 से अबतक पालनार, डुमरीपालनार, चिंतावागू, कावड़गांव, मुतवेण्डी, गुंडम में नवीन सुरक्षा कैंप खोले जा चुके हैं. जिला सुकमा में मुलेर, परिया, सलातोंग, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, टेकलगुड़ेम, पूवर्ती में नवीन सुरक्षा कैम्प शुरु हो चुका है. सुकमा और बीजापुर बार्डर पर अबतक 14 नए नवीन सुरक्षा कैंप खुल चुके हैं.

विकास से टूटेगी नक्सलियों की कमर: शासन का मानना है कि सिर्फ नक्सली मोर्चे पर लड़ाई लड़ने से माओवाद पर विजय नहीं पाई जा सकती. नक्सलवाद को खत्म करने के लिए लड़ाई के साथ साथ विकास के काम भी तेजी से चलने चाहिए. सरकार की कोशिश है कि गरीब और आदिवासियों को जरुरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. जब जनता का विश्वास सरकार जीत लेगी तो माओवाद अपने आप दम तोड़ देगा.

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बस्तर: सुकमा और बीजापुर के बार्डर इलाके पर कुख्यात नक्सली हिड़मा का गांव पूवर्ती है. फोर्स की मदद से पूवर्ती गांव में स्वास्थ्य विभाग ने अपने हेल्थ कैंप लगाया. कैंप में नक्सली कमांडर डिड़मा की मां ने भी अपना स्वास्थ्य जांच कराया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव वालों का चेकअप करने के बाद उनको जरुरी दवाइयां भी बांटी. पूवर्ती गांव में जैसे ही डॉक्टरों के आने की खबर फैली लोग बड़ी संख्या में अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए कैंप में अपना नंबर लगाने पहुंच गए. कैंप में स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए खूंखार पीएलजीए बटालियन के कमांडर बारसे देवा के परिवार वाले भी पहुंचे थे.

नक्सल प्रभावित जिलों में लगातार स्वास्थ्य कैंप लगाया जा रहा है. जंगल का इलाका होने के चलते लोगों को मेडिकल की सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. हमारी कोशिश है कि सुदूर गांव तक लोगों को जरुरी दवाएं मिल पाएं. बीमार लोगों जो अस्पताल नहीं जा सकते उनको गांव में भी इलाज दिया जाए. सरकार की कोशिश है कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत गांव में मेडिकल कैंप, सड़क, पानी और पुल की व्यवस्था ठीक से हो. गांव गांव तक बिजली को पहुंचाया जाए. आंगनबाड़ी केंद्र के जरिए जरुरतमंदों तक मदद पहुंचाई जाए. लोगों की सुरक्षा और उनकी सुविधा को ध्यान में रखकर नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा रहे हैं. - सुंदरराज पी, बस्तर आईजी

पूवर्ती गांव में बना है नवीन सुरक्षा कैंप: बीजापुर और सुकमा के बार्डर एरिया में पूवर्ती गांव है. कुख्यात नक्सली हिड़मा और बारसे देवा दोनों इसी गांव के रहने वाले हैं. सरकार की कोशिश है कि नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित कर इलाके में विकास का काम तेजी से आगे बढ़ाया जा सके. इलाके में स्वास्थ्य कैंप लगाए जाने से लोग काफी खुश हैं. बीते साल नवंबर 2023 से अबतक पालनार, डुमरीपालनार, चिंतावागू, कावड़गांव, मुतवेण्डी, गुंडम में नवीन सुरक्षा कैंप खोले जा चुके हैं. जिला सुकमा में मुलेर, परिया, सलातोंग, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, टेकलगुड़ेम, पूवर्ती में नवीन सुरक्षा कैम्प शुरु हो चुका है. सुकमा और बीजापुर बार्डर पर अबतक 14 नए नवीन सुरक्षा कैंप खुल चुके हैं.

विकास से टूटेगी नक्सलियों की कमर: शासन का मानना है कि सिर्फ नक्सली मोर्चे पर लड़ाई लड़ने से माओवाद पर विजय नहीं पाई जा सकती. नक्सलवाद को खत्म करने के लिए लड़ाई के साथ साथ विकास के काम भी तेजी से चलने चाहिए. सरकार की कोशिश है कि गरीब और आदिवासियों को जरुरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. जब जनता का विश्वास सरकार जीत लेगी तो माओवाद अपने आप दम तोड़ देगा.

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Last Updated : Feb 20, 2024, 9:32 AM IST
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