मुंबई: अधिकांश माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे बड़े होकर अपने पुश्तैनी कारोबार को छोड़कर किसी बड़ी कंपनी में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी करें. कई लोगों की यह धारणा होती है कि अगर आज कारोबार में पैसा है तो कल कुछ नहीं है. इसलिए, कई लोग व्यवसाय में कोई जोखिम उठाए बिना नौकरी का विकल्प चुनते हैं क्योंकि उन्हें मासिक वेतन मिलता है और वे आरामदायक जीवन जीते हैं. हालांकि, ऐसे भी लोग हैं जो आराम की नौकरी छोड़कर कारोबार में जोखिम उठाते हैं. ऐसे ही कहनी मुंबई के एक 'एमबीए पानवाला' की कहानी है. पढ़िए 'ईटीवी भारत' की खास रिपोर्ट...
'मुंबई एमबीए पानवाला' की कहानी: नौशाद शेख के दादा और पिता का पान के पत्तों का कारोबार था. माता पिता ने बड़ी मेहनत से उन्हें अध्ययन यापन कराया. बड़े होकर नौशाद ने एमबीएम किया और फिर अच्छा नौकरी भी मिल गई. हर माता पिता की तरह नौशाद के माता पिता का भी सपना था कि उसका बेटा अच्छी नौकरी कर घर गृहस्थी संभालेगा लेकिन नौशाद को शायद यह मंजूर नहीं था.
नौशाद ने नौकरी छोड़कर पान के पत्तों का पारिवारिक व्यवसाय जारी रखने का फैसला किया. उनके इस फैसले का घर में विरोध हुआ लेकिन उन्होंने खुद को साबित कर दिखाया. यह कहानी किसी फिल्म की नहीं बल्कि मुंबई के एक बिजनेसमैन नौशाद शेख की है.
नौशाद ने कहा,'मेरे घरवाले चाहते थे कि मैं इस व्यवसाय को करने के बजाय कुछ सीखूं और बड़ा हो जाऊं. घर की स्थिति बहुत साधारण थी लेकिन, मेरे पिता ने मुझे बहुत मेहनत और लगन से पढ़ाया. मैंने एमबीए की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद मुझे एक नामी कंपनी में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी भी मिल गई.
घर में सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन, मेरा उस काम में मन नहीं लगा.' वह अपनी नौकरी छोड़कर अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल अपने पुश्तैनी कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए करना चाहते थे लेकिन क्या हमारे लिए कारोबार करना संभव है? नौशाद इसी सोच में थे.
'द पान स्टोरी' नाम से एक ब्रांड लॉन्च करना: नौशाद अपनी उच्च शिक्षा का इस्तेमाल कुछ अलग करने और अपने पुश्तैनी कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए करना चाहते थे, ताकि उनका अपना पान ब्रांड हो. नौशाद को 'एमबीए' की पढ़ाई के दौरान एक प्रोजेक्ट करना था. नौशाद के अन्य साथियों ने भी कई प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए लेकिन नौशाद ने अपने व्यवसाय पर आधारित एक प्रोजेक्ट कॉलेज में प्रस्तुत किया.
उनके दोस्तों को यह अवधारणा पसंद नहीं आई हालांकि, उनके शिक्षकों ने पान के व्यवसायिक विचार की सराहना की. नौशाद ने कहा, 'मेरे दादा, पिता तंबाकू युक्त पान बेचते थे लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता. मैं लोगों की सेहत से खिलवाड़ नहीं करना चाहता. इसलिए मैंने 'द पान स्टोरी' नाम से अपना खुद का ब्रांड शुरू करने का फैसला किया.'
होम डिलीवरी: मुंबई के कुर्ला में रहने वाले नौशाद माहिम दरगाह इलाके में एक छोटी सी दुकान चलाते हैं. वहां उन्होंने 'द पान स्टोरी' ब्रांड की शुरुआत की. आज नौशाद के यहां पान के कई फ्लेवर उपलब्ध हैं. उन्होंने 2019 में इस व्यवसाय की शुरुआत की थी. कोरोना आ गया. हालांकि, नौशाद को पान के व्यवसाय ने बचा लिया. नौशाद का व्यवसायिक फंडा सीधा और सरल है. आज आपको पान खरीदने के लिए पान की दुकान पर जाना पड़ता है.
हालांकि, नौशाद ने ग्राहकों के लिए स्विगी, जोमैटो, होम डिलीवरी जैसे ई-कॉमर्स विकल्प रखे हैं. आज उनके पान की डिलीवरी पूरे मुंबई में होती है. नौशाद के पान की कहानी सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है. आज रूस, जापान जैसे कई देशों से विदेशी मेहमान उनकी दुकान पर स्पेशल पान खाने आते हैं.
नौशाद की इवेंट से करोड़ों की कमाई: नौशाद की न सिर्फ पान की दुकान है, बल्कि उन्होंने इवेंट पर भी ध्यान दिया. नौशाद कहते हैं, 'मेरा पहला इवेंट मुंबई के मशहूर होटल 'ताज पैलेस' में हुआ था. नौशाद ने कहा, 'हमें अडाणी समूह से कई आयोजन मिल रहे हैं. हल्दीराम, सेलो जैसी बड़ी कंपनियों के मालिकों से भी हमें निजी आयोजनों के ऑर्डर मिल रहे हैं. इससे आज करोड़ों रुपये की कमाई हो रही है.'
विदेश तक पहुंचेगा पान: भविष्य में नौशाद अपने पान ब्रांड को प्रदेश में भी ले जाना चाहते हैं. नौशाद चाहते हैं कि जिस तरह 'स्टारबक्स' और 'मैकडोनाल्ड' जैसी विदेशी कंपनियों का नेटवर्क भारत में फैला है, उसी तरह 'द पान स्टोरी' ब्रांड का नेटवर्क विदेश में भी फैले.