नई दिल्ली: हाल ही में झारखंड से भारी मात्रा में डेटोनेटर की जब्ती ने सुरक्षा बलों को इस तथ्य के बाद परेशानी में डाल दिया है कि माओवादियों द्वारा खरीदे गए डेटोनेटर गैर-इलेक्ट्रिक हैं. उन्हें संभालना और संग्रहित करना आसान है. एक गिरफ्तार माओवादी द्वारा संगठन के विदेशी आतंकवादी संगठनों के साथ गठजोड़ के गुप्त दृष्टिकोण के बारे में खुलासे ने स्थिति को और अधिक खराब कर दिया है.
झारखंड में तैनात सीआरपीएफ (CRPF) की 172वीं बटालियन ने हाल ही में चाईबासा से करीब 3,000 डेटोनेटर बरामद किए थे. सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'ये नए प्रकार के डेटोनेटर हैं. चिंता की बात यह है कि ये डेटोनेटर गैर-इलेक्ट्रिक, तेज, शांत और संभालने और स्टोर करने में सुरक्षित हैं. वे रेडियो फ्रीक्वेंसी के प्रति कम संवेदनशील हैं, जो उन्हें सामान्य लोगों की तुलना में अधिक खतरनाक बनाता है'.
अधिकारी ने कहा, 'इस प्रकार के डेटोनेटर पानी प्रतिरोधी होते हैं, विस्फोट करने वाले तार का विकल्प होते हैं. इन्हें उच्च घर्षण प्रतिरोध के साथ तुरंत या देरी से चालू किया जा सकता है'. इस बीच, अधिकारी ने दावा किया कि माओवादी कई विदेशी आतंकवादी संगठनों के साथ अपने संपर्क फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.
अधिकारी ने अधिक जानकारी दिए बिना कहा, 'एक वरिष्ठ माओवादी कैडर से पूछताछ के बाद हमें सुराग मिला है कि माओवादी विदेश स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ गठजोड़ स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं'. गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिलों में सुरक्षा बलों ने दो महिलाओं समेत 12 माओवादियों को गिरफ्तार किया था. अधिकारी ने कहा, 'उनमें से सबसे वांछित माओवादी केंद्रीय क्षेत्रीय कमांडर मदवी अयाता उर्फ सुखराम था, जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम था'.
इस बीच, माओवादियों के मुद्दे से जुड़े गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संवाददाता से बात करते हुए कहा कि मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों से उग्रवादियों के खिलाफ अपना चौतरफा अभियान जारी रखने को कहा है. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'इस बात की पूरी संभावना है कि माओवादी अन्य आतंकी संगठनों के साथ नए संपर्क और समझ स्थापित करने की कोशिश कर सकते हैं, खासकर ऐसे समय में जब संगठन देश भर से अपने आधार खो रहा है'.
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