कटिहार: जिले में उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति बन गई जब 10 की संख्या में आदिवासी महिलाएं हाथों में डीजल की बोतल थामे समाहरणालय के गेट के सामने बैठ गईं और अपने ऊपर डीजल उड़ेलने लगी. रोती बिलखती महिलाओं ने सामूहिक आत्मदाह का प्रयास किया. जमीनी विवाद में महिलाओं ने ये कदम उठाया.
'हमारे घर को तोड़ दिया': पीड़िता गौरी देवी ने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए. जिस जमीन पर हम रहते हैं, उसे उजाड़ दिया गया है. दबंगों ने घर तोड़ दिया और सारा सामान लेकर चले गए. मोबाइल,पैसा, गहना सब कुछ लूटकर ले गए. दबंग हमपर जमीन खाली करने का दबाव बना रहे हैं. उसी जमीन का एसडीओ साहब के यहां केस चल रहा है. एक तरफ केस चल रहा है, दूसरी तरफ मारपीट किया जा रहा है. हम पर अत्याचार किया जा रहा है. ऐसे में हम जिंदा रहकर क्या करेंगे.
"हमलोग जिस जमीन पर रहते थे, वह वापस चाहिए. कुछ यादव लोग थे. हम नहीं पहचानते. 50-60 लोग सुबह-सुबह आए थे. हमें एसडीओ सर बोले के चार-पांच दिन रूकना होगा. हम कहां रहेंगे, रोड में बच्चों के साथ रहना होगा."- गौरी देवी, पीड़िता
'70 की संख्या में आए थे दबंग': वहीं एक अन्य पीड़िता आशा कुमारी ने कहा कि हमारा घर उजाड़ दिया. 70 की संख्या में दबंग सुबह सात बजे आए. घर-घर काम करके कमाते खाते हैं. मुश्किल से घर बनाकर रहते हैं. हमें दबंगों ने धमकाया. अनिकेत यादव हमें धमकाता है. हमारे पूर्वज की जमीन है. हम लंबे समय से उस जमीन पर रह रहे हैं, लेकिन दबंगों की उसपर नजर है. 36 डिसमील जमीन है.
"सुबह सब हमलोग काम पर निकल गए थे. घर पर अकेली दीदी और एक छोटा बच्चा था. 60-70 आदमी आया और दीदी को मारा. हमारा मोबाइल ले गया. घर तोड़कर सब गाड़ी पर लादकर सामान ले गया."- आशा कुमारी, पीड़िता
सामूहिक आत्मदाह की कोशिश से हड़कंप: वहीं मौके पर पहुंचकर नगर थाना पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू दी है. इस घटना के बाद समाहरणालय के समीप घंटों असमंजस की स्थिति बनी रही. महिलाओं ने मुख्य गेट पर जाम कर दिया और हंगामा करते हुए बोतल में रखे डीजल को अपने शरीर पर छिड़कने लगी. बताया जाता है कि सभी महिलाएं ऑफिसर्स कॉलोनी की रहने वाली हैं और सालों से किसी जमीन पर अपना आशियाना बनाकर रहती थीं.
'जमीन हमारी है..खाली नहीं करेंगे': पीड़िता सरस्वती कुमारी की मानें तो कुछ माफिया दो तीन दिनों से जमीन खाली करने की धमकी दे रहे थे और आज सुबह आकर घर तोड़ डाला तो सारा सामान अपने साथ लेते चले गए. सात बजे सुबह हम पर हमला कर दिया गया. हमलोग जान बचाकर मौके से भाग गए. अनिकेत सिंह, जनार्दन यादव, श्याम यादव और मुकेश यादव ने ऐसा किया है. हमें जमीन खाली करने को कह रहे हैं और धमकी दे रहे हैं.
"मेरे ही रिश्तेदार के नाम से जमीन का रसीद कटता है. 2022 और 2023 में भी हमारे साथ मारपीट किया गया था. हम सभी अस्पताल में भर्ती थे. एसपी के यहां भी शिकायत लेकर गए तो उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. थाने वाले भी दबंगों का ही साथ दे रहे हैं. छोटी जाति वालों को रौंदने की कोशिश हो रही है."- सरस्वती देवी, पीड़िता
एसडीएम ने क्या कहा?: मौके पर पहुंचे एसडीएम आलोक चन्द्र चौधरी और सहायक थानाध्यक्ष पंकज प्रताप ने महिलाओं को किसी तरह समझाकर सभी को पूछताछ के लिये थाने लेकर चले गए. एसडीएम आलोक चन्द्र चौधरी ने बताया कि पूरे मामले की जांच चल रही है. जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
"मामले की जांच हो रही है. सभी महिलाओं का लिखित बयान लिया गया है. जांच के बाद जो भी उचित कार्रवाई है की जाएगी."- आलोक चन्द्र चौधरी, एसडीएम
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