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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले मनोज जरांगे फिर भूख हड़ताल पर बैठे, जानें इस बार क्या है मांग - Manoj Jarange Hunger Strike

Manoj Jarange Hunger Strike over Maratha Quota: महाराष्ट्र में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे फिर से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में राज्य में भारी नुकसान के बाद विधानसभा चुनाव में भी भाजपा और एनडीए की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पढ़ें पूरी खबर.

Manoj Jarange Hunger Strike over Maratha Quota
मनोज जरांगे फिर भूख हड़ताल पर बैठे (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 8, 2024, 6:03 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने एक बार भी आमरण अनशन शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिवबा संगठन के संस्थापक जरांगे ने शनिवार को फिर से भूख हड़ताल शुरू कर दी है. उनकी मांग है कि महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण को लेकर बीते जनवरी में किए गए वादों को लागू करे.

रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद जरांगे बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ सोमवार को जालना जिले में अपने गांव अंतरावली-सरती में भूख हड़ताल पर बैठ गए.

मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने पिछले साल आरक्षण की मांग को लेकर लंबा आंदोलन किया था. उन्होंने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए नवी मुंबई तक पैदल यात्रा भी की थी. जरांगे के आंदोलन के कारण महाराष्ट्र सरकार को विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाना पड़ा था और सरकार ने विधानमंडल में प्रस्ताव पेश कर जरांगे की कई मांगों को मान लिया था.

मनोज जरांगे के साथ सीएम एकनाथ शिंदे
मनोज जरांगे के साथ सीएम एकनाथ शिंदे (File Photo ANI)

इसके बाद जनवरी में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे से मुलाकात कर मराठा आरक्षण से जुड़े ड्रॉफ्ट की कॉपी दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, समझौते के अनुसार राज्य सरकार ने अभी भी कुछ मांगों को पूरा नहीं किया है.

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय की आबादी लगभग 33 प्रतिशत है और यह समुदाय दशकों से शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. जरांगे की मांग है कि मराठा समुदाय को कुनबी जाति का दर्ज दिया जाएगा.

लोकसभा चुनाव में एनडीए का हुआ नुकसान
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को भारी नुकसान हुआ है. भाजपा को सिर्फ नौ सीटों और सहयोगी दलों को आठ सीटें मिली हैं. जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन राज्य में लोकसभा की 48 सीटें में 30 सीट जीतने में कामयाब हुआ. अकेले कांग्रेस को 13 सीटें मिली हैं और राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

विधानसभा चुनाव से पहले फिर उठा माराठा आरक्षण मुद्दा
महाराष्ट्र में साल के अंत में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में जरांगे के फिर से भूख हड़ताल पर बैठने से राज्य में सत्तारूढ़ महायुति में शामिल भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ऐसा माना जा रहा है कि मराठा समुदाय में नाराजगी बढ़ने से भाजपा को चुनाव में नुकसान हो सकता है.

ये भी पढ़ें- नीतीश कुमार को PM पद का ऑफर मिला, कांग्रेस ने JDU नेता के दावे पर दिया जवाब

मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने एक बार भी आमरण अनशन शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिवबा संगठन के संस्थापक जरांगे ने शनिवार को फिर से भूख हड़ताल शुरू कर दी है. उनकी मांग है कि महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण को लेकर बीते जनवरी में किए गए वादों को लागू करे.

रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद जरांगे बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ सोमवार को जालना जिले में अपने गांव अंतरावली-सरती में भूख हड़ताल पर बैठ गए.

मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने पिछले साल आरक्षण की मांग को लेकर लंबा आंदोलन किया था. उन्होंने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए नवी मुंबई तक पैदल यात्रा भी की थी. जरांगे के आंदोलन के कारण महाराष्ट्र सरकार को विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाना पड़ा था और सरकार ने विधानमंडल में प्रस्ताव पेश कर जरांगे की कई मांगों को मान लिया था.

मनोज जरांगे के साथ सीएम एकनाथ शिंदे
मनोज जरांगे के साथ सीएम एकनाथ शिंदे (File Photo ANI)

इसके बाद जनवरी में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे से मुलाकात कर मराठा आरक्षण से जुड़े ड्रॉफ्ट की कॉपी दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, समझौते के अनुसार राज्य सरकार ने अभी भी कुछ मांगों को पूरा नहीं किया है.

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय की आबादी लगभग 33 प्रतिशत है और यह समुदाय दशकों से शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. जरांगे की मांग है कि मराठा समुदाय को कुनबी जाति का दर्ज दिया जाएगा.

लोकसभा चुनाव में एनडीए का हुआ नुकसान
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को भारी नुकसान हुआ है. भाजपा को सिर्फ नौ सीटों और सहयोगी दलों को आठ सीटें मिली हैं. जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन राज्य में लोकसभा की 48 सीटें में 30 सीट जीतने में कामयाब हुआ. अकेले कांग्रेस को 13 सीटें मिली हैं और राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

विधानसभा चुनाव से पहले फिर उठा माराठा आरक्षण मुद्दा
महाराष्ट्र में साल के अंत में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में जरांगे के फिर से भूख हड़ताल पर बैठने से राज्य में सत्तारूढ़ महायुति में शामिल भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ऐसा माना जा रहा है कि मराठा समुदाय में नाराजगी बढ़ने से भाजपा को चुनाव में नुकसान हो सकता है.

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