चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा में सोमवार को उस समय अनियंत्रित स्थिति उत्पन्न हो गई जब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अध्यक्ष को 'एक ताला और चाबी' सौंपते हुए उनसे विपक्ष को सदन के अंदर बंद करने के लिए कहा, ताकि वे (विपक्षी सदस्य) चर्चा के दौरान बाहर न निकल सकें. मान ने पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन एक मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने के लिए विपक्षी विधायकों की आलोचना की और सदन में चर्चा की मांग की.
विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों के आग्रह पर राज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने को लेकर चर्चा की अनुमति दे दी, जो सत्र की शुरुआत में 'प्रश्नकाल' और 'शून्यकाल' शुरू करने की परंपरा से इतर है. बजट सत्र के दूसरे दिन चर्चा शुरू होने से पहले मान ने अध्यक्ष को एक लिफाफा दिया, जिसमें 'ताला और चाबी' थी तथा उनसे सदन का दरवाज़ा अंदर से बंद कराने को कहा, ताकि विपक्षी सदस्य चर्चा के दौरान बाहर न जा सकें.
मान ने अध्यक्ष से कहा, 'मैं सच बोलूंगा और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. ताला लगा दो ताकि वे भाग न जाएं.' विपक्ष के नेता और कांग्रेस सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने मान से कहा कि वे नहीं भागेंगे. हालांकि मान लगातार कहते रहे कि विपक्षी विधायक चले जाएंगे, जिसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हुई. इस बीच अध्यक्ष ने कहा कि सदन के दरवाज़े पर ताला लगाने का मुद्दा सांकेतिक है, ताकि सदन में चर्चा की जा सके.
सत्ता पक्ष के सदस्यों और कांग्रेसी विधायकों के बीच तीखी तकरार हुई जिसके बाद अध्यक्ष संधवान ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी.सदन स्थगित होने के बाद बाजवा ने कुछ टिप्पणी की, जिसके चलते सत्तारूढ़ आप के सदस्य विपक्षी मेज़ों की ओर आ गए और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई. आप और कांग्रेस विधायकों के बीच बहस होती रही तो दोनों दलों के कुछ अन्य विधायकों ने दखल देकर स्थिति को शांत कराने की कोशिश की. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने एक मार्च को विधानसभा में अभिभाषण दिया था, जिसे कांग्रेस के विधायकों ने बाधित किया था और प्रदर्शनकारी किसानों का मुद्दा उठाया था तथा नारे लगाए थे.
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