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मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से मिले स्कूली छात्र, CM के सामने उठाईं ये चिंताएं - Manipur

CM Biren Singh: मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने स्कूली छात्र के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर सिंह ने एक्स पर लिखा कि हमारे युवाओं की आवाज महत्वपूर्ण है और हम सब मिलकर मणिपुर के बेहतर भविष्य के लिए प्रयास करेंगे.

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से मिले स्कूली छात्र
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से मिले स्कूली छात्र (ANI)
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By ANI

Published : Sep 9, 2024, 5:05 PM IST

इंफाल: मणिपुर के विभिन्न स्कूली छात्रों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से मुलाकात की और राज्य में हुई ताजा हिंसा के कारण उनकी पढ़ाई पर पड़ने वाले असर के बारे में अपनी चिंताएं जाहिर कीं. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी आवाज सुनी जाएगी.

बैठक को लेकर मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने कहा, "मेरे सचिवालय में इंफाल कॉलेज और इबोटोनसाना हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों के साथ एक उपयोगी बैठक हुई. उन्होंने राज्य में चल रही गड़बड़ियों के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त कीं, और मैं वास्तव में उनके सुझावों को महत्व देता हूं. हमने उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनकी शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में रचनात्मक चर्चा की. मैं सभी छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इन मुद्दों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

'युवाओं की आवाज महत्वपूर्ण'
सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि हमारे युवाओं की आवाज महत्वपूर्ण है और हम सब मिलकर मणिपुर के बेहतर भविष्य के लिए प्रयास करेंगे. हम जल्द से जल्द शांति बहाल करने के लिए हर उपाय पर विचार कर रहे हैं, ताकि छात्र शांतिपूर्वक अपनी कक्षाएं फिर से शुरू कर सकें और अपने शैक्षणिक करियर को आगे बढ़ा सकें. राज्य सरकार में मौजूदा स्थिति के बारे में छात्रों की शिकायतों को हल करने को अत्यधिक महत्व देती है.

छात्रों ने निकाला मार्च
इससे पहले सोमवार को इंफाल के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कई छात्रों ने राजभवन की ओर रैली निकाली और पिछले साल से पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा और संकट की हालिया वृद्धि के बीच पुलिस महानिदेशक, सुरक्षा सलाहकार और राज्यपाल के इस्तीफे की मांग की. इतना ही नहीं छात्रों ने अर्धसैनिक बलों को वापस बुलाने और नैतिक आधार पर 50 विधायकों के इस्तीफे की भी मांग की.

इस संबंध में धनमंजुरी विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव ने कहा इस रैली का उद्देश्य संबंधित अधिकारियों को यह बताना कि पिंजरे में रहने और इंफाल घाटी में रहने में कोई अंतर नहीं है. अभी कोई सेफटी जोन नहीं है. कुकी ने दावा किया कि उनके पास ऐसी मिसाइलें हैं जो 20 किलोमीटर तक निशाना साध सकती हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार, राज्यपाल, असम राइफल्स, केंद्रीय बलों और सभी कदाचारों की कार्रवाई को विनियमित करने के लिए हमारे मुख्यमंत्री को यूनिफाइड कमान दें,"

उन्होंने आगे कहा, "विभिन्न कॉलेजों के छात्रों का यह सामूहिक प्रयास है कि उन्हें हमारी मांगें सुनाई जाएं. हम सुरक्षा सलाहकार और डीजीपी का इस्तीफा चाहते हैं. हम राज्यपाल के सामने उनसे अनुरोध करने आए हैं कि वे 24 घंटे के भीतर हमारे मुख्यमंत्री को यूनिफाइड कमान सौंप दें. इसके अलावा, हम चाहते हैं कि वे असम राइफल्स को नियंत्रित करें क्योंकि हिंसा की शुरुआत से ही उन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया है."

यह भी पढ़ें- इंफाल में छात्रों का विरोध प्रदर्शन, राजभवन की ओर रैली निकाली, अधिकारियों का मांगा इस्तीफा

इंफाल: मणिपुर के विभिन्न स्कूली छात्रों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से मुलाकात की और राज्य में हुई ताजा हिंसा के कारण उनकी पढ़ाई पर पड़ने वाले असर के बारे में अपनी चिंताएं जाहिर कीं. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी आवाज सुनी जाएगी.

बैठक को लेकर मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने कहा, "मेरे सचिवालय में इंफाल कॉलेज और इबोटोनसाना हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों के साथ एक उपयोगी बैठक हुई. उन्होंने राज्य में चल रही गड़बड़ियों के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त कीं, और मैं वास्तव में उनके सुझावों को महत्व देता हूं. हमने उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनकी शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में रचनात्मक चर्चा की. मैं सभी छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इन मुद्दों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

'युवाओं की आवाज महत्वपूर्ण'
सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि हमारे युवाओं की आवाज महत्वपूर्ण है और हम सब मिलकर मणिपुर के बेहतर भविष्य के लिए प्रयास करेंगे. हम जल्द से जल्द शांति बहाल करने के लिए हर उपाय पर विचार कर रहे हैं, ताकि छात्र शांतिपूर्वक अपनी कक्षाएं फिर से शुरू कर सकें और अपने शैक्षणिक करियर को आगे बढ़ा सकें. राज्य सरकार में मौजूदा स्थिति के बारे में छात्रों की शिकायतों को हल करने को अत्यधिक महत्व देती है.

छात्रों ने निकाला मार्च
इससे पहले सोमवार को इंफाल के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कई छात्रों ने राजभवन की ओर रैली निकाली और पिछले साल से पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा और संकट की हालिया वृद्धि के बीच पुलिस महानिदेशक, सुरक्षा सलाहकार और राज्यपाल के इस्तीफे की मांग की. इतना ही नहीं छात्रों ने अर्धसैनिक बलों को वापस बुलाने और नैतिक आधार पर 50 विधायकों के इस्तीफे की भी मांग की.

इस संबंध में धनमंजुरी विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव ने कहा इस रैली का उद्देश्य संबंधित अधिकारियों को यह बताना कि पिंजरे में रहने और इंफाल घाटी में रहने में कोई अंतर नहीं है. अभी कोई सेफटी जोन नहीं है. कुकी ने दावा किया कि उनके पास ऐसी मिसाइलें हैं जो 20 किलोमीटर तक निशाना साध सकती हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार, राज्यपाल, असम राइफल्स, केंद्रीय बलों और सभी कदाचारों की कार्रवाई को विनियमित करने के लिए हमारे मुख्यमंत्री को यूनिफाइड कमान दें,"

उन्होंने आगे कहा, "विभिन्न कॉलेजों के छात्रों का यह सामूहिक प्रयास है कि उन्हें हमारी मांगें सुनाई जाएं. हम सुरक्षा सलाहकार और डीजीपी का इस्तीफा चाहते हैं. हम राज्यपाल के सामने उनसे अनुरोध करने आए हैं कि वे 24 घंटे के भीतर हमारे मुख्यमंत्री को यूनिफाइड कमान सौंप दें. इसके अलावा, हम चाहते हैं कि वे असम राइफल्स को नियंत्रित करें क्योंकि हिंसा की शुरुआत से ही उन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया है."

यह भी पढ़ें- इंफाल में छात्रों का विरोध प्रदर्शन, राजभवन की ओर रैली निकाली, अधिकारियों का मांगा इस्तीफा

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