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Maharashtra: वक्फ बोर्ड का 300 एकड़ जमीन पर दावा, 100 से ज्यादा किसानों को भेजा नोटिस - MAHARASHTRA WAQF BOARD

महाराष्ट्र के लातूर जिले में वक्फ बोर्ड की तरफ से कथित तौर पर 103 किसानों की 300 एकड़ की जमीन पर दावा किया गया है.

More than 100 Latur farmers get notices from Maharashtra Waqf Board over land
Latur: वक्फ बोर्ड ने 300 एकड़ जमीन पर किया दावा, 100 से ज्यादा किसानों को भेजा नोटिस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 8, 2024, 10:22 AM IST

लातूर: कर्नाटक के बाद अब महाराष्ट्र में स्टेट वक्फ बोर्ड की तरफ से किसानों को नोटिस भेजने और उनकी जमीन पर दावा किए जाने का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लातूर जिले के 100 से अधिक किसानों ने दावा किया है कि वक्फ बोर्ड ने उन्हें नोटिस भेजा है. किसानों का कहना है कि जिस जमीन पर वे कई पीढ़ियों से खेती करते आ रहे हैं, वक्फ बोर्ड अब उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहता है.

किसानों ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि छत्रपति संभाजीनगर में महाराष्ट्र राज्य वक्फ न्यायाधिकरण में इस संबंध में दावा अर्जी दायर की गई है. इसके बाद वक्फ न्यायाधिकरण द्वारा 103 किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनके पास कुल 300 एकड़ जमीन है.

नोटिस पाने वाले किसान तुकाराम कंवटे ने मीडिया को बताया, "ये जमीन हमें पीढ़ियों से विरासत में मिली है. ये वक्फ संपत्ति नहीं हैं. हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार हमें न्याय दे. इस मामले पर अदालत में दो सुनवाई हो चुकी है और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को है."

किसी के साथ अन्याय नहीं होगा...
लातूर के किसानों को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड से नोटिस मिलने पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति सरकार आम लोगों की है. हम किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों को भेजे गए नोटिस के संबंध में हमें पूरी जानकारी नहीं मिली है.

वक्फ बोर्ड ने शरारत की है...
महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड की ओर से लातूर के किसानों को नोटिस मिलने पर महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, "वक्फ बोर्ड ने शरारत की है. बहुत सारी संपत्तियां हिंदू देवी-देवताओं, हिंदू ट्रस्टों और किसानों की हैं, लेकिन उन्होंने जबरन उन पर अतिक्रमण करके उन्हें अपने नाम पर पंजीकृत करा लिया है. इसे फिर से डिजिटल किया जाना चाहिए. साफ-सुथरा रिकॉर्ड होना चाहिए."

उन्होंने कहा, "भाजपा ने केंद्र और राज्य सरकार को बार-बार लिखा है कि वक्फ बोर्ड ने जो शरारत की है, जिस जमीन पर उन्होंने अतिक्रमण किया है, उसे छोड़ा जाना चाहिए और इसके लिए सरकार सख्त कार्रवाई करेगी...इसकी जांच होनी चाहिए. मैं केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह करता हूं कि वे इसकी सख्ती से जांच करें."

वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि जिस जमीन के लिए नोटिस भेजा गया है, अगर वह जमीन किसानों के नाम पर है और वे उस पर खेती कर रहे हैं, तो वक्फ बोर्ड ऐसी कार्रवाई नहीं कर सकता.

कर्नाटक में हुआ था काफी विवाद
इससे पहले, कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की और से कुछ किसानों को नोटिस जारी किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ. उत्तर कर्नाटक में विजयपुरा जिले के कुछ किसानों ने अक्टूबर महीने में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड ने उन्हें जमीन खाली करने के नोटिस दिए हैं क्योंकि बोर्ड ने इन जमीनों पर अपना दावा जताया है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित करने और इसकी संपत्तियों के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए इस साल 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था. इसके बाद विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया था.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी ने वक्फ नीतियों के लिए कांग्रेस को ठहराया दोषी, विपक्षी दल ने दिया जवाब

लातूर: कर्नाटक के बाद अब महाराष्ट्र में स्टेट वक्फ बोर्ड की तरफ से किसानों को नोटिस भेजने और उनकी जमीन पर दावा किए जाने का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लातूर जिले के 100 से अधिक किसानों ने दावा किया है कि वक्फ बोर्ड ने उन्हें नोटिस भेजा है. किसानों का कहना है कि जिस जमीन पर वे कई पीढ़ियों से खेती करते आ रहे हैं, वक्फ बोर्ड अब उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहता है.

किसानों ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि छत्रपति संभाजीनगर में महाराष्ट्र राज्य वक्फ न्यायाधिकरण में इस संबंध में दावा अर्जी दायर की गई है. इसके बाद वक्फ न्यायाधिकरण द्वारा 103 किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनके पास कुल 300 एकड़ जमीन है.

नोटिस पाने वाले किसान तुकाराम कंवटे ने मीडिया को बताया, "ये जमीन हमें पीढ़ियों से विरासत में मिली है. ये वक्फ संपत्ति नहीं हैं. हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार हमें न्याय दे. इस मामले पर अदालत में दो सुनवाई हो चुकी है और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को है."

किसी के साथ अन्याय नहीं होगा...
लातूर के किसानों को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड से नोटिस मिलने पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति सरकार आम लोगों की है. हम किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों को भेजे गए नोटिस के संबंध में हमें पूरी जानकारी नहीं मिली है.

वक्फ बोर्ड ने शरारत की है...
महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड की ओर से लातूर के किसानों को नोटिस मिलने पर महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, "वक्फ बोर्ड ने शरारत की है. बहुत सारी संपत्तियां हिंदू देवी-देवताओं, हिंदू ट्रस्टों और किसानों की हैं, लेकिन उन्होंने जबरन उन पर अतिक्रमण करके उन्हें अपने नाम पर पंजीकृत करा लिया है. इसे फिर से डिजिटल किया जाना चाहिए. साफ-सुथरा रिकॉर्ड होना चाहिए."

उन्होंने कहा, "भाजपा ने केंद्र और राज्य सरकार को बार-बार लिखा है कि वक्फ बोर्ड ने जो शरारत की है, जिस जमीन पर उन्होंने अतिक्रमण किया है, उसे छोड़ा जाना चाहिए और इसके लिए सरकार सख्त कार्रवाई करेगी...इसकी जांच होनी चाहिए. मैं केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह करता हूं कि वे इसकी सख्ती से जांच करें."

वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि जिस जमीन के लिए नोटिस भेजा गया है, अगर वह जमीन किसानों के नाम पर है और वे उस पर खेती कर रहे हैं, तो वक्फ बोर्ड ऐसी कार्रवाई नहीं कर सकता.

कर्नाटक में हुआ था काफी विवाद
इससे पहले, कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की और से कुछ किसानों को नोटिस जारी किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ. उत्तर कर्नाटक में विजयपुरा जिले के कुछ किसानों ने अक्टूबर महीने में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड ने उन्हें जमीन खाली करने के नोटिस दिए हैं क्योंकि बोर्ड ने इन जमीनों पर अपना दावा जताया है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित करने और इसकी संपत्तियों के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए इस साल 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था. इसके बाद विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया था.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी ने वक्फ नीतियों के लिए कांग्रेस को ठहराया दोषी, विपक्षी दल ने दिया जवाब

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