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लेफ्टिनेंट अनिकेत कुंभार ने निभाया दोस्ती का फर्ज, ऐसे जीता सबका दिल - IMA Passing Out Parade 2024

IMA Passing Out Parade 2024, Aniket passed out from IMA, Lieutenant Aniket Kumbhar of Maharashtra वैसे तो भारतीय सैन्य अकादमी में हर कोई अपना सपना पूरा करने के लिए कड़े संघर्ष के साथ पहुंचा..अकादमी से पास आउट होने वाले लेफ्टिनेंट अनिकेत ने ना केवल अपना और अपने माता-पिता का सपना पूरा किया बल्कि अपने उसे दोस्त को भी इस कामयाबी के जरिए श्रद्धांजलि दी जो इस दुनिया में नहीं है. अकादमी में पासिंग आउट परेड के दौरान अनिकेत कुंभार के जज्बे को जिसने भी जाना वह अनिकेत का कायल हो गया.

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लेफ्टिनेंट अनिकेत कुंभार ने निभाया दोस्ती का फर्ज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 8, 2024, 4:28 PM IST

Updated : Jun 8, 2024, 6:16 PM IST

लेफ्टिनेंट अनिकेत कुंभार ने निभाया दोस्ती का फर्ज (Etv Bharat)

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी में पहुंचने की हर कैडेट की अपनी एक अलग कहानी है. इन सब कहानियों में एक बात ऐसी है जो सबके लिए समान दिखती है, सिवाए लेफ्टिनेंट अनिकेत, भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होकर हर कैडेट अपने और अपने परिवार के सपने को पूरा करना चाहता था, लेकिन लेफ्टिनेंट अनिकेत के लिए भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होने का यह पल केवल खुद के सपने को पूरा करने तक सीमित नहीं था, बल्कि, अनिकेत उस फर्ज को भी निभाना चाहता था जिससे अनिकेत का दोस्त प्रथम महाले चूक गया था.

लेफ्टिनेंट अनिकेत कुंभार महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. उन्होंने भी बाकी युवाओं की तरह ही संघर्ष के बाद लेफ्टिनेंट तक का सफर तय किया. वैसे तो अकादमी से पास आउट होने का यह पल हर किसी के लिए खास था लेकिन अनिकेत कुंभार के लिए ये समय ज्यादा महत्वपूर्ण था. ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ अनिकेत ने अपने और अपने परिवार के सपने को पूरा किया वहीं दूसरी तरफ उसने अपने उस दोस्त के माता पिता को भी खुशी दी जो अब इस दुनिया में नहीं है.

दरअसल, अनिकेत कुंभार ने पहले एनडीए में प्रशिक्षण लिया. फिर भारतीय सैन्य अकादमी को ज्वाइन की. इस दौरान एक कमी थी जो हमेशा लेफ्टिनेंट अनिकेत को भारतीय सैन्य अकादमी में महसूस होती रही. यह कमी उनके दोस्त प्रथम महाले की थी. प्रथम महाले लेफ्टिनेंट अनिकेत के स्कूल फ्रैंड और फिर अपनी भविष्य की तलाश के लिए संघर्ष करने के दौरान का भी साथी रहा. एनडीए के लिए दोनों ने ही एक साथ तैयारी की. उसके बाद एक साथ एनडीए क्रैक किया, लेकिन एनडीए में प्रशिक्षण के दौरान बॉक्सिंग चैंपियनशिप के दौरान प्रथम को अपनी जान गंवानी पड़ी.

लेफ्टिनेंट अनिकेत ने भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होने के दौरान अपने दिवंगत मित्र प्रथम महाले के माता-पिता को भी इस खास पल का साक्षी बनाने का फैसला लिया. लेफ्टिनेंट अनिकेत ने बताया प्रथम को लेकर प्रथम के माता-पिता जिस पल को देखना चाहते थे वह अपने दूसरे बेटे के लिए उस पल को देख सकें. लेफ्टिनेंट अनिकेत ने कहा आज उनके लिए यह दिन बाकी कैडेट्स से ज्यादा खास है, क्योंकि आज उनके एक नहीं बल्कि दो परिजन उन्हें आशीर्वाद देने के लिए मौजूद हैं. अनिकेत ने कहा वह स्थितियों को तो नहीं बदल सकते लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि वह हमेशा प्रथम के माता-पिता के साथ खड़े रहेंगे.

प्रथम के माता-पिता भी इस खास पल के लिए भारतीय सैन्य अकादमी पहुंचे. यही नहीं लेफ्टिनेंट अनिकेत की कामयाबी को देखकर वह बेहद ज्यादा खुश थे. दिवंगत प्रथम के पिता ने कहा आज उनके दूसरे बेटे ने उनका सपना पूरा कर दिया है. उन्हें बेहद ज्यादा खुशी है कि अनिकेत ने इस खास पल के लिए याद किया है.

पढ़ें-आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे अर्पित यादव, सैन्य पृष्ठभूमि की परंपरा ने बदला मन - IMA Passing Out Parade 2024

लेफ्टिनेंट अनिकेत कुंभार ने निभाया दोस्ती का फर्ज (Etv Bharat)

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी में पहुंचने की हर कैडेट की अपनी एक अलग कहानी है. इन सब कहानियों में एक बात ऐसी है जो सबके लिए समान दिखती है, सिवाए लेफ्टिनेंट अनिकेत, भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होकर हर कैडेट अपने और अपने परिवार के सपने को पूरा करना चाहता था, लेकिन लेफ्टिनेंट अनिकेत के लिए भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होने का यह पल केवल खुद के सपने को पूरा करने तक सीमित नहीं था, बल्कि, अनिकेत उस फर्ज को भी निभाना चाहता था जिससे अनिकेत का दोस्त प्रथम महाले चूक गया था.

लेफ्टिनेंट अनिकेत कुंभार महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. उन्होंने भी बाकी युवाओं की तरह ही संघर्ष के बाद लेफ्टिनेंट तक का सफर तय किया. वैसे तो अकादमी से पास आउट होने का यह पल हर किसी के लिए खास था लेकिन अनिकेत कुंभार के लिए ये समय ज्यादा महत्वपूर्ण था. ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ अनिकेत ने अपने और अपने परिवार के सपने को पूरा किया वहीं दूसरी तरफ उसने अपने उस दोस्त के माता पिता को भी खुशी दी जो अब इस दुनिया में नहीं है.

दरअसल, अनिकेत कुंभार ने पहले एनडीए में प्रशिक्षण लिया. फिर भारतीय सैन्य अकादमी को ज्वाइन की. इस दौरान एक कमी थी जो हमेशा लेफ्टिनेंट अनिकेत को भारतीय सैन्य अकादमी में महसूस होती रही. यह कमी उनके दोस्त प्रथम महाले की थी. प्रथम महाले लेफ्टिनेंट अनिकेत के स्कूल फ्रैंड और फिर अपनी भविष्य की तलाश के लिए संघर्ष करने के दौरान का भी साथी रहा. एनडीए के लिए दोनों ने ही एक साथ तैयारी की. उसके बाद एक साथ एनडीए क्रैक किया, लेकिन एनडीए में प्रशिक्षण के दौरान बॉक्सिंग चैंपियनशिप के दौरान प्रथम को अपनी जान गंवानी पड़ी.

लेफ्टिनेंट अनिकेत ने भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होने के दौरान अपने दिवंगत मित्र प्रथम महाले के माता-पिता को भी इस खास पल का साक्षी बनाने का फैसला लिया. लेफ्टिनेंट अनिकेत ने बताया प्रथम को लेकर प्रथम के माता-पिता जिस पल को देखना चाहते थे वह अपने दूसरे बेटे के लिए उस पल को देख सकें. लेफ्टिनेंट अनिकेत ने कहा आज उनके लिए यह दिन बाकी कैडेट्स से ज्यादा खास है, क्योंकि आज उनके एक नहीं बल्कि दो परिजन उन्हें आशीर्वाद देने के लिए मौजूद हैं. अनिकेत ने कहा वह स्थितियों को तो नहीं बदल सकते लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि वह हमेशा प्रथम के माता-पिता के साथ खड़े रहेंगे.

प्रथम के माता-पिता भी इस खास पल के लिए भारतीय सैन्य अकादमी पहुंचे. यही नहीं लेफ्टिनेंट अनिकेत की कामयाबी को देखकर वह बेहद ज्यादा खुश थे. दिवंगत प्रथम के पिता ने कहा आज उनके दूसरे बेटे ने उनका सपना पूरा कर दिया है. उन्हें बेहद ज्यादा खुशी है कि अनिकेत ने इस खास पल के लिए याद किया है.

पढ़ें-आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे अर्पित यादव, सैन्य पृष्ठभूमि की परंपरा ने बदला मन - IMA Passing Out Parade 2024

Last Updated : Jun 8, 2024, 6:16 PM IST
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