मुंबई: मालवण तालुका में राजकोट किले में भारतीय नौसेना द्वारा स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने के बाद राजनीति गरमा गई है. बुधवार को यूबीटी युवा सेना के नेता आदित्य ठाकरे के मालवण दौरे के बाद यूबीटी और राणे समर्थकों के बीच जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद एमवीए और सरकार के बीच राजनीति और गरमा गई है.
इसलिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के संबंध में तत्काल योजना बनाने के लिए बुधवार रात एक बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मूर्ति गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी संयुक्त समिति का गठन किया. सूत्रों के अनुसार इस समिति में सिविल इंजीनियर, विशेषज्ञ, आईआईटी और नौसेना के अधिकारी शामिल होंगे.
राजकोट के मालवण किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा तेज हवा के चलते गिर गई. इससे राज्य में बड़ा असमंजस पैदा हो गया. मामले ने तब राजनीतिक मोड़ ले लिया जब एमवीए ने राजकोट किले पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक तत्काल बैठक बुलाई और छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया.
इस समिति में सिविल इंजीनियर, विशेषज्ञ, आईआईटी और नौसेना के अधिकारी शामिल होंगे. अब जब यह तकनीकी संयुक्त समिति गठित हो गई है, तो मूर्ति गिरने के कारण सामने आ सकेंगे. वर्षा पर महायुति नेताओं की बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और शिवप्रेमी की भावनाएं इससे जुड़ी हैं. नौसेना द्वारा राजकोट किले पर नौसेना दिवस मनाने के लिए प्रतिमा स्थापित की गई थी. भविष्य में ऐसी दुर्घटना फिर कभी नहीं देखनी चाहिए.' यह काम बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए. भविष्य में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप होनी चाहिए. धन की कमी कहीं भी नहीं होने दी जाएगी.'