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राजनीति से संन्यास लेंगे शरद पवार? बारामती में दिए संकेत

शरद पवार ने राजनीति से दूर होने के संकेत दिए हैं. हालांकि, उनके राज्य सभा के सांसद के रूप में डेढ़ साल का समय है.

शरद पवार
शरद पवार (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 5, 2024, 5:15 PM IST

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को संकेत दिया कि वह केंद्रीय राजनीति से दूर हो सकते हैं. 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बारामती में एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने खुलासा किया कि राज्य सभा में उनका मौजूदा कार्यकाल अभी डेढ़ साल बाकी है और इस कार्यकाल के समाप्त होने के बाद वह तय करेंगे कि उन्हें दूसरा कार्यकाल चाहिए या नहीं.

84 साल शरद पवार ने उच्च सदन से संभावित बाहर निकलने का संकेत देते हुए कहा, "मुझे सोचना होगा कि मुझे फिर से राज्यसभा जाना है या नहीं." पवार सीनियर ने यह बात अपने भतीजे युगेंद्र पवार के लिए चुनाव प्रचार के दौरान कही. योगेंद्र 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने चाचा अजित पवार को टक्कर देंगे.

भारतीय राजनीति में अहम भूमिका
भारतीय राजनीति में दिग्गज माने जाने वाले शरद पवार ने न केवल महाराष्ट्र के भीतर बल्कि राष्ट्रीय मंच पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शरद पवार के केंद्रीय राजनीति से संभावित रूप से अलग होने से महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि एनसीपी आगामी राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है.

पार्टी के नेता और समर्थक शरद पवार के हालिया सार्वजनिक भाषणों पर उनकी दीर्घकालिक योजनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. इस बीच उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए बारामती में अजित पवार के कार्यों की सरहाना की और उनके योगदान को स्वीकार किया.

अजित पवार को दीं सभी शक्तियां
पवार ने लोगों से कहा कि आपने मुझे एक या दो बार नहीं बल्कि चार बार मुख्यमंत्री बनाया. महाराष्ट्र के लिए काम करने से पहले मैंने 25 साल तक यहां काम किया. मैंने सभी स्थानीय शक्तियां अजीत दादा को सौंप दीं थीं. अजीत पवार ने बी 25 से 30 साल तक इस क्षेत्र में काम किया और उनके काम पर कोई संदेह नहीं है.

शरद पवार ने जोर देकर कहा कि अगले तीन दशकों में इस क्षेत्र के विकास के लिए एक नए नेता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में बारामती लोकसभा सीट के लिए मुकाबला कठिन था, क्योंकि यह परिवार के भीतर लड़ा गया था और अब पांच महीने बाद क्षेत्र के लोग एक बार फिर इसी तरह का मुकाबला देखेंगे.

बता दें कि बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी भाभी और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को शिकस्त दी थी.

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: संजय राउत ने रश्मि शुक्ला को लेकर देवेंद्र फडणवीस पर बोला हमला

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को संकेत दिया कि वह केंद्रीय राजनीति से दूर हो सकते हैं. 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बारामती में एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने खुलासा किया कि राज्य सभा में उनका मौजूदा कार्यकाल अभी डेढ़ साल बाकी है और इस कार्यकाल के समाप्त होने के बाद वह तय करेंगे कि उन्हें दूसरा कार्यकाल चाहिए या नहीं.

84 साल शरद पवार ने उच्च सदन से संभावित बाहर निकलने का संकेत देते हुए कहा, "मुझे सोचना होगा कि मुझे फिर से राज्यसभा जाना है या नहीं." पवार सीनियर ने यह बात अपने भतीजे युगेंद्र पवार के लिए चुनाव प्रचार के दौरान कही. योगेंद्र 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने चाचा अजित पवार को टक्कर देंगे.

भारतीय राजनीति में अहम भूमिका
भारतीय राजनीति में दिग्गज माने जाने वाले शरद पवार ने न केवल महाराष्ट्र के भीतर बल्कि राष्ट्रीय मंच पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शरद पवार के केंद्रीय राजनीति से संभावित रूप से अलग होने से महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि एनसीपी आगामी राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है.

पार्टी के नेता और समर्थक शरद पवार के हालिया सार्वजनिक भाषणों पर उनकी दीर्घकालिक योजनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. इस बीच उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए बारामती में अजित पवार के कार्यों की सरहाना की और उनके योगदान को स्वीकार किया.

अजित पवार को दीं सभी शक्तियां
पवार ने लोगों से कहा कि आपने मुझे एक या दो बार नहीं बल्कि चार बार मुख्यमंत्री बनाया. महाराष्ट्र के लिए काम करने से पहले मैंने 25 साल तक यहां काम किया. मैंने सभी स्थानीय शक्तियां अजीत दादा को सौंप दीं थीं. अजीत पवार ने बी 25 से 30 साल तक इस क्षेत्र में काम किया और उनके काम पर कोई संदेह नहीं है.

शरद पवार ने जोर देकर कहा कि अगले तीन दशकों में इस क्षेत्र के विकास के लिए एक नए नेता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में बारामती लोकसभा सीट के लिए मुकाबला कठिन था, क्योंकि यह परिवार के भीतर लड़ा गया था और अब पांच महीने बाद क्षेत्र के लोग एक बार फिर इसी तरह का मुकाबला देखेंगे.

बता दें कि बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी भाभी और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को शिकस्त दी थी.

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