प्रयागराज: बाहुबली माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की अवैध कमाई से अर्जित की गई संपत्तियों की और जानकारी मिलने वाली है. घरों की सफाई का काम करने वाले श्याम जी सरोज ने पुलिस के पास पहुंचकर इस बात का खुलासा किया है कि उसके नाम पर माफिया बंधुओं ने कई संपत्तियों की खरीद फरोख्त की थी. अतीक-अशरफ की मौत के बाद उसके कुछ करीबी दबाव बनाकर उन संपत्तियों को बेचना चाह रहे हैं. इसी वजह से उसको बंधक बनाकर रखा गया है. वह किसी तरह से भागकर पुलिस के पास पहुंचा है. उसने चार नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करवाया है.
पुलिस मुकदमा दर्ज कर अब इस मामले की जांच पड़ताल के साथ ही माफिया की बेनामी संपत्तियों का पता लगाने में जुट गई है. इससे पहले हुबलाल नाम के राजमिस्त्री के नाम पर माफिया की संपत्ति मिली थी. माफिया की करोड़ों की बेनामी संपत्ति जिसको पुलिस कुर्क कर चुकी है. प्रयागराज के रहने वाले माफिया अतीक अहदम और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की 15 अप्रैल 2023 को हत्या की जा चुकी है. जिसके बाद उसके करीबी और परिवार वाले अवैध कमाई से अर्जित की गई संपत्तियों को बेचने-खरीदने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में अतीक के करीबी के घर के सफाई का काम करने वाले श्याम जी सरोज ने पुलिस के पास पहुंचकर चौंकाने वाला खुलासा कर दिया है.
अतरसुइया थाने में पहुंचे सफाई कर्मी का काम करने वाले श्याम जी ने पुलिस को बताया कि उसके नाम पर करोड़ों की जमीन जायदाद है, जिसके बारे में उसको पता नहीं है क्योंकि वो अनपढ़ है. उसने पुलिस को बताया, कि वो जावेद खान के घर पर रहकर सफाई करने का काम 15 सालों से करता था. उस घर में रहने वाले जावेद खान, कामरान अहमद खान,फराज अहमद खान के पास आने जाने के कारण उसने अतीक अशरफ जैसे माफियाओं को देखा और पहचाना था. इसके बाद अतीक-अशरफ के साथ मिलकर उसके मालिकों ने उसके नाम पर करोड़ों की संपत्तियों को खरीदा.
लंबे समय से उसको रानीमंडी इलाके के एक होटल के कमरे में बंद करके रखा जाता था. जहां से उसको सिर्फ जमीन खरीदने बेचने के लिए ही बाहर निकालते थे और खरीद फरोख्त के बाद उसे फिर से वहीं वापस लाकर रखा जाता था. उसके पैन आधार कार्ड पहचान पत्र समेत अन्य सारे दस्तावेज भी उन्हीं के पास रहते थे.
अतीक अशरफ की मौत के बाद मिल रही है धमकियां : श्याम जी सरोज ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि करेली के रहने वाले जावेद अहमद खान, कामरान अहमद खान,फराज अहमद खान और शुक्ला जी नाम के अतीक अहमद के करीब अब लगातार उसको संपत्तियों को बेचने के लिए धमका रहे हैं. पिछले साल अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के कुछ महीने तक तो सब सही था लेकिन अब उसके ऊपर बेनामी संपत्तियों की रजिस्ट्री करने के दबाव बनाया जा रहा है. चारों नामजद आरोपियों के अलावा कुछ अज्ञात लोग भी उनके साथ आकर धमकियां देकर उसकी पिटाई कर उसे कमरे में बंद रखते हैं.
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अपने नाम की संपत्तियों का नहीं है अनुमान : श्याम जी का कहना है कि उसके नाम पर शहर के अलग अलग हिस्सों में जमीन जायदाद खरीदी गई है लेकिन कहां पर कितनी क्या संपत्ति है इसके बारे में उसे कोई अनुमान नहीं है. उसको होटल से बाहर तभी निकाला जाता था जब संपत्ति बेचनी खरीदनी रहती थी. साथ ही उसको होटल से बैंक ले जाने के लिए भी निकाला जाता था.
पुलिस से की गई शिकायत में उसने यह भी बताया है कि उसे उसके नाम पर कितनी संपत्तियां खरीदी बेची गयी है, इसकी पूरी जानकारी नहीं है क्योंकि वो सिर्फ कागजों पर दस्तखत और अंगूठा लगाने का ही काम करता था. उसने पुलिस को बताया है कि अब जावेद खान, कामरान अहमद खान,फराज अहमद खान और अतीक अहमद के खास शुक्ला समेत कुछ अज्ञात लोग उसे डरा धमकाकर जमीनों की रजिस्ट्री फिर से करवाना चाह रहे हैं. उसे किसी तरह से मौका मिला तो वो उनके चंगुल से भागकर पुलिस के पास पहुंचा है और इंसाफ की गुहार लगा रहा है. पुलिस ने श्याम जी की तहरीर पर 4 नामजद व अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.
शाइस्ता के बारे में दी जानकारी : सफाई कर्मी श्याम जी ने पुलिस को 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन के बारे में भी अहम जानकारी दी है. उसने पुलिस को बताया कि शाइस्ता परवीन जावेद अहमद खान की पत्नी रेहाना की बहुत खास दोस्त हैं. उनका बहुत मिलना जुलना रहा है. एक दूसरे के घर आने जाने के साथ ही बाहर दूसरी जगहों पर भी वो साथ जाती रही है.पुलिस रेहाना को पकड़कर शाइस्ता के बारे में जानकारी हासिल करें तो जरूर और जानकारियां मिलेंगी. बहरहाल अतरसुइया पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
हुबलाल नाम के राजमिस्त्री के नाम पर भी माफिया बंधुओं ने बनायी थी प्रॉपर्टी: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की ऐसी ही करोड़ो की कीमत वाली बेनामी संपत्ति को पुलिस पहले कुर्क कर चुकी है.माफिया बंधुओं ने हुबलाल नाम के राजमिस्त्री के नाम पर भी कई करोड़ की संपत्ति खरीदी थी.जिसका पता लगाकर पुलिस ने उसकी जांच पड़ताल की थी उसके बाद गैंगस्टर एक्ट के उन बेनामी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाई पिछले साल की थी. उस केस में पुलिस और राजस्व की जांच में पता चला था कि जिस हुबलाल के नाम पर करोड़ो की संपत्ति खरीदी गई थी उसकी आर्थिक हालात बेहद खराब थी वो बीपीएल कार्ड धारक था और उसके बैंक खाते में भी कभी सवा लाख से ज्यादा रुपये जमा हो पाए और उसने करोड़ो की संपत्तियों की रजिस्ट्री अपने नाम पर करवा ली थी.जांच पड़ताल शुरू होते ही हुबलाल ने खुद पुलिस के पास पहुँचकर सारी जानकारी दे दी थी. उसने यह भी बताया कि उसके पास अपनी खुद की सिर्फ ढाई बिस्वा जमीन ही है. पुलिस के अनुसार पूरे मामले की जांच की जा रही है.