भोपाल। विदेश के तर्ज पर लग्जरी कैरावेन में सवार होकर जल्द ही पर्यटक मध्यप्रदेश के टूरिस्ट प्लेस का आनंद उठा सकेंगे. इन कैरावेन में सोने, बैठने से लेकर खाना बनाने तक का पूरा सामान उपलब्ध होगा. प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों को हवाई सफर से जोड़ने के बाद मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश भर में कैरावेन टूरिज्म की सुविधाएं शुरू करने जा रही है. प्रदेश में प्राइवेट पार्टनर्स के साथ इसकी शुरूआत की जा रही है. पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही प्रदेश में इसकी शुरूआत कर दी जाएगी.
यह होंगी कैरावेन में सुविधाएं
मध्यप्रदेश सरकार पर्यटन को लगातार बढ़ावा दे रही है. प्रदेश में पर्यटन की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं. दो ज्योर्तिलिंग के अलावा चित्रकूट, दतिया, ओरछा, सलकनपुर सहित कई धार्मिक स्थलों पर देश-विदेश से लोग पहुंच रहे हैं. मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट, लैपर्ड स्टेट का दर्जा भी प्राप्त है. प्राकृतिक रूप से घूमते वन्य जीवों को देखने प्रदेश के टाइगर रिजर्व में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. इसके अलावा हेरिटेज टूरिज्म की भी यहां भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं. बाहर से आने वाले टूरिस्ट कैरावेन के जरिए पर्यटन स्थलों का और भी आनंद ले सकेंगे. इसमें कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
- कैरावेन में बैड उपलब्ध होगा, जो फोल्ड करके सोफा बन जाएगा.
- इसमें फोल्डिंग किचिन पैक होगा, जो गाड़ी के पीछे खुल जाएगा. इसमें खाना बनाने का पूरा सामान उपलब्ध होगा. इसमें छोटा फ्रिज और माइक्रोवेव भी होगा.
- इसमें टॉयलेट और पर्याप्त फ्रेश वॉटर होगा.
- ड्राइवर सीट के पीछे इसमें पार्टीशन होगा, ताकि पर्यटक की प्राइवेसी बनी रहे.
- ड्राइवर और यात्री के बीच कम्यूनिकेशन की बेहतर व्यवस्था होगी.
- यह पूरी तरह से एयर कंडीशनर होगा.
- इसमें खाने की टेबल, कुर्सियां की व्यवस्था भी होगी.
- इसमें चार्जिंग सिस्टम, ऑडियो, वीडियो की सुविधा उपलब्ध होगी. यह जीपीएस से कनेक्ट होगा.
पीपीपी मोड पर शुरू होगी सुविधा
प्रदेश सरकार सरकार इस इस सुविधा को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर शुरू करने जा रही है. इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. कैरावेन टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा इसमें वित्तीय मदद की जा रही है. इसमें कैरावेन की खरीदी में आने वाले खर्च पर राज्य सरकार द्वारा 25 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला के मुताबिक, ''प्रदेश में पर्यटन की भरपूर संभावनाएं हैं. लोग परिवार सहित प्रदेश के टूरिज्म स्पॉट्स का लाभ उठा सकें, इसके लिए प्रदेश में कैरावेन टूरिज्म की शुरूआत की जा रही है.''
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सिंगल विंडो से मिलेंगी सभी अनुमतियां
केन्द्र सरकार कैरावेन पार्क के लिए गाइडलाइन बना चुकी है. इसके मुताबिक कैरावेन संचालन के लिए परिवहन विभाग और फायर एनओसी लेना होगा, इंश्योरेंस करना होगा. इसमें नार्म्स के मुताबिक इलेक्ट्रीसिटी, वॉटर और सीवेज कनेक्शन की व्यवस्था करनी होगी. इसमें कैरावेन पार्क के लिए सुरक्षित जोन विकसित होने चाहिए और इसमें विजिटर्स के लिए स्ट्रेस फ्री माहौल होना चाहिए. केन्द्र सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस सेक्टर में आने वाले प्राइवेट कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए तमाम अनुमतियों के लिए सिंगल विंडो क्लीरिएंस की सुविधा उपलब्ध करा रही है. साथ ही इन्हें राज्य के अंदर इनके संचालक के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी.