अयोध्या: रामनगरी अयोध्या एक बार फिर उत्साह और उमंग में झूम उठी. दशरथ नंदन श्री राम जनक नंदिनी मां सीता को ब्याह कर लौटे तो फूलों की वर्षा होने लगी. साथ में तीनों अन्य भाई भी थे. अयोध्या से 26 नवंबर को बड़े ही धूमधाम श्री राम बारात जनकपुर के लिए निकली थी. 6 दिसंबर को विवाह पंचमी के दिन नेपाल के जनकपुर में सभी रीत-रिवाज संपन्न करते हुए श्री राम सहित चारों भाइयों के विवाह ने नेपाल और भारत के संबंधों की कड़ी की मजबूती को प्रदर्शित किया. इसके बाद माता जानकी के साथ श्री राम बारात 9 दिसंबर को विदाई लेकर 10 दिसंबर की दोपहर में अयोध्या पहुंची. मर्यादा पुरुषोत्तम सहित चारों भाइयों के साथ ही माता जानकी के स्वागत में अयोध्यावासी भाव विभोर हो उठे. सड़कों पर ढोल-नगाड़ों के साथ नृत्य किया और फूलों की बौछार की.
ऐसे तो प्राचीन काल से राम विवाह की परंपरा चली आ रही है, किंतु रामलला के अपने भवन में स्थापित हो जाने के बाद यह पहला अवसर था. विवाह की रस्मों का निर्वहन दशरथ की भूमिका में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने किया. विवाह कार्यक्रम के संयोजक विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज थे.
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र ने बताया कि भगवान राम सहित चारों भाइयों के साथ माता जानकी का जिस तरह से अयोध्या वासियों ने स्वागत किया, वह अपने आप में अविस्मरणीय छाप छोड़ गया. कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार प्रभु की बारात जनकपुर गई थी. जहां अभूतपूर्व स्वागत किया गया. चारों भाइयों के विवाह के उपरांत बारात अयोध्या लौट कर आई है. पहले से ही बारात के स्वागत की तैयारी पूरी अयोध्या कर रही थी. आज जैसे ही बारात अयोध्या पहुंची, साधु-संत अयोध्यावासी सभी ने उत्साहित होकर स्थान-स्थान पर फूल बरसाए.
जनकपुर से चलकर श्रीराम बारात सोमवार रात्रि अयोध्या पहुंची थी, जहां परमहंस डिग्री कॉलेज में रात्रि विश्राम के बाद सुबह भक्ति भाव से सभी बाराती अपने अंतिम पड़ाव की ओर प्रस्थान किए. साकेत महाविद्यालय से शोभायात्रा निकाली जो सेवकपुरम पहुंची. जहां इस 14 दिवसीय श्री राम बारात उत्सव का समापन हुआ.
अयोध्या में निकाली गई श्री राम जानकी बारात वर्ग के लोगों ने अलग-अलग स्थान पर स्वागत किया. टेढ़ी बाजार, कजियाना के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा भूमि पत्र के सामने भव्य स्वागत हुआ. इस दौरान मौजूद राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने फूलों की वर्षा की और आरती भी की.