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सिरसा में कुमारी शैलजा ने बीजेपी उम्मीदवार अशोक तंवर को दिया झटका, बड़े मार्जिन से लहराया जीत का परचम - Kumari Selja won Sirsa election

Kumari Selja Won Sirsa Election: राजनीतिक दलों के साथ-साथ देश वासियों का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो ही गया. चुनावी नतीजे आने के बाद चुनावी शोर थम गया है. आज यानी 4 जून, 2024 को दिनभर सियासी उठापटक जारी रही. कड़ी सुरक्षा के बीच हुई काउंटिंग में आखिरकार चुनावी तस्वीर साफ हो गई है, जहां हरियाणा के सिरसा में कांग्रेस की दिग्गज नेता कुमारी शैलजा ने अपने विरोधी बीजेपी उम्मीदवार अशोक तंवर को 2,68,497 के बड़े मार्जिन से मात दी. सिरसा की हॉट सीट दिनभर चर्चा का विषय रही.

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सिरसा में कुमारी शैलजा ने बीजेपी उम्मीदवार को दिया झटका (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 4, 2024, 9:53 PM IST

Updated : Jun 4, 2024, 10:51 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर मानी जा रही थी. लेकिन शुरुआती रुझानों से ही भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर को पछाड़ती हुई कुमारी शैलजा अच्छी लीड से आगे रहीं और उन्होंने बड़ी लीड से जीत हासिल की. सिरसा में कुल 19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. सिरसा में वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो यहां कुल मत 69.77 फीसदी दर्ज किया गया था.

सिरसा में दिलचस्प रहा मुकाबला: सिरसा लोकसभा सीट भी इस बार चुनाव में चर्चा का मुद्दा बनी रही. खास बात ये थी कि साल 2009 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सिरसा से लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने इस साल ही बीजेपी ज्वाइन की और बीजेपी ने तंवर को सिरसा से प्रत्याशी बनाया, जिसके बाद उनके मुकाबले में कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को टिकट दिया. शैलजा सिरसा से सांसद रह चुकी हैं. वहीं, यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. वहीं, खास ये भी कि तंवर और शैलजा दोनों ही हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इस बीच यहां मुकाबला दिलचस्प रहा और दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. लेकिन कुमारी सैलजा को हराना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती था.

शैलजा का सफरनामा: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा का राजनीतिक सफर करीब 36 वर्ष का है. इस बीच वे 4 बार लोकसभा सदस्य, एक बार राज्यसभा सदस्य और तीन बार केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं. कुमारी शैलजा वर्ष 1991, 96 में सिरसा से, जबकि वर्ष 2004 और 2009 में अंबाला से सांसद चुनी गई. शैलजा अब तक वर्ष 1988, 91, 96 और 98 में सिरसा से जबकि वर्ष 2004, 2009 और 2014 में अंबाला से चुनाव लड़ चुकी हैं. इसके अलावा वे 2019 से अप्रैल 2022 तक हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही हैं.

बीजेपी ने की थी जीत हासिल: इस सीट पर साल 2019 में बीजेपी की सुनीता दुग्गल ने जीत हासिल की थी. उन्होंने भी कांग्रेस के अशोक तंवर को तीन लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी. लेकिन जीत के बावजूद उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया. कांग्रेस ने यहां पर 9 बार जीत का परचम लहराया है. जबकि बीजेपी ने 2019 में जीत दर्ज की थी.

सिरसा लोकसभा सीट में विधानसभा क्षेत्र: सिरसा लोकसभा में 3 जिलों की 9 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें जींद जिले की नरवाना, जबकि फतेहाबाद की टोहाना, फतेहाबाद, रतिया विधानसभा सीटें आती है. वहीं, सिरसा जिले की कालांवाली, डबवाली, रानियां, सिरसा, ऐलनाबाद, विधानसभा सीटें आती हैं.

ये भी पढ़ें: हुड्डा के गढ़ में फिर से "हुड्डा" का कब्जा...दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने लिया 2019 का बदला...रोहतक में 3 लाख से ज्यादा वोटों से BJP कैंडिडेट को दी मात

ये भी पढ़ें: करनाल में बीजेपी की बल्ले-बल्ले...हरियाण के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर ने जीता चुनाव

चंडीगढ़: हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर मानी जा रही थी. लेकिन शुरुआती रुझानों से ही भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर को पछाड़ती हुई कुमारी शैलजा अच्छी लीड से आगे रहीं और उन्होंने बड़ी लीड से जीत हासिल की. सिरसा में कुल 19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. सिरसा में वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो यहां कुल मत 69.77 फीसदी दर्ज किया गया था.

सिरसा में दिलचस्प रहा मुकाबला: सिरसा लोकसभा सीट भी इस बार चुनाव में चर्चा का मुद्दा बनी रही. खास बात ये थी कि साल 2009 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सिरसा से लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने इस साल ही बीजेपी ज्वाइन की और बीजेपी ने तंवर को सिरसा से प्रत्याशी बनाया, जिसके बाद उनके मुकाबले में कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को टिकट दिया. शैलजा सिरसा से सांसद रह चुकी हैं. वहीं, यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. वहीं, खास ये भी कि तंवर और शैलजा दोनों ही हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इस बीच यहां मुकाबला दिलचस्प रहा और दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. लेकिन कुमारी सैलजा को हराना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती था.

शैलजा का सफरनामा: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा का राजनीतिक सफर करीब 36 वर्ष का है. इस बीच वे 4 बार लोकसभा सदस्य, एक बार राज्यसभा सदस्य और तीन बार केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं. कुमारी शैलजा वर्ष 1991, 96 में सिरसा से, जबकि वर्ष 2004 और 2009 में अंबाला से सांसद चुनी गई. शैलजा अब तक वर्ष 1988, 91, 96 और 98 में सिरसा से जबकि वर्ष 2004, 2009 और 2014 में अंबाला से चुनाव लड़ चुकी हैं. इसके अलावा वे 2019 से अप्रैल 2022 तक हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही हैं.

बीजेपी ने की थी जीत हासिल: इस सीट पर साल 2019 में बीजेपी की सुनीता दुग्गल ने जीत हासिल की थी. उन्होंने भी कांग्रेस के अशोक तंवर को तीन लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी. लेकिन जीत के बावजूद उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया. कांग्रेस ने यहां पर 9 बार जीत का परचम लहराया है. जबकि बीजेपी ने 2019 में जीत दर्ज की थी.

सिरसा लोकसभा सीट में विधानसभा क्षेत्र: सिरसा लोकसभा में 3 जिलों की 9 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें जींद जिले की नरवाना, जबकि फतेहाबाद की टोहाना, फतेहाबाद, रतिया विधानसभा सीटें आती है. वहीं, सिरसा जिले की कालांवाली, डबवाली, रानियां, सिरसा, ऐलनाबाद, विधानसभा सीटें आती हैं.

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Last Updated : Jun 4, 2024, 10:51 PM IST
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