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गौरव गोगोई ने साधा NDA पर निशाना, कहा-आक्रामक विपक्ष की भूमिका निभाएगी कांग्रेस - Gaurav Gogoi slams nda

Gaurav Gogoi Slams NDA : लोकसभा सांसद गौरव गोगोई का कहना है कि कांग्रेस 'रचनात्मक और आक्रामक विपक्ष की भूमिका निभाएगी'. उनका कहना है कि पार्टी, संसद को बाधित करने के एनडीए सरकार के किसी भी प्रयास को विफल कर देगी. पढ़िए गोगोई का पूरा इंटरव्यू.

Gaurav Gogoi
गौरव गोगोई (ANI File Photo)
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By Amit Agnihotri

Published : Jun 11, 2024, 4:57 PM IST

नई दिल्ली : असम के जोरहाट संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले गौरव गोगोई ने पिछले सदन के दौरान लोकसभा में कालियाबोर सीट का प्रतिनिधित्व किया था, जिसमें वह कांग्रेस के उपनेता थे.

पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई को नए सदन में विपक्ष के नेता पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. अगर पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, यह पद स्वीकार करने के कांग्रेस कार्य समिति के सर्वसम्मत अनुरोध को अस्वीकार कर देते हैं.

सवाल : कांग्रेस ने आक्रामक ढंग से लड़ाई लड़ी, लेकिन भाजपा सरकार को उखाड़ नहीं सकी. नई लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की क्या रणनीति होगी?

जवाब : कांग्रेस रचनात्मक और आक्रामक विपक्ष की भूमिका निभाएगी. अब हम 99 सीटों के साथ काफी मजबूत हैं. हम संसद और संविधान की रक्षा के लिए तैयार हैं. अगर सत्तारूढ़ एनडीए, संसद या संविधान को नष्ट करने का कोई भी प्रयास करता है तो उसका कड़ा विरोध किया जाएगा.

I.N.D.I.A ब्लॉक के खिलाफ केवल 32 सीटों के अंतर के साथ एनडीए की जीत मामूली है. मेरे विचार से एनडीए को इसे जीत नहीं कहना चाहिए. I.N.D.I.A ब्लॉक में सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएंगे.

सवाल: विपक्ष का नया नेता कौन होगा?

जवाब : कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने प्रस्ताव पारित किया है कि राहुल गांधी को यह पद संभालना चाहिए. विपक्ष के नेता का निर्णय उचित समय पर किया जाएगा. मैं अपने भविष्य पर पार्टी के फैसले का इंतजार कर रहा हूं. लेकिन मैं अपने गृह राज्य असम पर ध्यान केंद्रित करना चाहूंगा, जहां मुझे लगता है कि 2026 में कांग्रेस को दोबारा सत्ता में वापस लाने का मौका है.

सवाल : आप ऐसा क्यों कहते हैं?

जवाब : देखिए, जोरहाट की जनता ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को हरा दिया, जिन्होंने इसे अपना निजी चुनाव बना लिया था. डुबरी की जनता ने भी एआईयूडीएफ चीफ बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ वोट किया, जिन्होंने भाजपा का खेल खेला. भाजपा की ये दो हार बताती हैं कि असम की जनता 2026 के विधानसभा चुनाव में बदलाव के लिए तैयार है.

हमें अपने सहयोगियों के साथ काम करने की जरूरत है. न्याय तभी होगा जब हम राज्य में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाएंगे और हमें उस लक्ष्य के लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. यही बात अन्य चुनावी राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर भी लागू होती है.

सवाल : 2024 में कांग्रेस के बदलाव का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे?

जवाब : इसमें कोई संदेह नहीं कि यह राहुल गांधी ही हैं जिनकी दो राष्ट्रव्यापी यात्राओं से पता चला कि कांग्रेस की ताकत मतदाताओं के साथ उसके जुड़ाव में है. यात्राओं ने दिखाया कि लोकतंत्र पार्टी की विचारधारा के मूल में है.

अब हमें उस संदेश को उत्तर प्रदेश और असम सहित देश के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहिए. असम के मुख्यमंत्री ने राज्य के नतीजों के लिए नागालैंड में एक विशेष धर्म को जिम्मेदार ठहराया और यूपी में भाजपा ने अयोध्या में पार्टी की हार के लिए दूसरे धर्म को जिम्मेदार ठहराया.

सवाल : उन राज्यों का क्या, जहां पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा?

जवाब : पार्टी उन राज्यों की स्थिति का जायजा लेगी और उचित कदम उठाएगी. मैं राजस्थान के लिए बोल सकता हूं, जहां मैं विधानसभा उम्मीदवारों के चयन के लिए पैनल का नेतृत्व करता हूं. हम केवल 2 प्रतिशत वोट शेयर के अंतर से हार गए. 2019 की तुलना में लोकसभा चुनावों में उल्लेखनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है. असम और राजस्थान, दोनों के बीच एक बात समान है - भाजपा का अभियान कमजोर था. जिस बांसवाड़ा सीट पर पीएम ने विवादित टिप्पणी की, उस पर हमने जीत हासिल की है.

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नई दिल्ली : असम के जोरहाट संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले गौरव गोगोई ने पिछले सदन के दौरान लोकसभा में कालियाबोर सीट का प्रतिनिधित्व किया था, जिसमें वह कांग्रेस के उपनेता थे.

पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई को नए सदन में विपक्ष के नेता पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. अगर पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, यह पद स्वीकार करने के कांग्रेस कार्य समिति के सर्वसम्मत अनुरोध को अस्वीकार कर देते हैं.

सवाल : कांग्रेस ने आक्रामक ढंग से लड़ाई लड़ी, लेकिन भाजपा सरकार को उखाड़ नहीं सकी. नई लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की क्या रणनीति होगी?

जवाब : कांग्रेस रचनात्मक और आक्रामक विपक्ष की भूमिका निभाएगी. अब हम 99 सीटों के साथ काफी मजबूत हैं. हम संसद और संविधान की रक्षा के लिए तैयार हैं. अगर सत्तारूढ़ एनडीए, संसद या संविधान को नष्ट करने का कोई भी प्रयास करता है तो उसका कड़ा विरोध किया जाएगा.

I.N.D.I.A ब्लॉक के खिलाफ केवल 32 सीटों के अंतर के साथ एनडीए की जीत मामूली है. मेरे विचार से एनडीए को इसे जीत नहीं कहना चाहिए. I.N.D.I.A ब्लॉक में सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएंगे.

सवाल: विपक्ष का नया नेता कौन होगा?

जवाब : कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने प्रस्ताव पारित किया है कि राहुल गांधी को यह पद संभालना चाहिए. विपक्ष के नेता का निर्णय उचित समय पर किया जाएगा. मैं अपने भविष्य पर पार्टी के फैसले का इंतजार कर रहा हूं. लेकिन मैं अपने गृह राज्य असम पर ध्यान केंद्रित करना चाहूंगा, जहां मुझे लगता है कि 2026 में कांग्रेस को दोबारा सत्ता में वापस लाने का मौका है.

सवाल : आप ऐसा क्यों कहते हैं?

जवाब : देखिए, जोरहाट की जनता ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को हरा दिया, जिन्होंने इसे अपना निजी चुनाव बना लिया था. डुबरी की जनता ने भी एआईयूडीएफ चीफ बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ वोट किया, जिन्होंने भाजपा का खेल खेला. भाजपा की ये दो हार बताती हैं कि असम की जनता 2026 के विधानसभा चुनाव में बदलाव के लिए तैयार है.

हमें अपने सहयोगियों के साथ काम करने की जरूरत है. न्याय तभी होगा जब हम राज्य में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाएंगे और हमें उस लक्ष्य के लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. यही बात अन्य चुनावी राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर भी लागू होती है.

सवाल : 2024 में कांग्रेस के बदलाव का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे?

जवाब : इसमें कोई संदेह नहीं कि यह राहुल गांधी ही हैं जिनकी दो राष्ट्रव्यापी यात्राओं से पता चला कि कांग्रेस की ताकत मतदाताओं के साथ उसके जुड़ाव में है. यात्राओं ने दिखाया कि लोकतंत्र पार्टी की विचारधारा के मूल में है.

अब हमें उस संदेश को उत्तर प्रदेश और असम सहित देश के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहिए. असम के मुख्यमंत्री ने राज्य के नतीजों के लिए नागालैंड में एक विशेष धर्म को जिम्मेदार ठहराया और यूपी में भाजपा ने अयोध्या में पार्टी की हार के लिए दूसरे धर्म को जिम्मेदार ठहराया.

सवाल : उन राज्यों का क्या, जहां पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा?

जवाब : पार्टी उन राज्यों की स्थिति का जायजा लेगी और उचित कदम उठाएगी. मैं राजस्थान के लिए बोल सकता हूं, जहां मैं विधानसभा उम्मीदवारों के चयन के लिए पैनल का नेतृत्व करता हूं. हम केवल 2 प्रतिशत वोट शेयर के अंतर से हार गए. 2019 की तुलना में लोकसभा चुनावों में उल्लेखनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है. असम और राजस्थान, दोनों के बीच एक बात समान है - भाजपा का अभियान कमजोर था. जिस बांसवाड़ा सीट पर पीएम ने विवादित टिप्पणी की, उस पर हमने जीत हासिल की है.

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