जयपुर. लोकसभा चुनाव में जयपुर सीट से टिकट बदलने के बाद कांग्रेस नेता सुनील शर्मा ने आज अपनी ही पार्टी के सांसद शशि थरूर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आरोप लगाए कि जिस जयपुर डायलॉग से संबंध के आरोप उनपर लगाए गए थे, शशि थरूर उस फोरम से बारगेनिंग करते हैं. शर्मा ने दावा किया कि उन्होंने अपना टिकट लौटाया है. अब शशि थरूर को अपनी टिकट वापस करनी चाहिए.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजस्थान में नेताओं की एक लॉबी है, जो काबिल नेताओं को आगे बढ़ने से रोक रही है. इसमें एक बड़ा नाम भी शामिल है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने उनके खिलाफ झूठे पोस्ट किए हैं, उनके खिलाफ वे पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाएंगे. उनका यह भी आरोप है कि उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाए गए अभियान में एक करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए गए हैं.
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आजादी के पहले से परिवार कांग्रेस से जुड़ा : सुनील शर्मा ने कहा कि कांग्रेस 1938 से उनके परिवार का जीवन दर्शन रहा है. महात्मा गांधी से प्रभावित होकर उनके पिता आजादी के आंदोलन में कूदे और जेल गए. कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय का नाम उनके भाई के नाम पर है और उनकी याद में एक मेमोरियल भी बनाया गया है. वे भी कांग्रेस के समावेशी राष्ट्रवाद के दर्शन से प्रभावित होकर पंडित जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते हैं. हर बार कांग्रेस का चुनावी अभियान उनके ज्ञानविहार विश्वविद्यालय से ही शुरू होता है, इसलिए उनकी कांग्रेस के प्रति निष्ठा निर्विवाद है.
टिकट मिलने के बाद षड्यंत्र रचा : सुनील शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्हें टिकट मिलने के बाद कुछ लोगों ने षड्यंत्र रचा. जयपुर डायलॉग जैसे दक्षिणपंथी मंच पर जाकर अपनी बात कहना और उन्हें अपने तर्कों से पराभूत करना गलत नहीं हो सकता है, क्योंकि हमारी राजनीति में तर्क और विमर्श की परंपरा रही है. शायद यह बात शशि थरूर को समझ में नहीं आई होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि शशि थरूर बिजनेस क्लास फ्लाइट और महंगी होटल्स के लिए जयपुर डायलॉग से बारगेनिंग करते थे. अब उनकी कैसे बात बिगड़ी, पता नहीं. मैंने तो अपना टिकट लौटा दिया, अब शशि थरूर की बारी है.
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वामपंथ का चोला ओढ़ बैठे हैं कई लोग : सुनील शर्मा ने नाम लिए बिना कहा कि कई लोग धार्मिक कट्टरवाद से ग्रसित हैं, लेकिन वामपंथ का चोला ओढ़कर बैठे हैं. ऐसे लोग कांग्रेस के सबसे बड़े शत्रु हैं. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के सभी नेता उन्हें जानते हैं, लेकिन जब उनके खिलाफ बात उठी तो किसी ने भी उनका बचाव नहीं किया. इससे उन्हें दुख हुआ है, क्योंकि वे सत्ता की हवस के लिए नहीं बल्कि विचार की राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि उनका संकल्प है कि कांग्रेस नेहरू और गांधी की कांग्रेस बनी रहे, पेरियार की कांग्रेस नहीं हो.
कांग्रेस में रहकर करता रहूंगा पर्दाफाश : सुनील शर्मा ने उनकी भाजपा में जाने की अटकलों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि अगर उनके कारण पार्टी को एक वोट का भी नुकसान न हो इसलिए मैंने अपनी टिकट छोड़कर पीछे हटने की पेशकश की. धार्मिक कट्टरता का हमेशा विरोध किया है, इसलिए मैं पार्टी में रहकर ऐसे लोगों का पर्दाफाश करता रहूंगा. ये धार्मिक कट्टरवाद से ग्रसित हैं, लेकिन वामपंथ का चोला ओढ़कर बैठे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में कुछ नेता प्रतिभा से डरते हैं. उनका भी उन्होंने आने वाले दिनों में खुलासा करने की बात कही है. साथ ही कहा कि पार्टी उन्हें जहां भी काम करने या प्रचार करने को कहेगी, वे जाएंगे. इस घटनाक्रम से बुद्धिजीवियों में रोष है. उन्हें भी समझाने का प्रयास करेंगे.
सुनील का टिकट बदलकर खाचरियावास को दिया : दरअसल, 21 मार्च को कांग्रेस ने जयपुर शहर सीट से सुनील शर्मा को चुनाव लड़वाने की घोषणा की थी. इसके बाद उनका जयपुर डायलॉग नाम के एक दक्षिणपंथी मंच से संबंध होने की बातें सोशल मीडिया पर उठने लगीं. इससे कांग्रेस के एक धड़े ने भी उनके टिकट पर नाराजगी जताई. इसका नतीजा यह हुआ कि पार्टी ने 24 मार्च की रात को उनका टिकट बदलकर प्रताप सिंह खाचरियावास को मैदान में उतारने की घोषणा कर दी.