हैदराबाद : तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल और पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन को निराशा हाथ लगी है. वह चेन्नई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में थीं. सौंदर्यराजन की राजनीति में वापसी से राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा की स्थिति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद थी, जहां पार्टी पैठ बनाने की कोशिश कर रही थीं.
62 वर्षीय सौंदर्यराजन की ये छठी चुनावी विफलता है. 2019 के लोकसभा चुनावों में वह DMK की कनिमोझी से 3 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हार गई थीं. उन्हें 2006, 2011 व 2016 के विधानसभा चुनाव और 2009 के लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में उनका वोट शेयर बढ़ा था.
2006 में सौंदर्यराजन 4.7 प्रतिशत वोटों के साथ राधापुरम विधानसभा क्षेत्र में चौथे स्थान पर रही थीं. पांच साल बाद, वह वेलाचेरी में 4.63 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रहीं.
2016 में विरुगमपक्कम में उनका वोट शेयर बढ़कर 11.19 प्रतिशत हो गया, भले ही वह एआईएडीएमके और डीएमके उम्मीदवारों से पीछे रहीं. 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें चेन्नई उत्तर से 3.54 प्रतिशत वोट मिले थे. चेन्नई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र द्रमुक का गढ़ माना जाता है. इस निर्वाचन क्षेत्र ने सात बार द्रमुक उम्मीदवारों को सांसद के रूप में चुना है, उसके बाद कांग्रेस चार और अन्नाद्रमुक दो बार जीती है.