नई दिल्ली: मणिपुर की दो लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है. इनर मणिपुर सीट पर कांग्रेस के आंगोमाचा बिमोल ने बीदजेपी के बसंत कुमार सिंह को हराया. वहीं आउटर मणिपुर में कांग्रेस के एके आथुर ने नगा पीपुल्स फ्रंट के केटी जिमिक को मात दी.
माना जा रहा है कि यहां बीजेपी की हार का मूल कारण राज्य की जातीय हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी का बेरुखी भरा रवैया रहा. पिछली लोकसभा में यहां भगवा पार्टी ने एक सीट जीती थी, जो इस बार कांग्रेस के खाते में चली गई है.
आउटर मणिपुर सीट पर भी कांग्रेस आगे
बता दें कि 2019 में बीजेपी ने इनर मणिपुर की सीट जीती थी, जबकि नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) ने बाहरी मणिपुर सीट जीती थी. अकोईजाम जेएनयू के प्रोफेसर हैं और कन्नगुम आर्थर मणिपुर के उखरुल निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक हैं, जबकि बीजेपी उम्मीदवार सिंह राज्य के शिक्षा मंत्री और पूर्व पुलिस अधिकारी थे, जबकि जिमिक इनर राजस्व सर्विस के रिटायर अधिकारी हैं.
मणिपुर में हुई थी हिंसा
गौरतलब है मणिपुर में हिंसा की घटनाओं से मतदान प्रभावित हुआ था. यहां पिछले साल 3 मई को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प हो गई थी. हिंसा के चलते मणिपुर में 50,000 से अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए और कम से कम 225 लोगों की मौत हो गई थी.
शांत रहा चुनाव प्रचार
हिंसा के चलते इंफाल की सड़कों पर कोई बड़ी रैलियां, रोड शो या सार्वजनिक बैठकें नहीं हुईं. चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के झंडे केवल उम्मीदवारों के कार्यालयों और आवासों पर ही देखने को मिले थे.अधिकांश चुनावी बैठकें बंद दरवाजों के पीछे हुईं. यहां कोई स्टार प्रचारक भी नहीं था.