जोधपुर. लोकसभा के चुनाव परिणाम में जोधपुर सीट से गजेंद्र सिंह शेखावत ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर हैट्रिक बना ली है. शेखावत जोधपुर में ऐसा करने वाले अशोक गहलोत के बाद दूसरे सांसद हैं. शेखावत ने 1 लाख 14 हजार से अधिक मतों से जीत की हैट्रिक बनाई है, जबकि पिछले चुनाव में वो 2 लाख 74 हजार मतों से जीते थे. इसकी बड़ी वजह राजपूत बाहुल्य क्षेत्रों में शेखावत के पक्ष में एक तरफा मतदान नहीं होना बताया जा रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी करण सिंह उचियारडा ने शेखावत को इस चुनाव में कड़ी टक्कर दी.
चुनाव जीतने के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि "जोधपुर की जीत यहां की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी को समर्पित की है. इसके लिए भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं ने जो मेहनत की है, मैं उनका धन्यवाद ज्ञापित करता हूं. शेखावत ने कहा कि देश की जनता ने सनातन विरोधियों को सबक सिखाया है. गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा था कि जो धर्म के साथ रहता है, ईश्वर उसके साथ रहता है. नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे."
करणसिंह उचियारडा को पहली बार कांग्रेस ने किसी चुनाव का टिकट दिया था. इस चुनाव में पहले दिन से ही उचियारडा ने शेखावत को बाहरी और खुद को जोधपुर का बेटा बताकर चुनाव प्रचार में उतरे थे. माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस के पक्ष में अल्पसंख्यक, अनुसचित जाति पूरी तरह से लांमबद नजर आया. जाटों ने भी कांग्रेस को समर्थन दिया. शेखावत की जीत में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका जोधपुर शहर, सरदारपुरा व सूरसागर विधानसभा की रही, जहां से उनको बड़ी बढ़त मिली, जो उनकी जीत का आधार बनी.
राजपूतों की नारजगी आई सामने : गजेंद्र सिंह शेखावत राजपूत बाहुल्य इलाकों में इस बार पीछे रहे हैं, जो बताता है कि शेखावत को उनकी नाराजगी झेलनी पड़ी है. पोकरण और शेरगढ़ में पिछड़ने का साफ अर्थ लगाया जा रहा है कि विधायक बाबूसिंह राठौड़ का उनको पूरा सहयेाग नहीं मिला. इसी तरह से लूणी में बडी संख्या में राजपूत हैं, जिसके चलते पिछली बार शेखावत को 69 हजार की बढ़त मिली थी, जो इस बार बहुत कम रह गई.