पटनाः बिहार में दो चरणों में 9 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. जो ताजा आंकड़े आए हैं उसमें 9 में से 6 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट डाला हैं. बिहार में टिकट लेने में महिलाएं भले ही पीछे जाती हो लेकिन बिहार में महिला वोटर्स हमेशा पुरुषों से आगे रहती हैं. 2019 लोकसभा चुनाव और 2020 विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं ने पुरुषों से अधिक वोट डाला था.
'महिलाएं ही किंगमेकर': इस बार लोकसभा की 40 सीटों में से 9 सीटों किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका और जमुई की महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा वोट डाली है. महिलाओं के अधिक वोटिंग को लेकर विश्लेषण भी हो रहा है. कई दावे भी हो रहे हैं कि जिस तरह से अब तक आंकड़े सामने आ रहे हैं. इससे साफ है कि महिलाएं ही किंगमेकर बनेगी.
जदयू बता रही अपनी उपलब्धिः बिहार में पहले चरण में चार लोकसभा सीट गया, औरंगाबाद, नवादा और जमुई में वोटिंग हुई थी. चार लोकसभा सीटों में से केवल जमुई में ही महिलाओं ने पुरुषों से अधिक वोट किया है. दूसरे चरण में पांच लोकसभा सीटों किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका में वोटिंग हुई. उसमें से सभी पांचों सीट पर महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया. पुरुषों के मुकाबले अधिक वोटिंग की है. महिलाओं के आगे आना जदयू इसे अपनी उपलब्धि बता रही है.
"सीएम नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण पर सबसे ज्यादा जोर दिया है. बिहार में 40 लोकसभा का नीतीश कुमार ने जो लक्ष्य रखा है, उसे जीतने महिलाओं की बड़ी भूमिका होने वाली है. महिला सशक्तिकरण पर जो काम किया है राष्ट्रीय पटल पर वह नाजिर बना है. महिलाओं ने बिहार के विकास में मौन क्रांति लाया है. हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी बड़ी भूमिका निभा रही है." -अंजू आरा, जदयू प्रवक्ता
6 लोकसभा का आंकड़ाः 9 लोकसभा सीट में 6 सीट के आंकड़े की बात करें तो किशनगंज में 58.89% पुरुष और 67.06% महिलाओं ने वोट किया. कटिहार में 58.57% पुरुष और 69.04%, पूर्णिया में 60.44% पुरुष और 65.89% महिला, बांका में 51.01% पुरुष और 58.31% महिला, भागलपुर में 53.11% पुरुष और 53.93% महिला, जमुई में 50.11% पुरुष और 52.5% महिलाओं ने मतदान किया.
मात्र तीन लोकसभा में पुरुष आगेः हालांकि तीन लोकसभा में पुरुष महिलाओं से आगे रहे. लेकिन ज्यादा सीटों पर महिला वोटर्स आगे है. नवादा लोकसभा में 43.70% पुरुष और 42.61% महिला, औरंगाबाद में 51.5% पुरुष और 49.41% महिला, गया में 53.89% पुरुष और 51.55% महिलाओं ने मतदान किया. पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में 55.18 % पुरुष और 57.66% महिला, 2019 में 55.6% पुरुष और 59.92% महिलाओं ने मतदान किया.
महिला वोटर्स में देश में चौथे स्थान पर बिहारः बिहार में 3.64 करोड़ महिला मतदाता हैं. पूरे देश में महिला आबादी के मामले में बिहार तीसरे स्थान पर है वहीं महिला वोटर के मामले में चौथे स्थान पर है. बिहार से अधिक महिला वोटर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में है. जिस तरह से महिला वोटर्स बढ़ चढ़कर वोट कर रही है इससे साफ है कि सरकार बनाने और बिगाड़ना महिलाओं के हाथ में है. एक ओर जदयू इसे अपनी उपलब्धि बता रही है वहीं दूसरी ओर राजद भी पीछे नहीं है.
"तेजस्वी यादव ने 17 महीने के कार्यकाल में नौकरी और रोजगार को लेकर जो बड़े फैसले लिए हैं. उसमें हर वर्ग को लाभ पहुंचा है. बड़ी संख्या में महिलाओं को नौकरी मिली है. महिलाओं के साथ हर वर्ग तेजस्वी यादव को उम्मीद की नजर से देख रहा है." -एजाज अहमद, प्रवक्ता, RJD
किसे पहुंचेगा लाभः राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा का कहना है कि नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के प्रति विश्वास रहा है. बिहार में नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए पंचायत में आरक्षण से लेकर नौकरी में आरक्षण की व्यवस्था की तो वहीं लड़कियों के लिए स्कूल स्तर पर साइकिल और पोशाक योजना के साथ कई बड़ी योजना शुरू की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हैं इसलिए महिलाओं का अधिक वोट एनडीए को लाभ पहुंचा सकता है.
"नीतीश कुमार ने बिहार में महिलाओं के लिए काम किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया है. जिस तरह से महिला वोटरों का प्रतिशत बढ़ रहा है इससे साफ है कि एनडीए को फायदा होगा लेकिन इसका सटीक दावा नहीं किया जा सकता है." -प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
4 जून को होगा फैसलाः बिहार के 40 लोकसभा सीट के लिए मतदान हो रहा है. तीसरे चरण की वोटिंग 7 मई को होनी है. इसके बाद चार चरण में और वोटिंग होनी है. 4 जून को पूरे देश में एक साथ चुनाव का रिजल्ट आएगा. इसमें तय हो जाएगा कि आखिर में कौन किंग होता है?