मेरठः मेरठः जिले के गुदड़ी बाजर में हुए तिहरे हत्याकांड में 16 साल बाद अदालत ने फैसला सुनाया है. यह बेहद ही जघन्य अपराध था और यह मामला काफी चर्चित भी रहा है. ट्रिपल मर्डर के सभी 10 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ 50 -50 हजार का जुर्माना भी लगाया. हालांकी पीड़ित पक्ष फैसले से खुश नहीं है और उच्च अदालत में अपील करने की बात कही है. गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस में कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को मुख्य आरोपी मीट कारोबारी इजलाल और उसकी गर्लफ्रेंड शीबा सिरोही, अफजाल, वसीम, रिजवान, महराज, इजहार और अब्दुल रहमान, कलुवा, देवेंद्र आहूजा को कोर्ट में पेश किया गया था. अंतिम बहस के बाद विशेष न्यायालय (एसी एक्ट) 2 न्यायाधीश पवन कुमार शुक्ला ने सजा सुनाई है.
कड़ी सुरक्षा में शीबा सिरोही को पुलिस ले गई जेलः वहीं, शीबा को ले जाने के लिए पुलिस ने विशेष सुरक्षा बरती गई. सीओ सिविल लाइंस ने खुद खड़े होकर शीबा सिरोही को कोर्ट से जेल तक ले जाने के लिए महिला पुलिसकर्मियों का घेरा बनवाया. ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी केवल शीबा सिरोही को कोर्ट से जेल वैन तक ले जाने के लिए लगाई गई. शीबा की सिक्योरिटी की फर्स्ट लेयर में महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. इसके बाद पुरुष पुलिसकर्मियों की डबल लेयर सिक्योरिटी दी गई. जेल वैन में भी शीबा को सबसे आगे बैठाया गया.
घर से बुलाकर की थी बेहरमी से हत्याः बता दें कि 23 मई 2008 अगली सुबह तब बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बलैनी में गंगनहर के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले थे. जिनकी पहचान सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि निवासी परीक्षितगढ़, सुधीर उज्ज्वल (23) निवासी गांव सिरसली बागपत के रूप में हुई थी. पुलिस जांच में यह बात तब सामने आई थी कि 22 मई की रात तीनों की हत्या कोतवाली के गुदड़ी बाजार में इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर पहले लाठी-डंडों से मारपीट की. इसके बाद गोली मारी और फिर तलवार से गला काटा. इतना ही नहीं आंखें भी फोड़ दी थी. रातभर टॉर्चर और मौत का खूनी खेल खेला गया था. पूरी रात हत्यारे युवकों को काटते रहे और सुबह हो गई. फिर जीने के पास लाशें फेंक दी. मोहल्ले में शोर मचा तो कार में लाशें भरकर भागने लगे. इस दौरान गाड़ी में तेल खत्म हुआ तो नहर किनारे छोड़कर भाग गए थे. उस वक़्त यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था. प्रदेश भर में इस हत्याकांड की तब गूंज रही थी, क्योंकि अपराध बेहद संगीन था एक घर ही के अंदर रातभर तीन लोगों के साथ हैवानियत का खेल खेला गया था. शहर के गुदड़ी बाजार इलाके में हुए इस हत्याकांड के बाद जैसे सन्नाटा छा गया था. बताया जाता है कि काफी संख्या में गाड़ियां वहां पहुंची थीं और तीनों लोगों के शव वहां से हटा दिए गये थे.
दो आरोपियों की हो चुकी है मौतः दरअसल, 16 साल पुरानी वारदात में 14 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. जिसमें 6 आरोपी जमानत पर हैं. इसमें 2 आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है. 1 आरोपी जुवेनाइल में छूट गया था. वहीं, 1 आरोपी की फाइल अभी विचाराधीन है. इस पूरे केस में 37 गवाहों ने गवाही दी थी. मुख्य आरोपी इजलाल को घोषित किया गया है. सरकारी वकील मुकेश मित्तल ने बताया कि गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस में 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी. जिसमें में 2 लोगो की डेथ हो गई थी. एक जुनाइल होकर बरी हो चुका था और एक की फाइल विचाराधीन है. बाकी 10 दोषियों को आजीवन कारावास और 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है.
मीट कारोबारी इजलाल और शीबा सिरोही में चल रहा था प्रेम प्रसंग: गौरतलब है कि मीट कारोबारी इजलाल कुरैशी की मेरठ कॉलेज में पढ़ने वाली शीबा सिरोही से बेहद नजदीकी थी. इजलाल के पास रूपये पैसे की कोई कमी नहीं थी. इजलाल करोड़ों की प्रॉपर्टी और कोल्ड स्टोर के अलावा कुछ और भी व्यवसायों में पैसा इन्वेस्ट किया हुआ था. इजलाल के ताऊ के बेटे हाजी शाहिद अखलाक उस वक्त मेरठ से सांसद थे.
शीबा से सुधीर की नजदीकी बनाने पर रची थी हत्या की साजिश: शीबा सिरोही को भी इजलाल से मोहब्बत हो गई, वह इजलाल के ठाठ बाट देखक़र उसकी तरफ आकर्षित होती चली गई. हालांकि शीबा की शादी उसके परिवार ने सेना के एक अधिकारी के साथ की थी. लेकिन शीबा की हरकतों की वजह से ये शादी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाई थी. ऐसे में वही हुआ जो वह चाहती थी कि क्योंकि वह तो अपना दिल इजलाल को दे चुकी थी. बस फिर क्या था उसके बाद शीबा सिरोही ससुराल से मेरठ कैंट में आकर अपने मायके में आकर मां के पास रहने लगी. ऐसे में शीबा और इजलाल ज्यादा नजदीक होते चले गये. इसी दौरान इजलाल को पता चला कि जिसे वह अपनी समझ रहा है वह सुधीर उज्जवल के संपर्क में है.
शराब पार्टी के लिए बुलाकर की थी हत्या: इजलाल पहले से ही सुधीर को जानता था. उसे ये बर्दाश्त नहीं हुआ कि शीबा उसके अलावा किसी और से भी बात करे. इतना ही नहीं इजलाल के फिजूल खर्चे इतने थे कि वह किसी पर भी पैसे खर्च करके उसे अपना मुरीद बना लेता. 22 मई 2008 इजलाल ने सुधीर और उसके दो दोस्तों सुनील ढाका और पुनीत गिरी को शराब पीने के बहाने से अपने घर पर बुला लिया. तीनों इजलाल के ऑफर को टाल नहीं सके और पार्टी हुई. इसके बाद शीबा का जिक्र छिड़ गया, बातें दोनों तरफ से होने लगीं. इसी बीच इजलाल ने अपने कुछ अन्य साथियों को भी बुलवा लिया और उसके बाद अपने भाइयों और कुछ दोस्तों के साथ मिलकर सुधीर और उसके दोस्तों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था.
2 अगस्त को कोर्ट ने दिया था दोषी करार: इस तिहरे हत्याकांड की गूंज तब लखनऊ तक रही थी. घटना के विरोध में हजारों छात्र सड़कों पर आ गए थे. हत्याकांड के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन भी तब हुए थे. शीबा पर हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया था. यह मामला उस वक़्त सुर्खियों में आया था ज़ब 2 अगस्त को 16 साल बाद अपर जिला जज स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन-2 पवन कुमार शुक्ला ने इजलाल कुरैशी पुत्र इकबाल, अफजाल पुत्र इकबाल, महराज पुत्र मेहताब, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श और शीबा सिरोही पर लगाए गए आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया था.