नई दिल्ली : दिल्ली सरकार की ओर से आरोप लगाया गया है कि एलजी ने सोलर पॉलिसी 2024 पर रोक लगा दी गई है. आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने सोलर पॉलिसी 2024 तैयार की थी. जिसमें खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के जो लोग अपने घरों में सोलर पैनल लगवाएंगे उनका बिजली का बिल जीरो हो जाएगा. इतना ही नहीं लोग सोलर पैनल लगवाकर कमाई भी कर सकेंगे.
दिल्ली सरकार की ओर से बुधवार को दावा किया गया कि एलजी विनय कुमार सक्सेना ने सोलर पॉलिसी पर रोक लगा दी है. बिना एलजी के इस पॉलिसी को पास किए लागू नहीं किया जा सकता है. आम आदमी पार्टी सोलर पॉलिसी पर रोक लगाने का विरोध कर रही है. जो लोगों के हित में थे. इससे बिजली की किल्लत को दूर किया जा सकता है.
बीती 29 जनवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोलर पॉलिसी 2024 को लांच करने की जानकारी दी थी. सीएम केजरीवाल ने कहा कि सोलर पॉलिसी 2016 के बाद सोलर पालिसी 2024 लाई गई है, जिसमें लोगों को काफी फायदा होगा. साथ ही दिल्ली में सोलर से बिजली उत्पादन बढ़ेगा. इससे लोगों के बिजली के बिल जीरो हो जाएंगे और कमाई भी कर सकेंगे. वर्तमान में दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली फ्री है.
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वहीं, 400 यूनिट बिजली की खपत करने पर आधा बिजली का बिल आता है. 400 से अधिक यूनिट बिजली खपत करने पर बिजली का बिल आता है. सोलर पॉलिसी 2024 के तहत दो लोग अपनी छत पर सोलर पैनल लगवाएंगे, यदि उनकी बिजली की खपत 400 यूनिट से कम है तो जितनी बिजली सोलर से पैदा करेंगे उसका पैसा दिल्ली सरकार से मिलेगा. यदि कोई 400 यूनिट से अधिक बिजली की खपत करता है तो जितनी यूनिट बिजली वह सोलर से पैदा कर रहा है. उतने यूनिट बिजली की खपत कम कर दी जाएगी. ज्यादा बिजली पैदा हुई तो सरकार पैसा देगी. इसके लिए लोगों के घरों में नेट मीटर लगाए जाएंगे. सोलर पैनल लगाने पर दिल्ली सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाएगी.
उपराज्यपाल कार्यालय ने किया खंडन
वहीं, दिल्ली सरकार के आरोपों का उपराज्यपाल कार्यालय ने खंडन किया है. उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार आदतन झूठ बोल कर लोगों को गुमराह कर रही है. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सोलर पॉलिसी नहीं रोकी है. पॉलिसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे लोगों के बिजली बिल जीरो हो जाता. उलटे पालिसी में एक प्रावधान है जिससे सिर्फ निजी बिजली कंपनियों को फायदा होगा. उपराज्यपाल ने इसी प्रावधान पर विवरण मांगा है. उपराज्यपाल ने ये भी पूछा है कि क्या इस पॉलिसी में भारत सरकार की हजारों करोड़ की कैपिटल सब्सिडी से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिये सामन्जस्य का प्रावधान है.
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