श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला बुधवार 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के सीएम के रूप में शपथ लेंगे. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें सरकार बनाने करने के लिए आमंत्रित किया है. वहीं, नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया. अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पिछले 6 साल से राष्ट्रपति शासन था.
एनसी विधायक दल के नेता उमर अब्दुल्ला ने एजी के पत्र को एक्स पर साझा करते हुए लिखा, एलजी के प्रधान सचिव मनोज सिन्हा से मिलकर प्रसन्नता हुई. उन्होंने उपराज्यपाल की तरफ से एक पत्र सौंपा, जिसमें मुझे जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने का निमंत्रण दिया गया है.
Was pleased to receive the Principal Secretary to LG Manoj Sinha ji. He handed over a letter from the @OfficeOfLGJandK inviting me to form the next government in J&K. pic.twitter.com/D2OeFJwlKi
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 14, 2024
एलजी ने पत्र में लिखा है कि मुझे आपको जम्मू-कश्मीर सरकार बनाने और उसका नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित करते हुए खुशी हो रही है. जैसा कि अलग से तय किया गया है, मैं आपको और आपके मंत्रिपरिषद के सदस्यों के रूप में शामिल होने के लिए आपके द्वारा अनुशंसित लोगों को 16 अक्टूबर, 2024 को सुबह 11:30 बजे एसकेआईसीसी, श्रीनगर में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाऊंगा."
उन्होंने कहा, "मैं इस अवसर पर आपको जम्मू-कश्मीर के लोगों के सर्वोत्तम हित में आपके प्रयासों में अत्यधिक उत्पादक कार्यकाल और सफलता की कामना करता हूं."
चुनाव नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए गए थे. जम्मू-कश्मीर में 10 साल के अंतराल के बाद हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की है. उमर अब्दुल्ला को 10 अक्टूबर को सर्वसम्मति से नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल का नेता चुना गया था. जिससे यह तय हो गया था कि उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बनेंगे.
नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत दर्ज की. पांच निर्दलीय विधायकों और आम आदमी पार्टी के एक विधायक के समर्थन के बाद एनसी-कांग्रेस गठबंधन के पास 54 विधायक हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है. वहीं, भाजपा 29 सीटें जीतकर जम्मू-कश्मीर में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है.
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