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'ठाकुर तेरे अरमानों को दिल्ली तक पहुंचाएंगे', कर्पूरी संग बिताए पलों को लालू यादव ने ऐसे किया याद

कर्पूरी ठाकुर की जंयती को लेकर बिहार ही नहीं पूरे देश में सियासत गरमाई हुई है. एक तरफ जहां केंद्र ने जननायक को भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर की विरासत को आगे बढ़ाने का दावा कर रहे हैं. इसी क्रम में लालू यादव ने पुराने दिनों को याद करते हुए खुद को कर्पूरी ठाकुर का राजनीतिक वारिस बताया. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 24, 2024, 7:40 PM IST

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पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया और अपनी राजनीतिक विरासत मुझे सौंपी. कर्पूरी ठाकुर जी को विधानसभा में शिवचंद्र झा ने काफी प्रताड़ित किया था. मैं विधायक था. कर्पूरी ठाकुर जी अचानक बीमार हो गए थे.

"उनके कमरे में पुत्र वीरेंद्र और रामनाथ ठाकुर थे. मैं वहां पहुंचा. देवी लाल जी ने एक गाड़ी दी थी. उसे मंगवाया. कुछ ही देर में उनकी स्थति खराब हो गयी. उन्हें गाड़ी में लेकर पीएमसीएच की ओर चल पड़े डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पूरे देश में हल्ला हो गया. निवास स्थान पर मृत शरीर लेकर आये. उसके लाश को लेकर बांस घाट पहुंचे. हम लोगों ने नारा लगाया ठाकुर तेरे अरमानों को दिल्ली तक पहुंचाएंगे."- लालू यादव, आरजेडी सुप्रीमो

'कर्पूरी ठाकुर को मक्के की रोटी-सरसों का साग पसंद था' : कर्पूरी जयंती रैली में लालू प्रसाद कर्पूरी के जुड़े यादें को ताजा करते हुए उनके अंतिम समय के बातों को पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से साझा किया. लालू प्रसाद ने कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी और कहा कि कर्पूरी ठाकुर गरीब परिवार में पैदा हुए. वह उनके घर गए तो पता चला कि एक झोपड़ी थी. कर्पूरी ठाकुर मक्की की रोटी और सरसों का साग बहुत चाव से खाते थे. मेरे घर आते थे पत्नी को सत्तू पिलाने को कहते थे. अब्दुल बारी सिद्दकी क्लर्क की तरह थे. कोई हजाम जाति के लोग नौकरी के लिये आते थे तो वो बहुत नाराज होते थे और उन्हें पैसा देकर सैलून खोलने कहते थे.

मंडल कमीशन को बिहार में मैंने लागू कराया- लालू : लालू ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर हमेशा कहते थे लालू को कुछ बनाएंगे. उनके नहीं रहने के बाद मुझे नेता प्रतिपक्ष के रूप में बिठाया गया. बाद के दिनों में कर्पूरी के नारों को मैंने पूरा कराया. लालू ने आगे कहा कि वीपी सिंह हमे मुख्यमंत्री नही बनाना चाहते थे. तीन आबजर्वर दिल्ली से आये थे. लेकिन देवी लाल जी ने हमारा साथ दिया. लालू ने कहा कि मंडल कमीशन को हम लोगों ने लागू करवाया.

लालू ने टाइमिंग पर उठाए सवाल: वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्ने दिए जाने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त कर्पूरी ठाकुर की याद आई है. अब तक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना है यह याद क्यों नहीं आयी. हम लोग कर्पूरीजी को भारत रत्न देने की मांग काफी दिनों से करते रहे हैं. साथ ही लालू ने कहा कि कांशीराम और लोहिया को भी भारत रत्न देना चाहिए.

लंबे अरसे बाद मंच पर दिखे लालू : राष्ट्रीय जनता दल की ओर से कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लंबे अरसे के बाद राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव मंच पर दिखे और लालू ने अपने भाषण से जहां कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया. वहीं खुद को कर्पूरी ठाकुर का वारिस बताया.जननायक कर्पूरी ठाकुर शताब्दी जयंती के मौके पर याद किया. कार्यक्रम में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह, शिवानंद तिवारी समेत राष्ट्रीय जनता दल के तमाम नेता मौजूद थे.

'कुछ लोगों ने सांप्रदायिक शक्ति के सामने टेक दिये घुटने' : उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने लय में दिखे और किसी के सामने नहीं झुकने का दम्भ भरा. तेजस्वी ने कहा कि कुछ लोगों ने सांप्रदायिक शक्तियों के साथ हाथ मिला लिया और घुटने टेक दिए, लेकिन हमारे पिता लालू प्रसाद यादव और मैंने कभी भी सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ नहीं मिलाया. चाहे वह कितना भी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई करे. मैं झुकने वाला नहीं हूं.

"भाजपा के लोग जो कर्पूरी ठाकुर को गाली देते थे. आज पटाखा छोड़ रहे थे. हमलोगों की मांग है कि कांशी राम और लोहिया जी को भी भारत रत्न मिले. नौकरी देने के मामले में विश्व रिकार्ड बना और दो लाख लोगों को नौकरी दिया. कुछ लोग धर्म की राजनीति करना चाहते हैं. कुछ भी हो जाता है आप लोग लालू जी का साथ नही छोड़ते हैं. पूरी मजबूती के साथ लोक सभा का चुनाव लड़ेंगे. लालू जी नहीं झुके तो तेजस्वी भी नहीं झुकेंगे. सीबीआई और ईडी से हम डरने वाले नहीं है."- तेजस्वी यादव, उप मुख्यमंत्री

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"उनके कमरे में पुत्र वीरेंद्र और रामनाथ ठाकुर थे. मैं वहां पहुंचा. देवी लाल जी ने एक गाड़ी दी थी. उसे मंगवाया. कुछ ही देर में उनकी स्थति खराब हो गयी. उन्हें गाड़ी में लेकर पीएमसीएच की ओर चल पड़े डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पूरे देश में हल्ला हो गया. निवास स्थान पर मृत शरीर लेकर आये. उसके लाश को लेकर बांस घाट पहुंचे. हम लोगों ने नारा लगाया ठाकुर तेरे अरमानों को दिल्ली तक पहुंचाएंगे."- लालू यादव, आरजेडी सुप्रीमो

'कर्पूरी ठाकुर को मक्के की रोटी-सरसों का साग पसंद था' : कर्पूरी जयंती रैली में लालू प्रसाद कर्पूरी के जुड़े यादें को ताजा करते हुए उनके अंतिम समय के बातों को पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से साझा किया. लालू प्रसाद ने कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी और कहा कि कर्पूरी ठाकुर गरीब परिवार में पैदा हुए. वह उनके घर गए तो पता चला कि एक झोपड़ी थी. कर्पूरी ठाकुर मक्की की रोटी और सरसों का साग बहुत चाव से खाते थे. मेरे घर आते थे पत्नी को सत्तू पिलाने को कहते थे. अब्दुल बारी सिद्दकी क्लर्क की तरह थे. कोई हजाम जाति के लोग नौकरी के लिये आते थे तो वो बहुत नाराज होते थे और उन्हें पैसा देकर सैलून खोलने कहते थे.

मंडल कमीशन को बिहार में मैंने लागू कराया- लालू : लालू ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर हमेशा कहते थे लालू को कुछ बनाएंगे. उनके नहीं रहने के बाद मुझे नेता प्रतिपक्ष के रूप में बिठाया गया. बाद के दिनों में कर्पूरी के नारों को मैंने पूरा कराया. लालू ने आगे कहा कि वीपी सिंह हमे मुख्यमंत्री नही बनाना चाहते थे. तीन आबजर्वर दिल्ली से आये थे. लेकिन देवी लाल जी ने हमारा साथ दिया. लालू ने कहा कि मंडल कमीशन को हम लोगों ने लागू करवाया.

लालू ने टाइमिंग पर उठाए सवाल: वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्ने दिए जाने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त कर्पूरी ठाकुर की याद आई है. अब तक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना है यह याद क्यों नहीं आयी. हम लोग कर्पूरीजी को भारत रत्न देने की मांग काफी दिनों से करते रहे हैं. साथ ही लालू ने कहा कि कांशीराम और लोहिया को भी भारत रत्न देना चाहिए.

लंबे अरसे बाद मंच पर दिखे लालू : राष्ट्रीय जनता दल की ओर से कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लंबे अरसे के बाद राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव मंच पर दिखे और लालू ने अपने भाषण से जहां कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया. वहीं खुद को कर्पूरी ठाकुर का वारिस बताया.जननायक कर्पूरी ठाकुर शताब्दी जयंती के मौके पर याद किया. कार्यक्रम में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह, शिवानंद तिवारी समेत राष्ट्रीय जनता दल के तमाम नेता मौजूद थे.

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"भाजपा के लोग जो कर्पूरी ठाकुर को गाली देते थे. आज पटाखा छोड़ रहे थे. हमलोगों की मांग है कि कांशी राम और लोहिया जी को भी भारत रत्न मिले. नौकरी देने के मामले में विश्व रिकार्ड बना और दो लाख लोगों को नौकरी दिया. कुछ लोग धर्म की राजनीति करना चाहते हैं. कुछ भी हो जाता है आप लोग लालू जी का साथ नही छोड़ते हैं. पूरी मजबूती के साथ लोक सभा का चुनाव लड़ेंगे. लालू जी नहीं झुके तो तेजस्वी भी नहीं झुकेंगे. सीबीआई और ईडी से हम डरने वाले नहीं है."- तेजस्वी यादव, उप मुख्यमंत्री

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