पटना: लालू प्रसाद यादव की दूसरी पुत्री रोहिणी आचार्य सुर्खियों में है. गांधी मैदान में जन विश्वास महारैली के दिन खुद लालू प्रसाद यादव ने उनको आम लोगों के सामने यह बताते हुए पेश किया कि यदि आज वह जिंदा हैं तो रोहिणी के कारण. रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी दान देकर उनकी जान बचाई थी.
रोहिणी आचार्य राजनीति में करेंगी एंट्री !: उसी समय से रोहिणी आचार्य लगातार सुर्खियों में हैं. 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा जोरों पर है कि रोहिणी आचार्य की राजनीति में एंट्री हो रही है. लालू प्रसाद यादव की दूसरी पुत्री रोहिणी आचार्य सोशल मीडिया पर पिछले कुछ वर्षों से लगातार एक्टिव रही हैं.
लालू ने खुद रोहिणी का कराया परिचय: केंद्र की राजनीति हो या बिहार की राजनीति लगातार रोहिणी आचार्य ट्विटर के माध्यम से अपने विचार सोशल मीडिया पर रखती हैं. जन विश्वास महारैली में जिस तरीके से रोहिणी आचार्य को मंच पर देखा गया, उसी समय से चर्चा जोर पकड़ ली कि अब रोहिणी आचार्य की राजनीति में एंट्री हो रही है.
रोहिणी आचार्य 2024 का चुनाव लड़ेंगी?: राजद के वरिष्ठ नेता ने नाम ना बताने के शर्त पर बातचीत के क्रम में कहा कि रोहिणी आचार्य इस बार काराकाट या छपरा में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. राजद नेता का कहना था कि रोहिणी आचार्य की पहली पसंद काराकाट लोकसभा क्षेत्र ही है, लेकिन छपरा लालू प्रसाद के परिवार की परंपरागत सीट है इसीलिए उनको वहां के लिए भी ऑफर दिया जा रहा है.
काराकाट से क्यों चुनाव लड़ना चाहती हैं रोहिणी: काराकाट लोकसभा क्षेत्र रोहिणी आचार्य को क्यों पसंद है, वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है कि लालू यादव के परिवार में उनकी पत्नी, बड़ी बेटी मीसा भारती और दोनों पुत्र सक्रिय राजनीति में है. जिस तरीके से लालू प्रसाद यादव ने रोहिणी आचार्य को अपने कार्यकर्ताओं के बीच में पेश किया उसी दिन लग गया था कि राजनीति में रोहिणी आचार्य आ रही हैं.
"काराकाट लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत बिक्रमगंज इलाके में रोहिणी आचार्य का ससुराल है और जातीय समीकरण भी उनके अनुकूल फिट बैठ रहा है. कभी बिक्रमगंज आरजेडी का गढ़ माना जाता था. राजद के सिंबल पर कांति सिंह वहां की सांसद हुआ करती थीं. लालू यादव को अब तय करना है कि रोहिणी आचार्य को काराकाट से उम्मीदवार बनाते हैं या अपने परंपरागत सीट छपरा से."- अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार
क्या है काराकाट लोकसभा का समीकरण: काराकाट लोकसभा क्षेत्र का अस्तित्व 2008 के परिसीमन के बाद हुआ. पहले बिक्रमगंज लोकसभा क्षेत्र हुआ करता था, जहां तक जाति समीकरण की बात है तो काराकाट लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक यादवों का वोट है. काराकाट लोकसभा क्षेत्र में 3 लाख यादव वोटर हैं. 2 लाख 50 हजार कोइरी कुर्मी की आबादी है. 1 लाख 50 हजार मुस्लिम, 2 लाख राजपूत , वैश्य 2 लाख, ब्राह्मण 75 हजार एवं भूमिहार की आबादी 50 हजार के करीब है.
'कोई भी चुनाव लड़े फर्क नहीं पड़ता'-BJP: रोहिणी आचार्य के चुनाव लड़ने की चर्चा पर बीजेपी का कहना है कि कोई भी चुनाव लड़े 2024 के चुनाव में किसी की दाल नहीं गलने वाली है. बीजेपी के प्रवक्ता राकेश सिंह का कहना है कि लालू प्रसाद यादव ने जन विश्वास महारैली में ही रोहिणी आचार्य को अपने समर्थकों के बीच परिचय करवाया था.
"इससे साफ हो गया था कि रोहिणी आचार्य राजनीति में एंट्री करने वाली हैं. जिस तरीके से लालू प्रसाद यादव ने अपने समर्थकों के बीच रोहिणी आचार्य को लेकर भावुक अपील की उससे साफ हो गया कि उनको राजनीति में उतारा जाएगा. 2024 लोकसभा चुनाव में कोई भी बिहार से चुनाव लड़े एनडीए 40 की 40 सीट जीतेगी."-राकेश सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
रणनीति बनाने में जुटी पार्टी: 2024 चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन अभी से रणनीति बनाने में जुटी हुई है. सभी लोकसभा क्षेत्र के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा होनी शुरू हो गई है. इसमें अनेक चर्चित चेहरा होगा. उसमें एक नाम लालू प्रसाद यादव की दूसरी पुत्री रोहिणी आचार्य का भी होगा. ऐसे में देखना होगा कि रोहिणी आचार्य की राजनीति में एंट्री होने से आरजेडी को कितना राजनीतिक लाभ मिलता है.
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