नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले में सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट और पश्चिम बंगाल सरकार की रिपोर्ट पर सुनवाई की. सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की. जिसे नाराज डॉक्टरों ने मान लिया. इसस संबंध में एम्स नई दिल्ली की तरफ से कहा गया कि हम लोग 11 दिन से जारी हड़ताल को खत्म करने का फैसला ले रहे है.
In the interest of the nation and in the spirit of public service, the RDA, AIIMS, New Delhi, has decided to call off 11-day strike. This decision comes in response to the appeal and direction of the Supreme Court. We extend our sincere appreciation to the Supreme Court for… pic.twitter.com/fCxWJqM6So
— ANI (@ANI) August 22, 2024
ताजा जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर काम पर लौटने के इच्छुक डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. कोर्ट ने निर्देश दिया कि बैठक एक सप्ताह के भीतर आयोजित की जाए और राज्य दो सप्ताह के भीतर सुधारात्मक उपाय करें. कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि राज्य चिकित्सा प्रतिष्ठानों में हिंसा की किसी भी आशंका को रोक सकें. इस बीच, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सीआईएसएफ को तैनात किया गया है. सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को करेगा.
Supreme Court directs all states and Union Territories shall ensure that states can prevent any apprehension of violence at medical establishments.
— ANI (@ANI) August 22, 2024
In the meantime, Solicitor General Tushar Mehta informs SC that CISF has been deployed at the RG Kar Medical College
इससे पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बंगाल पुलिस द्वारा मामले की जांच मे बरती गई लापरवाही को उजागर किया. सीबीआई ने कहा कि अंतिम संस्कार के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई. केस की लीपापोती की कोशिश की गई. केंद्रीय जांच एजेंसी ने पांचवें दिन मामले की जांच शुरू की. तब तक सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई. अस्पताल में लंबे समय से गड़बड़ी हुई. सीबीआई ने कहा कि केस डायरी एंट्री में देरी गलत ही नहीं बल्कि अमानवीय है. इस पूरे मामले में नियमों के अनुसार वीडियोग्राफी भी नहीं की गई.
Supreme Court begins hearing on suo motu petition on the rape and murder of a doctor in state-run RG Kar Medical College and Hospital in Kolkata, West Bengal pic.twitter.com/YqmRTBmRuJ
— ANI (@ANI) August 22, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबूतों को संरक्षित करने में देरी हुई. सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई कि अंतिम संस्कार के बाद मुकदमा दर्ज किया गया. इस पूरे मामले की जांच में पश्चिम बंगाल पुलिस की भूमिका पर मामले की सुनवाई कर रही पीठ में शामिल एक जस्टिस ने कहा कि मैंने अपने 30 साल के करियर में ऐसा नहीं देखा. सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस द्वारा अप्राकृतिक मौत को अपने रिकॉर्ड में दर्ज करने में की गई देरी को 'बेहद परेशान करने वाला' बताया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि मामला अप्राकृतिक मौत के रूप में दर्ज होने से पहले मृतक का पोस्टमार्टम किया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस से सवाल किया और पोस्टमार्टम के समय के बारे में पूछा. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने जवाब दिया कि यह शाम 6:10 से 7:10 बजे के आसपास था. सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि जब आप शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए थे तो क्या यह अप्राकृतिक मौत का मामला था या नहीं और अगर यह अप्राकृतिक मौत नहीं थी तो पोस्टमार्टम की क्या जरूरत थी. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह बहुत आश्चर्यजनक है क्योंकि पोस्टमार्टम अप्राकृतिक मौत के पंजीकरण से पहले होता है.
#UPDATE | CJI Chandrachud asks about the medical report of the injury of the accused
— ANI (@ANI) August 22, 2024
Senior Advocate Kapil Sibal informs Supreme Court that this is part of the case dairy
Solicitor General Tushar Mehta apprises SC that CBI entered the investigation on the 5th day, everything… https://t.co/pMv8x4pqxM
सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से कहा कि कृपया जिम्मेदारी से बयान दें और जल्दबाजी में कोई बयान न दें. सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से आगे कहा कि जब भी वह मामले को अगली तारीख पर लेगी तो कृपया यहां एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को मौजूद रखें क्योंकि अदालत को अभी तक यह जवाब नहीं मिला है कि अप्राकृतिक मौत का मामला कब दर्ज किया गया था.
#UPDATE | CJI Chandrachud asks about the medical report of the injury of the accused
— ANI (@ANI) August 22, 2024
Senior Advocate Kapil Sibal informs Supreme Court that this is part of the case dairy
Solicitor General Tushar Mehta apprises SC that CBI entered the investigation on the 5th day, everything… https://t.co/pMv8x4pqxM
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आरोपी की चोट की मेडिकल रिपोर्ट के बारे में पूछा. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह केस डायरी का हिस्सा है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने 5वें दिन जांच शुरू की, सब कुछ बदल दिया गया और जांच एजेंसी को नहीं पता था कि ऐसी कोई रिपोर्ट है. वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने एसजी की दलील का खंडन किया और कहा कि सब कुछ वीडियोग्राफी है, न कि बदला गया. एसजी मेहता ने कहा कि शव के अंतिम संस्कार के बाद 11:45 बजे एफआईआर दर्ज की गई. पीड़िता के सहकर्मियों के आग्रह के बाद वीडियोग्राफी की गई और इसका मतलब है कि उन्हें भी कुछ संदेह था.
SC questions WB Police and asks about the timing of the postmortem conducted
— ANI (@ANI) August 22, 2024
Senior Advocate Sibal replied it was around 6:10-7:10 PM
SC further asks when you took the dead body for post mortem then was it a case of unnatural death or not and if it was not unnatural death…
जेआई ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना चाहिए
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों को अपनी ड्यूटी पर लौटना चाहिए और उनके खिलाफ कोई विपरीत कदम नहीं उठाया जाएगा. सीजेआई ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना चाहिए और कोर्ट आज कुछ सामान्य आदेश पारित करेगा. सुनवाई के दौरान आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि वे आतंकित महसूस कर रहे हैं.
SC says to Sibal please make a responsible statement and do not make a rash statement.
— ANI (@ANI) August 22, 2024
SC further says to Sibal that when it will take the matter on any next date then please keep a responsible police officer present here as the court has not yet got an answer as to when the…
सुप्रीम कोर्ट ने आश्वासन दिया कि एक बार जब डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर लौट आएंगे, तो हम अधिकारियों पर प्रतिकूल कार्रवाई न करने का निर्देश देंगे. सीजेआई ने पूछा कि अगर डॉक्टर काम पर वापस नहीं लौटेंगे तो सार्वजनिक प्रशासनिक ढांचा कैसे चलेगा. सुप्रीम कोर्ट अब कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट की जांच कर रहा है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी एक कहानी साझा करते हुए कहा कि वह एक बार एक सार्वजनिक अस्पताल के फर्श पर सोए थे, जब उनके एक रिश्तेदार की तबीयत खराब थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है. सुनवाई के दौरान डॉक्टरों की ओर से उनकी समस्याओं को उठाया गया. डॉक्टरो की ओर से कहा गया कि हड़ताल को लेकर उनके खिलाफ कदम उठाया गया. इसपर मांग कि की उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाए. एम्स नागपुर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले पर विरोध प्रदर्शन के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.
कोलकाता रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरुवार को दोबारा सुनवाई हुई. वहीं, सीबीआई और ममता बनर्जी सरकार ने अस्पताल के तोड़फोड़ मामले में आज कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सब्मिट की. इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस पूरे मामले में सरकार और पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताई थी.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को जमकर फटकार लगाई थी. साथ ही दो दिन के भीतर इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था. सीजेआई ने अस्पताल में सुरक्षा को लेकर कई बडे़ आदेश दिए थे.
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते मामले की सुनवाई कर रही है. इससे पहले मंगलवार (20 अगस्त) को मामले में सुनवाई की थी. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में सुनवाई हुई. इस पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र शामिल हैं.
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले से निपटने के तरीके को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस पर कई सवाल उठाए. सीजेआई ने कहा कि यह घटना पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. कोर्ट ने इस मामले को लेकर दस सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया.
इसमें सर्जन वाइस एडमिरल आरके सरीन, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के प्रबंध निदेशक डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी समेत अन्य लोग शामिल हैं. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस तथ्य पर गहरी चिंता व्यक्त की कि पीड़िता का नाम, मृतक की तस्वीरें और वीडियो क्लिप सार्वजनिक रूप से वायरल हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को फटकार लगाई लगाते हुए सीआईएसएफ को आरजी कर अस्पताल को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा.