कोलकाता: जैसे-जैसे रात बीत रही थी. वैसे-वैसे पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित काकद्वीप और सिलीगुड़ी से शांतिनिकेतन तक भीड़ उमड़ रही थी, जिसमें ज्यादातर महिलाएं थीं. प्रदर्शनकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की 31 वर्षीय महिला ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे थे, जिसका 9 अगस्त की रात को बलात्कार करके हत्या कर दी गई थी. उसका शव अगले दिन कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला था. अब कोलकाता पुलिस के टॉप अधिकारी पुलिस के खिलाफ लोगों के रोष के लिए 'मीडिया कैंपेन' को दोष देने की कोशिश कर रहे हैं.
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, जो दंगा-रोधी उपकरणों से लैस पुलिसकर्मियों की एक मजबूत टुकड़ी द्वारा अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड और आस-पास की बिल्डिंग में तोड़फोड़ करने, दो पुलिस वाहनों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त करने और पुलिस पर अंधाधुंध पथराव करने वाली भीड़ को शांत करने के तुरंत बाद लगभग 2 बजे आरजी कर अस्पताल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा था उससे वह बहुत क्रोधित थे.
#WATCH | Aftermath of vandalism by mob in Emergency Department of RG Kar Medical College and Hospital in Kolkata last night pic.twitter.com/d7HI8crQ4l
— ANI (@ANI) August 15, 2024
स्थिति का लिया जायजा
आरजी कर अस्पताल के बाहर स्थिति का जायजा लेने के दौरान गोयल ने संवाददाताओं से कहा, "यहां जो कुछ भी हुआ है, वह मीडिया द्वारा कोलकाता पुलिस के खिलाफ चलाए गए दुर्भावनापूर्ण अभियान के कारण हुआ है. कोलकाता पुलिस ने क्या नहीं किया? इस मामले (छात्रा के बलात्कार और हत्या) में उन्होंने सब कुछ किया है. मेरे अधीनस्थ मेरे लोगों ने इस मामले की जांच के लिए सब कुछ किया है, उन्होंने सभी सबूत एकत्र किए हैं, मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है और हमने पीड़ित परिवार की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है."
इस मामले में राजनीतिक संबंध रखने वाले एक छात्र के शामिल होने की अफवाह फैलाई जा रही है. हमने इसकी जांच की है. वह एक इंटर्न है और उसके पिता एक प्राइमरी टीचर हैं, जिनका कोई राजनीतिक संबंध नहीं है. उसके कुछ दोस्त भी इन अफवाहों को फैलाने में शामिल हैं. मैं इन सब से बेहद नाराज हूं. हमने कुछ भी गलत नहीं किया है, लेकिन इस दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान के कारण, कोलकाता पुलिस ने लोगों के बीच अपना विश्वास खो दिया है.
No Mr. @CPKolkata Vineet Goyal, you and your Police Force are not the target of any " malicious media campaign". you have drawn the ire of the people and criticism of the media because of your own deeds.
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) August 15, 2024
let me collate a list which will act as a mirror to you:-
# why did the… pic.twitter.com/oAByigBVq7
'हम सबूतों का इंतजार कर रहे हैं'
पुलिस कमिश्नर ने कहा, "हमने कभी नहीं कहा कि इस अपराध में सिर्फ एक व्यक्ति शामिल है. हमने सिर्फ इतना कहा है कि हम सबूतों का इंतजार कर रहे हैं और इसमें कुछ समय लगता है. यह तब और भी जरूरी हो जाता है जब आरोपी लगातार अपना बयान बदल रहा हो और हमारे पास इसके समर्थन में कुछ भी न हो. मैं किसी पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल छात्र को सिर्फ अफवाहों के आधार पर गिरफ़्तार नहीं कर सकता. अब मामला सीबीआई के पास है और हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे.
सात सदस्यों की एक समिति बनाने का सुझाव
उन्होंने कहा कि हमने आंदोलनकारी डॉक्टरों और छात्रों में से सात सदस्यों की एक समिति बनाने का सुझाव दिया था, जो हमसे बातचीत करे और हम उनसे हर बात साझा करने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने वह समिति नहीं बनाई. हमने उनके मन में मौजूद कई संदेहों को दूर करने की कोशिश की. मैं सभी को आश्वस्त कर सकता हूं कि कोलकाता पुलिस ने कभी किसी को बचाने की कोशिश नहीं की. सीबीआई जांच के दौरान अगर यह पाया जाता है कि कोलकाता पुलिस की जांच टीम का कोई भी सदस्य कुछ भी गलत कर रहा है, तो कानून के तहत एक आधिकारिक प्रक्रिया है. जिसके तहत हमें जवाबदेह ठहराया जा सकता है और मुकदमा चलाया जा सकता है.
आरजी कर अस्पताल पर हमला
आज सुबह-सुबह कोलकाता पुलिस ने सोशल मीडिया पर कहा, "कल रात 5 से 7 हजार लोगों की भीड़ ने आरजी कर अस्पताल पर हमला किया, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों पर हमला किया और परिसर में तोड़फोड़ करने का प्रयास किया. हमें इस बात पर गर्व है कि संख्याबल में कम होने के बावजूद, डीसी (उत्तर) सहित मौके पर तैनात हमारे सहयोगियों ने सीमित संसाधनों का उपयोग करके जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की. हमले में हमारे कई लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हैं. हमने हमले का नेतृत्व करने वाले बदमाशों की पहचान कर ली है और जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी."
गोयल ने उस चिकित्सा सुविधा का भी दौरा किया, जहां घायल पुलिस अधिकारियों का इलाज किया जा रहा है. पुलिस ने यह भी बताया है कि सेमिनार हॉल के अंदर सबूतों से छेड़छाड़ या तोड़फोड़ नहीं की गई है, जहां महिला मेडिकल छात्रा का शव मिला था.कुछ समय पहले एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में पुलिस ने अस्पताल के अंदर कल की हिंसा करने के आरोपियों की तस्वीरें जारी की हैं और लोगों से अपील की है कि इन लोगों की पहचान करने में मदद कर करें.
No Mr. @CPKolkata Vineet Goyal, you and your Police Force are not the target of any " malicious media campaign". you have drawn the ire of the people and criticism of the media because of your own deeds.
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) August 15, 2024
let me collate a list which will act as a mirror to you:-
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शुभेंदु अधिकारी ने साधा निशाना
वहीं, गोयल के बयान को खारिज करते हुए राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस कमिश्नर पर पुलिस बल को कबाड़खाने में बदलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आप और आपका पुलिस बल किसी भी ‘दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान’ का लक्ष्य नहीं है. आपने अपने ही कामों के कारण लोगों का गुस्सा और मीडिया की आलोचना झेली है. आप अपना गुस्सा मीडिया और जनता पर न निकालें. कुछ शर्म करें.
अधिकारी ने कहा, "एक समय स्कॉटलैंड यार्ड से तुलना की जाने वाली कोलकाता पुलिस ममता बनर्जी के शासन में कबाड़खाना बन गई है और आप जैसे अक्षम अधिकारियों ने पुलिसिंग को राजनीतिक अधीनता में ला दिया है और पुलिस बल को अपने राजनीतिक आकाओं के अधीन कर दिया है."
बीजेपी नेता ने अपने एक्स हैंडल पर कुछ सवाल और टिप्पणियां भी सूचीबद्ध की हैं और पुलिस की आलोचना की है. उन्होंने लिखा, "स्थानीय पुलिस स्टेशन ने पहले तो साजिशकर्ताओं को अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में मदद क्यों की? कोलकाता पुलिस ने शुरू में अफवाहों और जघन्य अपराध को आत्महत्या बताने के दुर्भावनापूर्ण अभियान को क्यों नहीं रोका? आपने जनता को यह क्यों नहीं बताया कि अपराध स्थल के भयानक विवरण संकेत देते हैं कि यह क्रूर बलात्कार और हत्या का मामला है? क्या आपकी चुप्पी ने आत्महत्या के सिद्धांत को बढ़ावा नहीं दिया? क्या आप सीबीआई को जांच सौंपते समय माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी को दुर्भावनापूर्ण अभियान कहने का साहस करेंगे?