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जानें कौन थे कानून जगत के 'भीष्म पितामाह' फली एस नरीमन, जिनके नाम पर दिये जाते हैं पुरस्कार - Fali S Nariman no more

Know Who Was Legal Luminary Fali S Nariman : प्रख्यात न्यायविद् और वरिष्ठ अधिवक्ता फली सैम नरीमन का 95 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया. वह भारतीय कानूनी इतिहास में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में उभरे. उन्हें 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. उनके निधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वकील प्रशांत भूषण ने उन्हें 'वकील समुदाय का भीष्म पितामह' कहा. पढ़ें क्या रही उनकी जीवन यात्रा...

Know Who Was Legal Luminary Fali S Nariman
अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन की फाइल फोटो.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 21, 2024, 10:49 AM IST

Updated : Feb 21, 2024, 10:55 AM IST

हैदराबाद : अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन का बुधवार को निधन हो गया. नरीमन को भारत के कानूनी परिदृश्य को आकार देने वाले व्यक्तित्व के रूप में पहचाना जाता था. उनका जन्म 10 जनवरी 1929 को हुआ था. अपने निधन के समय वह 95 वर्ष के थे. बतौर वकील फली सैम नरीमन की जीवन यात्रा ने उन्हें देश के सबसे सम्मानित संवैधानिक वकीलों में से एक बना दिया.

Know Who Was Legal Luminary Fali S Nariman
अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन की फाइल फोटो.

शुरूआती शिक्षा-दीक्षा और वकालत की पढ़ाई : नरीमन की शैक्षिक यात्रा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से शुरू हुई, उसके बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई में स्नातक की पढ़ाई की. उनकी अकादमिक उत्कृष्टता सरकारी लॉ कॉलेज, मुंबई में जारी रही, जहां उन्होंने 1950 में वकालत की परीक्षा में टॉप किया, और एक प्रतिष्ठित कानूनी करियर की शुरूआत की.

1971 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील बनने के बाद से कई दशकों के करियर के साथ, भारतीय कानून में नरीमन का योगदान अद्वितीय है. 1991 से 2010 तक बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल और एक वैश्विक मध्यस्थ के रूप में उनकी मान्यता, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी क्षेत्रों पर उनके गहरे प्रभाव को दर्शाती है.

Know Who Was Legal Luminary Fali S Nariman
अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन की फाइल फोटो.

विस्तृत कार्य फलक और अतंरराष्ट्रीय विस्तार: उनके पेशेवर जीवन को कई प्रतिष्ठित पदों और सम्मानों से चिह्नित किया गया है. जो उनकी विशेषज्ञता और समर्पण को दर्शाता है. नरीमन की भूमिकाओं में 1971 से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता परिषद के अध्यक्ष और कई अन्य शामिल हैं. उनका प्रभाव अन्य महत्वपूर्ण कानूनी निकायों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय न्यायविदों के आयोग और लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन तक फैला हुआ रहा.

यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन बनाम भारत संघ केस और वकील की नैतिकता : नरीमन की कानूनी कौशल विशेष रूप से यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन बनाम भारत संघ जैसे ऐतिहासिक मामलों में स्पष्ट थी, जहां उन्होंने पीड़ितों की सहायता के लिए जटिल जिरह की. उनकी आत्मकथा, 'व्हेन मेमोरी फेड्स', इस मामले को पेशेवर गर्व और व्यक्तिगत अफसोस को मिश्रण के साथ दर्शाती है. अपनी आत्मकथा में उन्होंने बतौर वकील अपने काम की नैतिक जटिलताओं को भी उजागर किया है. गोलक नाथ, एसपी गुप्ता और टीएमए पाई फाउंडेशन मामलों जैसे परिवर्तनकारी मामलों में उनकी भागीदारी ने भारतीय न्यायिक प्रणाली पर एक स्थायी विरासत छोड़ी.

Know Who Was Legal Luminary Fali S Nariman
अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन की फाइल फोटो.

मिले ढेरों पुरस्कार और सम्मान: नरीमन के जीवन और कार्य को कई पुरस्कारों के माध्यम से मान्यता दी गई है. जिनमें प्रतिष्ठित पद्म भूषण और पद्म विभूषण, रोमन कानून और न्यायशास्त्र के लिए किनलोच फोर्ब्स गोल्ड मेडल और न्याय के लिए ग्रुबर पुरस्कार शामिल हैं. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से 19वां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करना एक कानूनी विशेषज्ञ के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत करता है.

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अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन की फाइल फोटो.

इनके नाम पर दिया जाता है पुरस्कार : उनके सम्मान में नामित विस मूट ईस्ट का फली नरीमन पुरस्कार युवा कानूनी दिमागों को प्रेरित करता है, जो कानून के क्षेत्र में नरीमन के स्थायी प्रभाव का प्रतीक है. जैसे-जैसे नरीमन की यात्रा आगे बढ़ती है, उनका जीवन कानूनी पेशे में भावी पीढ़ियों के लिए उत्कृष्टता और अखंडता का प्रतीक बना हुआ है. उनकी विरासत को उनके बेटे रोहिंटन नरीमन ने आगे बढ़ाया है, जो एक वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनके नक्शेकदम पर चले.

पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन का 95 वर्ष की उम्र में निधन

हैदराबाद : अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन का बुधवार को निधन हो गया. नरीमन को भारत के कानूनी परिदृश्य को आकार देने वाले व्यक्तित्व के रूप में पहचाना जाता था. उनका जन्म 10 जनवरी 1929 को हुआ था. अपने निधन के समय वह 95 वर्ष के थे. बतौर वकील फली सैम नरीमन की जीवन यात्रा ने उन्हें देश के सबसे सम्मानित संवैधानिक वकीलों में से एक बना दिया.

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अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन की फाइल फोटो.

शुरूआती शिक्षा-दीक्षा और वकालत की पढ़ाई : नरीमन की शैक्षिक यात्रा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से शुरू हुई, उसके बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई में स्नातक की पढ़ाई की. उनकी अकादमिक उत्कृष्टता सरकारी लॉ कॉलेज, मुंबई में जारी रही, जहां उन्होंने 1950 में वकालत की परीक्षा में टॉप किया, और एक प्रतिष्ठित कानूनी करियर की शुरूआत की.

1971 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील बनने के बाद से कई दशकों के करियर के साथ, भारतीय कानून में नरीमन का योगदान अद्वितीय है. 1991 से 2010 तक बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल और एक वैश्विक मध्यस्थ के रूप में उनकी मान्यता, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी क्षेत्रों पर उनके गहरे प्रभाव को दर्शाती है.

Know Who Was Legal Luminary Fali S Nariman
अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन की फाइल फोटो.

विस्तृत कार्य फलक और अतंरराष्ट्रीय विस्तार: उनके पेशेवर जीवन को कई प्रतिष्ठित पदों और सम्मानों से चिह्नित किया गया है. जो उनकी विशेषज्ञता और समर्पण को दर्शाता है. नरीमन की भूमिकाओं में 1971 से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता परिषद के अध्यक्ष और कई अन्य शामिल हैं. उनका प्रभाव अन्य महत्वपूर्ण कानूनी निकायों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय न्यायविदों के आयोग और लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन तक फैला हुआ रहा.

यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन बनाम भारत संघ केस और वकील की नैतिकता : नरीमन की कानूनी कौशल विशेष रूप से यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन बनाम भारत संघ जैसे ऐतिहासिक मामलों में स्पष्ट थी, जहां उन्होंने पीड़ितों की सहायता के लिए जटिल जिरह की. उनकी आत्मकथा, 'व्हेन मेमोरी फेड्स', इस मामले को पेशेवर गर्व और व्यक्तिगत अफसोस को मिश्रण के साथ दर्शाती है. अपनी आत्मकथा में उन्होंने बतौर वकील अपने काम की नैतिक जटिलताओं को भी उजागर किया है. गोलक नाथ, एसपी गुप्ता और टीएमए पाई फाउंडेशन मामलों जैसे परिवर्तनकारी मामलों में उनकी भागीदारी ने भारतीय न्यायिक प्रणाली पर एक स्थायी विरासत छोड़ी.

Know Who Was Legal Luminary Fali S Nariman
अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन की फाइल फोटो.

मिले ढेरों पुरस्कार और सम्मान: नरीमन के जीवन और कार्य को कई पुरस्कारों के माध्यम से मान्यता दी गई है. जिनमें प्रतिष्ठित पद्म भूषण और पद्म विभूषण, रोमन कानून और न्यायशास्त्र के लिए किनलोच फोर्ब्स गोल्ड मेडल और न्याय के लिए ग्रुबर पुरस्कार शामिल हैं. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से 19वां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करना एक कानूनी विशेषज्ञ के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत करता है.

Know Who Was Legal Luminary Fali S Nariman
अनुभवी संवैधानिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन की फाइल फोटो.

इनके नाम पर दिया जाता है पुरस्कार : उनके सम्मान में नामित विस मूट ईस्ट का फली नरीमन पुरस्कार युवा कानूनी दिमागों को प्रेरित करता है, जो कानून के क्षेत्र में नरीमन के स्थायी प्रभाव का प्रतीक है. जैसे-जैसे नरीमन की यात्रा आगे बढ़ती है, उनका जीवन कानूनी पेशे में भावी पीढ़ियों के लिए उत्कृष्टता और अखंडता का प्रतीक बना हुआ है. उनकी विरासत को उनके बेटे रोहिंटन नरीमन ने आगे बढ़ाया है, जो एक वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनके नक्शेकदम पर चले.

पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन का 95 वर्ष की उम्र में निधन
Last Updated : Feb 21, 2024, 10:55 AM IST
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