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हाथ में गदा, सीने पर मोदी, माथे पर कमल, 'मोदी के हनुमान' की पूरी इनसाइड स्टोरी जानें

Fan Of PM Modi Shravan Sah : भले ही सियासी रूप से मोदी के हनुमान के रूप में लोग चिराग पासवान को जानते हों लेकिन ये शायद ही कोई जानता होगा कि मोदी के हनुमान 'श्रवण साह' हैं. उनकी भक्ति हनुमान की तरह ही निश्छल है. उन्हें इसके बदले में पीएम मोदी से कुछ नहीं चाहिए. मुफलिसी में कर्ज लेकर ये रैलियां करते हैं और गहने गिरवी रखकर नरेंद्र मोदी की सभाओं में शामिल होते हैं. अब तक उन्होंने मोदी की 100 से ज्यादा सभाएं अटेंड की है. पढ़ें पूरी खबर-

मोदी के हनुमान
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 2, 2024, 6:03 AM IST

Updated : Mar 2, 2024, 7:40 AM IST

मोदी के हनुमान

बेगूसराय : देश विदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चाहने वालों की कमी नहीं है. कुछ ऐसे भी हैं जो सबकुछ न्यौछावर करके नरेंद्र मोदी को 'धरती के भगवान' की तरह पूजते हैं. उन्हीं में से एक हैं बेगूसराय के श्रवण साह. ये नरेन्द्र मोदी की रैलियों में 'हनुमान' बनकर शामिल होते हैं.

मोदी को राम मानने वाले श्रवण की कहानी : हाथ में गदा, भगवा रंग और हनुमान जी के गेटअप में ये रैलियों में शामिल होते हैं. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों में ये आकर्षण का केंद्र भी होते हैं. पैसे हो या न हो, अपनी शादी के गहने गिरवी रखकर रैली में शामिल होते हैं. अब तक 129 रैली देख चुके हैं. आज 130 वीं सभा अब बेगूसराय अटेंड करने वाले हैं.

श्रवण शाह की हनुमान बनने की कहानी : श्रवण साह किसी लाभ की इच्छा से रैली में हनुमान बनकर शामिल नहीं होते. न तो इन्हें मोदी से कोई अपेक्षा है और न ही नरेंन्द्र मोदी को ही कोई उम्मीद, फिर भी श्रवण अपने काम को पूरी ईमानदारी से अंजाम देते हैं. घर की माली हालत खराब होने पर शादी की अंगूठी को अब तक 8 बार गिरवी रखकर चुके हैं. श्रवण साह का कहना है कि नरेंद्र मोदी उनके भगवान हैं और वो हनुमान की तरह सेवा करते हैं. अपनी कमाई के आधे हिस्से से घर चलाते हैं और आधा हिस्से से मोदी की रैली कवर करते हैं.

कौन हैं श्रवण साह? : श्रवण बताते हैं कि पेशे से एडवोकेट क्लर्क यानि कातिब के रूप में बेगूसराय रजिस्ट्री ऑफिस में काम करते हैं. जिससे होने वाली कमाई का आधा हिस्सा घर में लगता हैं, वहीं आधे हिस्से से मोदी की सभा में आने-जाने में खर्च हो जाता है. कभी-कभी पैसे की कमी पर वो लोगों से ब्याज पर पैसा लेते हैं.

अब तक 100 से ज्यादा सभाओं में हुए शामिल : श्रवण साह बताते हैं कि 8 अक्टूबर 2015 से अब तक वो 100 से ऊपर सभाओं को अटेंड कर चुके हैं. उनकी 50वीं सभा बेगूसराय में ही पूरी हुई थी, जबकि सभाओं का शतक बनारस में 4 मार्च 2022 को पूरा हुआ था. आज नरेंद्र मोदी के मिथिला नगरी में आने से श्रवण साह काफी उत्साहित हैं. उन्होंने इतनी सभाओं के बाद ये इच्छा जताई है कि बेगूसराय के लिए IIT और एम्स की सौगात मिल जाए.

''मुझे पार्टी में कोई पद नहीं चाहिए क्योंकि हनुमान से बड़ा कोई पद नहीं है. पुरुषोत्तम राम की तरह काम करने वाले नरेन्द्र मोदी दुनिया के सिरमौर ही नहीं, बल्कि भारत का नाम दुनिया में रौशन कर रहे हैं. जब तक मेरी सांसे रहेंगी तब तक मोदी का हनुमान बनता रहूंगा. मोदी में मुझे राम दिखते हैं. जो काम उन्होंने किया है वो किसी ने नहीं किया है. मोदी ने असंभव को सम्भव किया है. भारत को विश्व गुरु बनाया है.'' - श्रवण साह, मोदी के हनुमान

मोदी को घर बुलाना चाहते हैं श्रवण : श्रवण साह ने बताया कि उन्हें गर्व है की वह बेगूसराय में पैदा हुए जो दिनकर की जन्म भूमि और श्री कृष्ण जी की कर्मभूमि रही है. श्रवण की एक मात्र इच्छा है कि कभी उनके श्री राम नरेन्द्र मोदी उनके मुहल्ला पन्हास पधारें. इस मौके पर उन्हीने स्वामी विवेकानंद के उस भविष्यवाणी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत विश्व का सिरमौर बनेगा नरेन्द्र मोदी ने उसे पूरा किया है, जो अब दिख रहा है. अभी तक इस गेटअप में क्रिकेटर्स के फैन ही दिखाई देते थे. लेकिन जब से श्रवण साह ने खुद को हनुमान के गेटअप में ढाला है. तब से उनके नाम की भी चर्चा तेज है.

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बेगूसराय : देश विदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चाहने वालों की कमी नहीं है. कुछ ऐसे भी हैं जो सबकुछ न्यौछावर करके नरेंद्र मोदी को 'धरती के भगवान' की तरह पूजते हैं. उन्हीं में से एक हैं बेगूसराय के श्रवण साह. ये नरेन्द्र मोदी की रैलियों में 'हनुमान' बनकर शामिल होते हैं.

मोदी को राम मानने वाले श्रवण की कहानी : हाथ में गदा, भगवा रंग और हनुमान जी के गेटअप में ये रैलियों में शामिल होते हैं. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों में ये आकर्षण का केंद्र भी होते हैं. पैसे हो या न हो, अपनी शादी के गहने गिरवी रखकर रैली में शामिल होते हैं. अब तक 129 रैली देख चुके हैं. आज 130 वीं सभा अब बेगूसराय अटेंड करने वाले हैं.

श्रवण शाह की हनुमान बनने की कहानी : श्रवण साह किसी लाभ की इच्छा से रैली में हनुमान बनकर शामिल नहीं होते. न तो इन्हें मोदी से कोई अपेक्षा है और न ही नरेंन्द्र मोदी को ही कोई उम्मीद, फिर भी श्रवण अपने काम को पूरी ईमानदारी से अंजाम देते हैं. घर की माली हालत खराब होने पर शादी की अंगूठी को अब तक 8 बार गिरवी रखकर चुके हैं. श्रवण साह का कहना है कि नरेंद्र मोदी उनके भगवान हैं और वो हनुमान की तरह सेवा करते हैं. अपनी कमाई के आधे हिस्से से घर चलाते हैं और आधा हिस्से से मोदी की रैली कवर करते हैं.

कौन हैं श्रवण साह? : श्रवण बताते हैं कि पेशे से एडवोकेट क्लर्क यानि कातिब के रूप में बेगूसराय रजिस्ट्री ऑफिस में काम करते हैं. जिससे होने वाली कमाई का आधा हिस्सा घर में लगता हैं, वहीं आधे हिस्से से मोदी की सभा में आने-जाने में खर्च हो जाता है. कभी-कभी पैसे की कमी पर वो लोगों से ब्याज पर पैसा लेते हैं.

अब तक 100 से ज्यादा सभाओं में हुए शामिल : श्रवण साह बताते हैं कि 8 अक्टूबर 2015 से अब तक वो 100 से ऊपर सभाओं को अटेंड कर चुके हैं. उनकी 50वीं सभा बेगूसराय में ही पूरी हुई थी, जबकि सभाओं का शतक बनारस में 4 मार्च 2022 को पूरा हुआ था. आज नरेंद्र मोदी के मिथिला नगरी में आने से श्रवण साह काफी उत्साहित हैं. उन्होंने इतनी सभाओं के बाद ये इच्छा जताई है कि बेगूसराय के लिए IIT और एम्स की सौगात मिल जाए.

''मुझे पार्टी में कोई पद नहीं चाहिए क्योंकि हनुमान से बड़ा कोई पद नहीं है. पुरुषोत्तम राम की तरह काम करने वाले नरेन्द्र मोदी दुनिया के सिरमौर ही नहीं, बल्कि भारत का नाम दुनिया में रौशन कर रहे हैं. जब तक मेरी सांसे रहेंगी तब तक मोदी का हनुमान बनता रहूंगा. मोदी में मुझे राम दिखते हैं. जो काम उन्होंने किया है वो किसी ने नहीं किया है. मोदी ने असंभव को सम्भव किया है. भारत को विश्व गुरु बनाया है.'' - श्रवण साह, मोदी के हनुमान

मोदी को घर बुलाना चाहते हैं श्रवण : श्रवण साह ने बताया कि उन्हें गर्व है की वह बेगूसराय में पैदा हुए जो दिनकर की जन्म भूमि और श्री कृष्ण जी की कर्मभूमि रही है. श्रवण की एक मात्र इच्छा है कि कभी उनके श्री राम नरेन्द्र मोदी उनके मुहल्ला पन्हास पधारें. इस मौके पर उन्हीने स्वामी विवेकानंद के उस भविष्यवाणी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत विश्व का सिरमौर बनेगा नरेन्द्र मोदी ने उसे पूरा किया है, जो अब दिख रहा है. अभी तक इस गेटअप में क्रिकेटर्स के फैन ही दिखाई देते थे. लेकिन जब से श्रवण साह ने खुद को हनुमान के गेटअप में ढाला है. तब से उनके नाम की भी चर्चा तेज है.

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Last Updated : Mar 2, 2024, 7:40 AM IST
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