जम्मू : नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. आखिरकार पूरे 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर को नया मुख्यमंत्री मिल गया है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर की नई अब्दुल्ला कैबिनेट में विधायक मंत्रियों ने भी शपथ ले ली. वहीं,नौशेरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुरिंदर कुमार चौधरी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. आइए जम्मू-कश्मीर के नए उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी के बारे में और जानें...
अन्य मंत्रियों के साथ सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के 2024 विधानसभा चुनाव में भाजपा जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना को 7,819 मतों के अंतर से हराया. रविंदर रैना ने 2014 के विधानसभा चुनाव में चौधरी को 95 हजार से अधिक मतों से हराया था, जब सुरिंदर चौधरी पीडीपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे.
#WATCH | Srinagar | After taking oath as Jammu & Kashmir Deputy CM, Surinder Kumar Choudhary says," i have no words to thank our leaders farooq abdullah & omar abdullah for giving such a big position. with his decision to make me the deputy cm, omar abdullah has proved that jammu… pic.twitter.com/iW1Cp2IGsT
— ANI (@ANI) October 16, 2024
बाद में 2015 में, सुरिंदर चौधरी को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य के रूप में नामित किया गया था. चौधरी ने 2021 में पीडीपी से इस्तीफा दे दिया था और 5 अप्रैल, 2022 को भाजपा में शामिल हो गए थे. हालांकि, एक साल के लंबे जुड़ाव के बाद, उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और 11 जुलाई, 2023 को उमर अब्दुल्ला की मौजूदगी में नेशनल कॉन्फ्रेंस का दामन थाम लिया.
नोनियाल गांव के रहने वाले हैं डिप्टी सीएम
सुरिंदर चौधरी राजौरी जिले के नोनियाल गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर रह चुके हैं. जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बन गई है. उमर अब्दुल्ला ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की कमान संभाली है. वह दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने हैं. जम्मू-कश्मीर की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री समेत पांच मंत्री बनाए गए हैं. उमर अब्दुल्ला की सरकार में सुरिंदर चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.
सुरिंदर चौधरी के बारे में और जानें
एनसी-कांग्रेस गठबंधन के इकलौते हिंदू विधायक सुरिंदर चौधरी को रविंदर रैना जैसे दिग्गज नेता को हराने का इनाम उपमुख्यमंत्री के पद से मिला है. जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सुरिंदर चौधरी जम्मू-कश्मीर के प्रमुख हिंदू नेताओं में से एक हैं. उन्हें कभी महबूबा मुफ्ती का बेहद करीबी माना जाता था. वह जम्मू-कश्मीर राज्य विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं. हालांकि, 2022 में महबूबा मुफ्ती के साथ नीतिगत मतभेदों के कारण उन्होंने पीडीपी छोड़ दी.
पीडीपी छोड़ने के बाद सुरिंदर चौधरी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. हालांकि, एक साल बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए. सुरिंदर चौधरी बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं. उनके चुनावी हलफ़नामे के अनुसार, उन्होंने 12वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी की है.
सुरिंदर चौधरी ने 1987 में जम्मू और कश्मीर राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड से अपनी 12वीं की परीक्षा पास की. ईसीआई को सौंपे गए हलफ़नामे के अनुसार उनके पास 23 मिलियन रुपये (2.3 करोड़) की संपत्ति है.
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