नैनीताल (उत्तराखंड): आदि कैलाश की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है. कुमाऊं मंडल विकास निगम और उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड संयुक्त रूप से पायलट प्रोजेक्ट के तहत आदि कैलाश हवाई यात्रा शुरू करने जा रहा है. जिसके लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम ने टिकट बुकिंग आज से शुरू कर दी है.
आदि कैलाश यात्रा की तैयारियां जोरों पर: कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी विनीत तोमर ने बताया एक अक्टूबर से आदि कैलाश यात्रा शुरू होगी, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. पहली बार कुमाऊं मंडल विकास निगम संयुक्त रूप से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस यात्रा को करने जा रहा है. जिसमें यात्रियों को स्वयं पिथौरागढ़ आना होगा. इसके बाद यात्रियों को हवाई मार्ग से गूंजी तक ले जाया जाएगा. यहां यात्रियों के तीन रात रुकने का प्रबंध किया गया है.
श्रद्धालुओं का होगा स्वास्थ्य परीक्षण: इस दौरान यात्री ओल्ड लिपुलेख से आदि कैलाश, नाभि ढंग से ओम पर्वत और लिपुलेख से माउंट कैलाश के दर्शन कर सकेंगे. हेली पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू इस यात्रा में 60 यात्रियों को शामिल किया जाएगा. यात्रा का खर्च 80 हजार रुपए होगा. यात्रा शुरू होने से पूर्व यात्रियों का पहला स्वास्थ्य परीक्षण पिथौरागढ़ और दूसरा ओल्ड लिपुलेख में स्वास्थ्य परीक्षण होगा. इसके बाद यात्रियों को आदि कैलाश जाने के लिए परमिट मिल पाएगा.
श्रद्धालुओं को इतना देना होगा खर्चा: आदि कैलाश आने वाले श्रद्धालुओं को करीब 80 हजार का खर्च उठाना पड़ेगा. जिसमें श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर-जीप का किराया, रुकना, खाना समेत सभी सुविधाएं शामिल हैं. गुंजी गांव के सभी होम स्टे बुक कर लिए हैं. पहले कैलाश पर्वत यात्रा सड़क मार्ग से 15 सितंबर से शुरू होनी थी, लेकिन बीते दो हफ्ते में हुई बारिश ने बूंदी गांव के आगे कई सड़कें बुरी तरह खस्ता हो गई थी.
हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं का सफर होगा आसान: वहीं सड़कों की स्थिति दुरुस्त होने के बाद अब यात्रा को सड़क मार्ग से भी शुरू कर दिया गया है और बीते दिन कई श्रद्धालु आदि कैलाश के दर्शनों के लिए गए. पहले दिन यात्री हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ से गुंजी गांव पहुंचेंगे, जहां श्रद्धालु रात बिताएंगे. अगले दिन कार से आदि कैलाश के दर्शन के लिए जॉलिंगकॉन्ग पहुंचेंगे शाम को गुंजी लौटकर रात बिताएंगे. तीसरे दिन श्रद्धालु आदि कैलाश व्यू पॉइंट जाएंगे और वापस पिथौरागढ़ लौटेंगे.
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