नई दिल्ली : पांचवें चरण के मतदान के एक दिन बाद मंगलवार को अमेठी उम्मीदवार केएल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस यूपी में रायबरेली और अमेठी दोनों लोकसभा सीटें जीतने जा रही है. केएल शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया, 'कांग्रेस रायबरेली और अमेठी दोनों सीटें जीतेगी लेकिन मैं इस समय मार्जिन पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. गांधी परिवार के गढ़ में पार्टी का उम्मीदवार बनना मेरे लिए सम्मान की बात थी.'
जहां शर्मा को अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ खड़ा किया गया है, वहीं पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने रायबरेली में भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा है. शर्मा पिछले चार दशकों से गांधी परिवार के लिए रायबरेली और अमेठी सीटों का प्रबंधन कर रहे थे. उनको अंतिम समय में अमेठी के उम्मीदवार के रूप में चुना गया क्योंकि कांग्रेस ने रणनीतिक रूप से राहुल को पास के रायबरेली में शिफ्ट कर दिया, जिन्होंने 2004 से 2019 तक अमेठी का प्रतिनिधित्व किया.
राहुल की मां और पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने 2004-2024 तक लोकसभा में रायबरेली का प्रतिनिधित्व किया, इस दौरान शर्मा ने संसदीय क्षेत्र में अपने कार्यालय का परिश्रमपूर्वक प्रबंधन किया, विकास कार्यों का समन्वय किया और राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाया.
देश भर में चुनाव प्रचार में व्यस्त राहुल के रायबरेली और शर्मा के अमेठी में मैदान में उतरने के साथ, वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने गांधी परिवार के दो गढ़ों में डेरा डालने का फैसला किया और अपने भाई और परिवार के वफादार दोनों की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक व्यस्त अभियान चलाया.
शर्मा ने कहा कि 'प्रियंका गांधी ने दोनों सीटों पर लगभग दो सप्ताह तक बहुत सकारात्मक और मजबूत अभियान का नेतृत्व किया. दोनों दलों के कई वरिष्ठ नेताओं के अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी यहां प्रचार किया. मेरा समर्थन करने के लिए मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं. सामाजिक न्याय की हमारी अवधारणा को उन मतदाताओं का समर्थन मिला जो भाजपा से नाराज थे.'
कांग्रेस नेता के अनुसार, प्रियंका गांधी ने लगभग एक पखवाड़े तक क्षेत्र में डेरा डाला और पार्टी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने और भाजपा के झूठे प्रचार का मुकाबला करने के लिए 100 से अधिक सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया.
'मजबूत फीडबैक मिल रहा' : शर्मा ने कहा कि 'हमारे आक्रामक अभियान के प्रभाव का एक मजबूत संकेतक वह फीडबैक है जो हमें रायबरेली और अमेठी के बूथ प्रभारियों से मिल रहा है. वे नतीजे को लेकर उत्साहित हैं.' फीडबैक उस प्रशिक्षण का हिस्सा है जो बूथ प्रभारियों को दिया गया था, जिन्हें मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने का काम सौंपा गया था. अब वे खुद को स्थानीय पार्टी कार्यालय में सूचीबद्ध कर रहे थे ताकि उनके प्रयासों को सत्यापित किया जा सके. व्यस्त अभियान चलाने के बाद शर्मा ने कहा कि वह 20 मई को पूरे दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदान केंद्रों की निगरानी में व्यस्त रहे और देर रात घर पहुंचे.
शर्मा ने कहा कि 'मैंने मतदान केंद्रों की निगरानी के लिए 20 मई को पूरे दिन पूरे अमेठी में यात्रा की क्योंकि ईवीएम की खराबी और अन्य चुनाव संबंधी मुद्दों की कई रिपोर्टें थीं. मैं आज सुबह 4 बजे घर पहुंचा, कुछ घंटों की नींद ली और अब क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए फिर से यात्रा कर रहा हूं.'
उन्होंने कहा कि 'राहुल गांधी ने मतदान केंद्रों की निगरानी के लिए 20 मई को पूरे रायबरेली की यात्रा भी की. अब हम चुनाव संबंधी सभी शिकायतों की एक सूची तैयार कर रहे हैं और इसे जल्द ही चुनाव आयोग को सौंप देंगे.'