किशनगंजः लोकसभा चुनाव बिहार के 40 सीटों पर होना है. इसकी तैयारी पूरी जोर-शोर से चल रही है. बिहार के 40 सीटों में एक सीट किशनगंज है जहां दूसरे चरण में 26 अप्रैल को चुनाव होना है. अन्य साल के अनुसार इस बार भी किशनगंज के छोटेलाल महतो चुनावी मैदान में उतरे हैं. गैस सिलेंडर का डिलीवरी करने वाले छोटे लाल पिछले 20 साल से लगातार लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. नगर निकाय चुनाव में भी अपना भाग्य अजमा चुके हैं.
23 साल की उम्र राजनीति मैदान में आएः छोटेलाल महतो मूल रूप से किशनगंज शहर के रहने वाले हैं. एक छोटे से मकान में रहते हैं और गैस सिलेंडर की डिलीवरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं. छोटेलाल बताते हैं कि वे 23 साल की उम्र में विधानसभा चुनाव 2000 लड़ने के लिए नामांकन किया था. लेकिन उम्र होने के कारण उनका नामांकन रद्द हो गया था. इसके बाद से वे लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ते आ रहे हैं.
दिग्गज के खिलाफ लड़े हैं चुनावः इस बार 2024 में पांचवीं बार सांसद पद के लिए चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने अपना नामांकन करा लिया है. डिलीवरी बॉय छोटे लाल महतों पूर्व केंद्रीय मंत्री सैय्यद शाहनवाज हुसैन, सीमांचल के कद्दावर नेता तस्लीमुद्दीन सहित कई दिग्गज नेताओं विरोध में चुनाव लड़े हैं और हजारों वोट अपने नाम किए हैं. हालांकि उन्हें अब तक सफलता नहीं मिली है लेकिन वे हार नहीं माने हैं.
"2004 से लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं. जीत नहीं मिली है लेकिन कभी हार नहीं माने. इसबार भी निर्दलीय नामांकन करा लिए हैं. जनता काफी मदद करती है. चंदा देकर हमें मैदान में उतारती है. हम लोगों के घर गैस सिलेंडर पहुंचाते हैं. लोग मेरे जैसा नेता चाहते हैं. इसबार हमें कामयाबी जरूर मिलेगी. जनता अपने वोट से जीत दर्ज कराएगी." -छोटेलाल महतो, निर्दलीय प्रत्याशी, किशनगंज लोकसभा
2004-2019 तक का रिजल्टः लोकसभा चुनाव की बात करें तो छोटेलाल 2004 से 2019 तक लगातार चुनाव लड़े हैं. 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव में 11, 479 वोट पाकर छठे स्थान पर रहे थे. इसके बाद 2009 में 5,563 वोट के साथ नौवें स्थान, 2014 में 11,392 वोट के साथ नौवें स्थान और 2019 में 8,700 वोट के साथ नौवें स्थान पर रहे थे. इसबार 2024 में भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है.
'पेट काटकर पैसा इकट्ठा कर लड़ते चुनाव': छोटे लाल बताते हैं कि चुनाव लड़ने के लिए अपना पेट काटकर पैसा इक्कठा करते हैं. जनता भी इन्हें चुनाव लड़ने के लिए चंदा देती है. इसके अलावे इनकी पत्नी बकरी और मुर्गी पालन कर चुनाव लड़ने के लिए रुपए इकट्ठा करती है. छोटेलाल की मां और उसकी पत्नी का मानना है कि सामाजिक कार्यकर्ता छोटेलाल लोगों के दुख और मुसीबत के वक्त साथ रहता है. उन्हें भरोसा है कि एक बार जनता जरूर मौका देगी.
'विकास और रोजगार के क्षेत्र में करेंगे काम': छोटे लाल का कहना है कि मानव सेवा उनकी प्राथमिकता है. छोटे लाल गैस डिलीवरी करने के साथ हर मजबूर लोगों को तन मन से मदद करता है. इनकी सेवा को देखते हुए जनता ने चुनाव लड़ने की मांग की थी. इसके बाद से चुनाव लड़ते हुए आ रहे हैं. छोटे लाल का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद गरीबों के आंखों का आंसू पोछने का काम के साथ साथ विकास और रोजगार के क्षेत्र में काम करेंगे.
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