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Kerala Blast Case: कोल्लम कलेक्ट्रेट बम विस्फोट मामले में तीन आरोपी दोषी करार, चौथा बरी

केरल के कोल्लम कलेक्ट्रेट बम विस्फोट मामले में अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराया है, जबकि चौथे आरोपी को बरी कर दिया गया.

Kollam Collectorate  Blast Case; Three Accused Found guilty One Acquitted
केरल की अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराया, एक बरी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 4, 2024, 6:31 PM IST

एर्नाकुलम: केरल की एक अदालत ने सोमवार को कोल्लम कलेक्ट्रेट बम विस्फोट मामले में तीन आरोपियों को दोषी ठहराया. दोषी पाए गए आरोपियों के नाम अब्बास अली, शमसून करीम राजा और दाऊद सुलेमान हैं, जो तमिलनाडु के मदुरै के मूल निवासी हैं. इस मामले में चौथे आरोपी शमसुद्दीन को अदालत ने बरी कर दिया.

कोल्लम के जिला प्रधान सत्र न्यायालय द्वारा मंगलवार को दोषियों की सजा सुनवाई जाएगी. कलेक्ट्रेट परिसर में हुए विस्फोट मामले में आठ साल बाद यह फैसला आया. आरोपी प्रतिबंधित संगठन बेस मूवमेंट से जुड़े थे.

15 जून, 2016 को कोल्लम के कलेक्ट्रेट परिसर में एक लावारिस जीप में विस्फोट हुआ था. इस घटना में एक व्यक्ति घायल हुआ था.

पुलिस के मुताबिक, आरोपी तमिलनाडु से बस द्वारा कोल्लम केएसआरटीसी स्टैंड पर पहुंचे और कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचने के लिए ऑटो-रिक्शा में सवार हुए और परिसर में बम लगाया. पुलिस ने विस्फोट स्थल से 15 बैटरियां, 17 फ्यूज वायर और एक बैग बरामद किया था.

उसी साल आंध्र प्रदेश के चित्तूर, नेल्लोर और कर्नाटक के मैसूर में कोर्ट परिसरों में विस्फोट हुए थे. कोल्लम मामले के आरोपियों के तार मैसूर कोर्ट परिसर विस्फोट मामले से भी जुड़े थे.

आजीवन कारावास की सजा हो सकती है...
पुलिस ने पाया कि शमसून करीम राजा ने सभी जगहों पर बम लगाया था. आरोपियों के खिलाफ साजिश, हत्या का प्रयास, चोट पहुंचाने और नुकसान पहुंचाने के अलावा विस्फोटक आयुध अधिनियम और यूएपीए की धाराएं भी लगाई गई हैं. सजा मंगलवार को सुनाई जाएगी. अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.

यह भी पढ़ें- केरल मंदिर अग्निकांड: गंभीर रूप से झुलसे दो की मौत, 98 लोग अस्पतालों में भर्ती

एर्नाकुलम: केरल की एक अदालत ने सोमवार को कोल्लम कलेक्ट्रेट बम विस्फोट मामले में तीन आरोपियों को दोषी ठहराया. दोषी पाए गए आरोपियों के नाम अब्बास अली, शमसून करीम राजा और दाऊद सुलेमान हैं, जो तमिलनाडु के मदुरै के मूल निवासी हैं. इस मामले में चौथे आरोपी शमसुद्दीन को अदालत ने बरी कर दिया.

कोल्लम के जिला प्रधान सत्र न्यायालय द्वारा मंगलवार को दोषियों की सजा सुनवाई जाएगी. कलेक्ट्रेट परिसर में हुए विस्फोट मामले में आठ साल बाद यह फैसला आया. आरोपी प्रतिबंधित संगठन बेस मूवमेंट से जुड़े थे.

15 जून, 2016 को कोल्लम के कलेक्ट्रेट परिसर में एक लावारिस जीप में विस्फोट हुआ था. इस घटना में एक व्यक्ति घायल हुआ था.

पुलिस के मुताबिक, आरोपी तमिलनाडु से बस द्वारा कोल्लम केएसआरटीसी स्टैंड पर पहुंचे और कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचने के लिए ऑटो-रिक्शा में सवार हुए और परिसर में बम लगाया. पुलिस ने विस्फोट स्थल से 15 बैटरियां, 17 फ्यूज वायर और एक बैग बरामद किया था.

उसी साल आंध्र प्रदेश के चित्तूर, नेल्लोर और कर्नाटक के मैसूर में कोर्ट परिसरों में विस्फोट हुए थे. कोल्लम मामले के आरोपियों के तार मैसूर कोर्ट परिसर विस्फोट मामले से भी जुड़े थे.

आजीवन कारावास की सजा हो सकती है...
पुलिस ने पाया कि शमसून करीम राजा ने सभी जगहों पर बम लगाया था. आरोपियों के खिलाफ साजिश, हत्या का प्रयास, चोट पहुंचाने और नुकसान पहुंचाने के अलावा विस्फोटक आयुध अधिनियम और यूएपीए की धाराएं भी लगाई गई हैं. सजा मंगलवार को सुनाई जाएगी. अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.

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