रुद्रप्रयाग: गुरुवार रात से बारिश आफत बनकर बरस रही है. बारिश के कारण रुद्रप्रयाग शहर में केदारनाथ हाईवे पर स्थित सुरंग का ऊपरी हिस्सा ढह गया है. सुरंग के बीच में एक बड़ा छेद भी हो गया. फिलहाल इस रास्ते केदारनाथ धाम जाने वाले वाहनों की आवाजाही बंद की गई है. यात्री बाईपास मोटरमार्ग से केदारनाथ के लिए आवाजाही कर रहे हैं.
केदारनाथ हाईवे की सुरंग क्षतिग्रस्त: केदारनाथ हाईवे के रुद्रप्रयाग संगम स्थित 60 मीटर लम्बी सुरंग बंद हो चुकी है. पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने के कारण सुरंग में सुराख हो गया है. भारी मात्रा में मलबा सुरंग के भीतर आ गया है. इस कारण स्थानीय लोगों एवं तीर्थ यात्रियों को 5 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी. सुरंग को खोलने का कार्य भी शुरू हो गया है. वर्ष 1952 में जिला मुख्यालय से केदारघाटी को यातायात सुविधा से जोड़ने के लिए इस टनल का निर्माण किया गया था.
उफान पर है अलकनंदा नदी: वहीं दूसरी ओर रात को हुई बारिश से शहर में कई स्थानों पर जल भराव की स्थिति भी पैदा हो गई है. बदरीनाथ क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. घाट जलमग्न हो चुके हैं. बेलनी पुल के नीचे शिव मूर्ति डूब गई है. आवासीय घरों को खतरा पैदा हो गया है.
शिव मूर्ति हुई जलमग्न: रुद्रप्रयाग जिले में लगातार बारिश हो रही है. बारिश के बीच केदारनाथ यात्रा चल रही है. धाम में भी रुक रुक कर बारिश हो रही है. वहीं बदरीनाथ क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. नदी खतरे के निशान तक पहुंच गई है. नदी से सटे आवासीय भवनों को खतरा पैदा हो गया है. बेलनी पुल के नीचे स्थित शिव की मूर्ति भी जलमग्न हो चुकी है. उफान पर बह रही अलकनंदा नदी में कूड़ा कचरा और बड़े बड़े पेड़ बहकर आ रहे हैं.
नदी किनारे रहने वालों को चेतावनी: सभासद सुरेंद्र रावत ने कहा कि केदारघाटी के साथ केदारनाथ धाम को जोड़ने वाली संगम स्थित सुरंग बंद हो चुकी है. यहां पहाड़ी से काफी मलबा और बोल्डर गिरे हैं. इस कारण सुरंग में बड़ा छेद हो चुका है और आवाजाही बंद हो चुकी है. नदियों का जल स्तर बढ़ गया है. नदी किनारे बसे लोगों से सचेत रहने को कहा जा रहा है.
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