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पीडीपी में 'बगावत', नेता ने कहा- महबूबा मुफ्ती के बयानों के कारण हुई हार - MEHBOOB BEG ON MEHBOOBA MUFTI

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 14, 2024, 5:49 PM IST

Updated : Jun 14, 2024, 8:08 PM IST

MEHBOOB BEG ON MEHBOOBA MUFTI: लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में पीडीपी की हार पर पार्टी नेताओं के बीच चर्चा शुरू हो गयी है. पार्टी के एक नेता ने पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती को ही जिम्मेदार ठहराया है. पढे़ं ईटीवी भारत के संवाददाता परवेज उद दीन की रिपोर्ट.

MEHBOOB BEG ON MEHBOOBA MUFTI
पीडीपी नेता महबूब बेग (ETV Bharat)

श्रीनगर : पीडीपी नेता महबूब बेग ने कहा कि कश्मीरी लोग जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की विवादास्पद 'दूध और टॉफी' वाली टिप्पणी को नहीं भूले हैं, जिसकी वजह से पार्टी को हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.

पीडीपी नेता महबूब बेग (ETV Bharat)

ईटीवी भारत के संवाददाता परवेज उद दीन के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, एनसी से पीडीपी में शामिल हुए महबूब बेग ने स्वीकार किया कि पीडीपी ‘जनता की भावनाओं को सही ढंग से समझने में विफल रही और पार्टी ने जो मुद्दे उठाए, वे लोगों को समझ में नहीं आए. उन्होंने आत्मनिरीक्षण और इन कमियों को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

बेग ने कहा कि लोगों में अभी भी अगस्त 2016 में महबूबा मुफ्ती की 'दूध और टॉफी' वाली टिप्पणी के प्रति नाराजगी हो सकती है, जो लोकप्रिय हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में महीनों तक चले आंदोलन के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों की हत्याओं के बाद की गई थी. महबूबा ने उस साल 24 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नागरिकों की हत्याओं को उचित ठहराया था. इसके कहा था कि सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए लोग दूध और टॉफी खरीदने नहीं गए थे. उस समय पीडीपी अध्यक्ष भाजपा के साथ गठबंधन में मुख्यमंत्री थीं.

बेग ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, पीडीपी को विशेष रूप से निशाना बनाया गया, जिसके कारण अपनी पार्टी का गठन हुआ और कई पीडीपी नेताओं ने दलबदल किया, जिससे पार्टी कमजोर हुई. बेग के अनुसार, भाजपा ने कश्मीर और उसके लोगों को प्रभावित करने वाले अपने फैसलों के लिए पीडीपी को मुख्य विपक्ष के रूप में देखा.

बेग ने बारामूला संसदीय क्षेत्र के परिणामों पर भी चर्चा की, जहां पार्टी के उम्मीदवार फैयाज मीर की जमानत जब्त हो गई. उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने भावनाओं से प्रेरित होकर इंजीनियर राशिद को महत्वपूर्ण बहुमत से चुना. बेग ने कहा कि इससे ऐसी स्थिति पैदा हुई कि न तो पीडीपी उम्मीदवार फैयाज मीर अपनी जमानत बचा सके और न ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जीत हासिल कर सके.

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के बारे में पूछे गए सवाल पर बेग ने एनसी नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के व्यापक हितों पर अपनी पार्टी को प्राथमिकता दी है. आगामी विधानसभा चुनावों में पीडीपी के प्रदर्शन पर हालिया फैसले के संभावित प्रभाव के बारे में बेग ने कहा कि अगर पार्टी अपनी कमजोरियों को दूर नहीं करती है, तो इससे उनकी जीत की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं.

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पीडीपी नेता महबूब बेग (ETV Bharat)

ईटीवी भारत के संवाददाता परवेज उद दीन के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, एनसी से पीडीपी में शामिल हुए महबूब बेग ने स्वीकार किया कि पीडीपी ‘जनता की भावनाओं को सही ढंग से समझने में विफल रही और पार्टी ने जो मुद्दे उठाए, वे लोगों को समझ में नहीं आए. उन्होंने आत्मनिरीक्षण और इन कमियों को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

बेग ने कहा कि लोगों में अभी भी अगस्त 2016 में महबूबा मुफ्ती की 'दूध और टॉफी' वाली टिप्पणी के प्रति नाराजगी हो सकती है, जो लोकप्रिय हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में महीनों तक चले आंदोलन के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों की हत्याओं के बाद की गई थी. महबूबा ने उस साल 24 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नागरिकों की हत्याओं को उचित ठहराया था. इसके कहा था कि सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए लोग दूध और टॉफी खरीदने नहीं गए थे. उस समय पीडीपी अध्यक्ष भाजपा के साथ गठबंधन में मुख्यमंत्री थीं.

बेग ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, पीडीपी को विशेष रूप से निशाना बनाया गया, जिसके कारण अपनी पार्टी का गठन हुआ और कई पीडीपी नेताओं ने दलबदल किया, जिससे पार्टी कमजोर हुई. बेग के अनुसार, भाजपा ने कश्मीर और उसके लोगों को प्रभावित करने वाले अपने फैसलों के लिए पीडीपी को मुख्य विपक्ष के रूप में देखा.

बेग ने बारामूला संसदीय क्षेत्र के परिणामों पर भी चर्चा की, जहां पार्टी के उम्मीदवार फैयाज मीर की जमानत जब्त हो गई. उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने भावनाओं से प्रेरित होकर इंजीनियर राशिद को महत्वपूर्ण बहुमत से चुना. बेग ने कहा कि इससे ऐसी स्थिति पैदा हुई कि न तो पीडीपी उम्मीदवार फैयाज मीर अपनी जमानत बचा सके और न ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जीत हासिल कर सके.

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के बारे में पूछे गए सवाल पर बेग ने एनसी नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के व्यापक हितों पर अपनी पार्टी को प्राथमिकता दी है. आगामी विधानसभा चुनावों में पीडीपी के प्रदर्शन पर हालिया फैसले के संभावित प्रभाव के बारे में बेग ने कहा कि अगर पार्टी अपनी कमजोरियों को दूर नहीं करती है, तो इससे उनकी जीत की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं.

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Last Updated : Jun 14, 2024, 8:08 PM IST
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